सोमवार, 22 अगस्त 2011

कृष्ण का जन्मोत्सव



मथुरा। भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में सोमवार बांके बिहारी का जन्मोत्सव पूरी सजधज और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। मंदिरों में सुंदर झांकियां सजाई गई हैं और घर-घर में व्रत रखकर लाला के आगमन की बधाइयां गाई जा रही हैं। इस दौरान विभिन्न स्थानों पर भंडारे लगाए गए।

मथुरा में पिछले कई दिन से कान्हा के जन्मदिन की तैयारियां जोरों पर हैं। इसके लिए कई विदेशी मेहमान भी श्रीकृष्ण की इस प्राचीन नगरी में आए हुए हैं। श्रद्धालुओं के आकर्षण का मुख्य केंद्र गिरिधर का जन्मस्थान है, जहां पांच हजार दो सौ चौंतीस वर्ष पहले कंस के कारागार में नंदलाल का जन्म हुआ था। वैसे मथुरा के द्वारिकाधीश, वृंदावन के बांके बिहारी, इस्कॉन मंदिर, रंगजी मंदिर आदि में भक्तों की भारी भीड़ रही।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने डा. केशवदेव मंदिर को कारागार का रूप देकर यशोदानंदन के आने की तैयारी की। वैसे क्षेत्र के तमाम छोटे बड़े मंदिरों में पार्थसारथी के जन्म को लेकर भक्तों में खासा उत्साह नजर आया और भारी भीड़ के बीच लोग कन्हैया के विभिन्न स्वरूपों को प्रदर्शित करने वाली झांकियों का आनंद लेते नजर आए।

वृंदावन में जहां कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है वहीं नंदगांव में जन्माष्टमी रविवार को मनाए जाने के कारण सोमवार को नंदोत्सव की धूम रही। इस विशाल महोत्सव के दौरान व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक पैमाने पर इंतजाम किए गए। दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया। पूरे शहर को तीन जोन और 14 सैक्टर में बांटकर करीब दो हजार पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को तैनात किया गया। इनके अलावा बम निष्क्रिय करने वाले दस्ते, डॉग स्क्वाड और खुफिया पुलिस के लोग पूरी मुस्तैदी से सुरक्षा उपायों को चाक-चौबंद रखने में जुटे रहे।

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