मऊ। प्रदेश के मऊ जिले में गुरुवार को भारतीय वायु सेना का जगुआर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस घटना में विमान के पायलट सहित एक लड़की की मौत हो गई है। गोरखपुर हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाला भारतीय वायु सेना का यह विमान जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के फिरोजपुर गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ।
मऊ के पुलिस अधीक्षक ओंकार सिंह ने बताया कि भारतीय वायु सेना का यह विमान जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के फिरोजपुर गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विमान में पायलट के अलावा कोई और सवार था या नहीं। क्रैश के वक्त खेत में काम कर रही एक लड़की की भी मौत हो गई। फाइटर प्लेन के क्रैश होने की यह लगातार दूसरी घटना है।
गौरतलब है कि इससे पहले राजस्थान में नाल हवाई अड्डे के पास बीते मंगलवार दोपहर तकनीकी खराबी के कारण मिग-21 में आग लग गई थी। घटना में पायलट की मौत हो गई। विमान का मलबा करीब एक किलोमीटर क्षेत्र में बिखर गया और धमाके से पूरा क्षेत्र दहल गया। वायुसेना ने इस घटना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए हैं।
आधे से अधिक मिग प्लेन हो चुके हैं क्रैश
एक संसदीय रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि मिग बेड़े के आधे से अधिक विमान क्रैश हो चुके हैं। रक्षा मंत्रालय से संबद्ध संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में बताया है कि मिग विमानों की ज्यादातर दुर्घटनाएं पुरानी टेक्नोलाजी की वजह से हुई हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि पुरानी पड़ चुकी टेक्नोलाजी के कारण मिग 21 और मिग 27 के इंजन में खराबी आने की घटनाएं आम हैं। इन विमानों की आपूर्ति करने वाले देश रूस ने भी इन्हें अपनी सेवा से बाहर कर दिया है। जबकि भारत में इसकी सेवा जारी है।
मऊ के पुलिस अधीक्षक ओंकार सिंह ने बताया कि भारतीय वायु सेना का यह विमान जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के फिरोजपुर गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विमान में पायलट के अलावा कोई और सवार था या नहीं। क्रैश के वक्त खेत में काम कर रही एक लड़की की भी मौत हो गई। फाइटर प्लेन के क्रैश होने की यह लगातार दूसरी घटना है।
गौरतलब है कि इससे पहले राजस्थान में नाल हवाई अड्डे के पास बीते मंगलवार दोपहर तकनीकी खराबी के कारण मिग-21 में आग लग गई थी। घटना में पायलट की मौत हो गई। विमान का मलबा करीब एक किलोमीटर क्षेत्र में बिखर गया और धमाके से पूरा क्षेत्र दहल गया। वायुसेना ने इस घटना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए हैं।
आधे से अधिक मिग प्लेन हो चुके हैं क्रैश
एक संसदीय रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि मिग बेड़े के आधे से अधिक विमान क्रैश हो चुके हैं। रक्षा मंत्रालय से संबद्ध संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में बताया है कि मिग विमानों की ज्यादातर दुर्घटनाएं पुरानी टेक्नोलाजी की वजह से हुई हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि पुरानी पड़ चुकी टेक्नोलाजी के कारण मिग 21 और मिग 27 के इंजन में खराबी आने की घटनाएं आम हैं। इन विमानों की आपूर्ति करने वाले देश रूस ने भी इन्हें अपनी सेवा से बाहर कर दिया है। जबकि भारत में इसकी सेवा जारी है।
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