बुधवार, 3 अगस्त 2011

टार्गेट पूरा करना था, कुंवारे की नसबंदी कर दी


हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत की खारिज
जोधपुर। सरकारी टार्गेट पूरा करने के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने अपने मुंह बोले भाई को एक शिविर में लाकर उसकी नसबंदी करवा दी। होश में आने पर युवक को पता चला कि उसकी जिंदगी बर्बाद हो गई है, तो उसने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। अभियुक्त पकड़े गए, अब जमानत के लिए हाईकोर्ट तक ने आवेदन स्वीकार करने से मना कर दिया है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश निशा गुप्ता ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई दौरान आरोपी की जमानत देने से इंकार कर दिया।
हाईकोर्ट में सरकारी वकील अनिल जोशी ने बताया कि सिरियारी निवासी प्रद्युम्नसिंह ने देवगढ़ राजसमंद में इस्तगासा करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं भावना और चांदमल सुथार आदि के खिलाफ आरोप लगाया कि वह अविवाहित है और उसे फेंफड़ों की बीमारी है। इसकी जानकारी भावना को है, वह मुंहबोली बहन भी है।
4 फरवरी 2011 को जीजाजी से मिलने बेरवा जा रहा था तो ये सभी अभियुक्त कामली घाट पर मिले। उन्होंने कहा कि वहां निशुल्क शिविर चल रहा है व तुम्हारा इलाज करवाएंगे। इस पर उसे वहां ले गए, इन्जेक्शन देने के बाद वह बेहोश हो गया। होश आने पर पता चला कि उसकी नसबंदी कर दी गई है। इस पर उसने भावना से विरोध प्रकट करते हुए कहा कि उसकी जिंदगी खराब हो गई है। इस पर उसने कहा कि उसे टार्गेट पूरा करना था, नौकरी खतरे में थी, इस लिए नसबंदी करवानी पड़ी।

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