बुधवार, 24 अगस्त 2011

लोकपाल पर लिजलिजी बीजेपी में 'बगावत'

नई दिल्ली।। लोकपाल को लेकर चल रहे अन्ना हजारे के आंदोलन के मुद्दे पर बीजेपी नेताओं ने बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पार्टी के गंभीर नहीं होने का आरोप लगाते हुए यशवंत सिन्हा और शत्रुध्न सिन्हा सहित बीजेपी के तीन नेताओं ने संसद की सदस्यता से इस्तीफे देने की पेशकश की। पेशकश करने वाले तीसरे सांसद उदय सिंह हैं।
yashwant-sinha420.jpg
इन सांसदों ने बुधवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक में आरोप लगाया कि पार्टी लोकपाल के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाने में असमर्थ रही है। यह बैठक सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक और चालू संसद सत्र में रणनीति तय करने के लिए बुलाई गई थी।

हजारीबाग से सांसद और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में हुई बैठक में महज अन्ना हजारे के स्वास्थ्य पर चिंता जताने और उनसे अनशन समाप्त करने की अपील किए जाने पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी अपना रुख साफ नहीं करती है, तो लोकसभा की सदस्यता से उना का इस्तीफा स्वीकार करे। हालांकि, पार्टी आलाकमान ने उनके इस्तीफे की पेशकश को ठुकरा दिया है।


यशवंत सिन्हा ने कहा कि काला धन, करप्शन का मुद्दा बीजेपी ने ही सबसे पहले उठाया था। पार्टी इन मुद्दों को सही ढंग से आगे नहीं बढ़ा पाई। आज इन मुद्दों पर हम ही पीछे छुटते नजर आ रहे हैं।

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि बीजेपी को इस विषय पर स्पष्ट रुख अख्तियार करना चाहिए और हजारे मामले में जुबानी जमाखर्च से काम नहीं चलेगा।

इससे पहले बीजेपी के तेज-तर्रार युवा सांसद वरुण गांधी निजी विधेयक के रूप में अन्ना हजारे के जन लोकपाल विधेयक को लाने के लिए लोकसभा में नोटिस दे चुके हैं। वरुण बुधवार को रामलीला मैदान भी पहुंचे जहां गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे अनशन पर बैठे हुए हैं। हरे रंग का कुर्ता पहने और तिरंगा बैज लगाए पीलीभीत के 31 साल के सांसद रामलीला मैदान में सुबह करीब साढ़े 8 बजे पहुंचे और प्रदर्शनकारियों के पास बैठ गए। वरुण ने कहा कि मैं यहां आम आदमी के रूप में आया हूं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें