बारिश से पांच गांवों में स्थितियां गंभीर
शिव व कवास फिर आशंकित
बाड़मेर। शिव क्षेत्र में रविवार अलसुबह हुई बारिश से पांच गांवों में स्थितियां गंभीर हो गई है। कई घरों में पानी घुस गया है। बाड़मेर-जैसलमेर सड़क मार्ग अवरूद्ध हो गया। शिव क्षेत्र में हुई तेज बारिश के चलते प्रशासन ने कवास को खाली करने की मुनादी करवा दी है। एहतियात के तौर पर रोहिली नदी के बहाव क्षेत्र के गांवों में पटवारी, ग्राम सेवक व अन्य सरकारी कर्मचारियों को हर पल की जानकारी के लिए मुस्तैद कर दिया है। रविवार शाम तक जिले के शिव में 25, हरसाणी 72,गडरारोड 25 एवं चौहटन में 15 एम एम बारिश हुई। 2006 की बाढ़ से तबाह हुए कवास गांव के लोग वापिस वहीं आकर बस गए है। इन लोगों के पुनर्वास के लिए बनाए न्यू कवास खाली पड़ा है।
शिव क्षेत्र में 36 घंटे हुई तेज बारिश ने प्रशासन के कान खड़े कर दिए है। रविवार को जिला प्रशासन ने पुराने कवास में बसे लोगों को चेतावनी देते हुए मुनादी करवाई है। कवास को खाली कर न्यू कवास में बसने और किसी भी सूरत में आगामी दस दिन तक पुराने कवास में रात नहीं बिताने की चेतावनी दी है।
शिव. शिव क्षेत्र में पिछले चालीस घण्टो से हो रही मूसलाधार बारिश से कई गांवों में पानी के भराव के कारण हालात विकट हो गए है। इन गांवों के अधिकतर तालाब, एनीकट, मैदान व खेतों में पानी ही पानी जमा हो गया है। यहां लगातार चल रही बारिश से ग्रामीणों में दहशत का माहौल हो गया है। राष्ट्रीय मरू उद्यान क्षेत्र के खबड़ाला, पुंजराज का पार, गिराब, द्राभा, साखली, रतरेडी, बिजावल, बन्धड़ा, हरसाणी, असाड़ी, तुड़बी, जुडिया, झणकली, चेतरोड़ी, मोसेरी, रोहिड़ी मे मूसलाधार बारिश हुई। ताणुमानजी, तुड़बी, असाड़ी, गिराब, उनरोड व मोसेरी गांवों में स्थित घरों में तीन तीन फीट पानी भरने से ग्रामीणों में अफरा तफरी मच गई। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर बचाव करते हुए ऊंचाई वाले स्थानों की शरण ली। कई कच्चे मकान ढह गए एवं सैकड़ों मकानों में दरारे आने से खतरा पैदा हो गया है। ताणुमानजी गांव में चार चार फीट पानी आने से हालात विकट हो गए है। गांव के पास स्थित एनीकट लबालब हो गया है। यदि यह एनीकट टूटता है तो बड़ा खतरा हो सकता है। यह पानी फोगेरा से मलबा गांव तक पहुंच सकता है। रविवार को शिव, गूंगा, नागड़दा, मौखाब, काश्मीर, पोषाल, भीयाड़, आरंग, चोचरा, कानासर, धारवी, पूषड़, हाथीसिंह का गांव, राजडाल, देवका, गूंगा, बरियाड़ा, बीसू, बलाई सहित कई गांवों में मूसलाधार बारिश हुई है। भीयाड़ गांव के कई घरो में पानी घुस गया।
अधिकारियों के वाहन फंसे- मूसलाधार बारिश के चलते मौका स्थिति का जायजा लेने पहुंचे अधिकारियों के वाहनों के मार्ग में फंसने से उन्हें प्रभावित ग्रामीणों तक पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। विकास अधिकारी टीकमाराम चौधरी हरसाणी में एवं तहसीलदार का वाहन तुड़बी गांव में पानी में फंस गया। हरसाणी से बाड़मेर, ताणुमानजी, फोगेरा, गिराब, झिनझिणयाली, जुडिया एवं शिव मार्ग क्षतिग्रस्त होने से हरसाणी गांव का सम्पर्क टूट गया है। डीएनपी क्षेत्र मे सड़के क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों के लिए आवागमन की समस्या खड़ी हो गई है। रविवार को बरियाड़ा गांव में मूसलाधार बारिश के बाद एनीकट टूटने से बाड़मेर-जैसलमेर सड़क मार्ग पर तीन तीन फीट पानी बहने से करीब तीन घण्टे आवागमन बाधित हुआ जिससे दोनो तरफ वाहनों की कतार लग गई।
बाड़मेर। शिव क्षेत्र में रविवार अलसुबह हुई बारिश से पांच गांवों में स्थितियां गंभीर हो गई है। कई घरों में पानी घुस गया है। बाड़मेर-जैसलमेर सड़क मार्ग अवरूद्ध हो गया। शिव क्षेत्र में हुई तेज बारिश के चलते प्रशासन ने कवास को खाली करने की मुनादी करवा दी है। एहतियात के तौर पर रोहिली नदी के बहाव क्षेत्र के गांवों में पटवारी, ग्राम सेवक व अन्य सरकारी कर्मचारियों को हर पल की जानकारी के लिए मुस्तैद कर दिया है। रविवार शाम तक जिले के शिव में 25, हरसाणी 72,गडरारोड 25 एवं चौहटन में 15 एम एम बारिश हुई। 2006 की बाढ़ से तबाह हुए कवास गांव के लोग वापिस वहीं आकर बस गए है। इन लोगों के पुनर्वास के लिए बनाए न्यू कवास खाली पड़ा है।
शिव क्षेत्र में 36 घंटे हुई तेज बारिश ने प्रशासन के कान खड़े कर दिए है। रविवार को जिला प्रशासन ने पुराने कवास में बसे लोगों को चेतावनी देते हुए मुनादी करवाई है। कवास को खाली कर न्यू कवास में बसने और किसी भी सूरत में आगामी दस दिन तक पुराने कवास में रात नहीं बिताने की चेतावनी दी है।
शिव. शिव क्षेत्र में पिछले चालीस घण्टो से हो रही मूसलाधार बारिश से कई गांवों में पानी के भराव के कारण हालात विकट हो गए है। इन गांवों के अधिकतर तालाब, एनीकट, मैदान व खेतों में पानी ही पानी जमा हो गया है। यहां लगातार चल रही बारिश से ग्रामीणों में दहशत का माहौल हो गया है। राष्ट्रीय मरू उद्यान क्षेत्र के खबड़ाला, पुंजराज का पार, गिराब, द्राभा, साखली, रतरेडी, बिजावल, बन्धड़ा, हरसाणी, असाड़ी, तुड़बी, जुडिया, झणकली, चेतरोड़ी, मोसेरी, रोहिड़ी मे मूसलाधार बारिश हुई। ताणुमानजी, तुड़बी, असाड़ी, गिराब, उनरोड व मोसेरी गांवों में स्थित घरों में तीन तीन फीट पानी भरने से ग्रामीणों में अफरा तफरी मच गई। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर बचाव करते हुए ऊंचाई वाले स्थानों की शरण ली। कई कच्चे मकान ढह गए एवं सैकड़ों मकानों में दरारे आने से खतरा पैदा हो गया है। ताणुमानजी गांव में चार चार फीट पानी आने से हालात विकट हो गए है। गांव के पास स्थित एनीकट लबालब हो गया है। यदि यह एनीकट टूटता है तो बड़ा खतरा हो सकता है। यह पानी फोगेरा से मलबा गांव तक पहुंच सकता है। रविवार को शिव, गूंगा, नागड़दा, मौखाब, काश्मीर, पोषाल, भीयाड़, आरंग, चोचरा, कानासर, धारवी, पूषड़, हाथीसिंह का गांव, राजडाल, देवका, गूंगा, बरियाड़ा, बीसू, बलाई सहित कई गांवों में मूसलाधार बारिश हुई है। भीयाड़ गांव के कई घरो में पानी घुस गया।
अधिकारियों के वाहन फंसे- मूसलाधार बारिश के चलते मौका स्थिति का जायजा लेने पहुंचे अधिकारियों के वाहनों के मार्ग में फंसने से उन्हें प्रभावित ग्रामीणों तक पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। विकास अधिकारी टीकमाराम चौधरी हरसाणी में एवं तहसीलदार का वाहन तुड़बी गांव में पानी में फंस गया। हरसाणी से बाड़मेर, ताणुमानजी, फोगेरा, गिराब, झिनझिणयाली, जुडिया एवं शिव मार्ग क्षतिग्रस्त होने से हरसाणी गांव का सम्पर्क टूट गया है। डीएनपी क्षेत्र मे सड़के क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों के लिए आवागमन की समस्या खड़ी हो गई है। रविवार को बरियाड़ा गांव में मूसलाधार बारिश के बाद एनीकट टूटने से बाड़मेर-जैसलमेर सड़क मार्ग पर तीन तीन फीट पानी बहने से करीब तीन घण्टे आवागमन बाधित हुआ जिससे दोनो तरफ वाहनों की कतार लग गई।
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