पंचायत का फरमान "बेटी के बदले बेटी"
मुजफ्फरनगर। प्रेम विवाह और सगोत्र विवाह पर समाज के तथाकथित ठेकेदार जहां अक्सर अपना फरमान सुनाते रहते हैं वहीं रविवार को पंचायत का एक अलग ही फरमान सामने आया। जिसमें एक प्रेमी युगल के फरार हो जाने पर पंचायत ने प्रेमी के परिजनों को सजा के तौर पर अपनी बेटी का विवाह प्रेमिका के भाई से करने का फरमान सुना दिया।
मामला जनपद मुजफ्फरनगर के बाबरी थाना छेत्र के गांव का है। गांव के चंदर की नाबालिग बेटी का सोनीपत (हरियाणा ) निवासी विनोद से प्रेम सम्बंध हो गए। चंदर को इस बात की जानकारी होने पर उसने प्रेमी युगल के मिलने पर पाबंदी लगा दी। आठ दिन पहले मौका देखकर दोनों घर से फरार हो गए।
प्रेमिका के पिता चंदर ने पुलिस में प्रेमी विनोद के खिलाफ बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस ने दो दिन पहले प्रेमी की मां, चाचा और एक परिचित को पूछताछ केलिए थाने में बैठा लिया। जब ग्रामीणों और प्रेमिका के परिजनों को इसकी सूचना मिली तो वे थाने पहुंच गए।
इसके बाद शनिवार को बाबरी थाने में एक पंचायत बुलाई गई। पंचायत में पुलिस भी मौजूद थी। दोनों पक्षों की बात सुनकर पंचायत ने एक फरमान जारी करते हुए कहा कि पीडित पक्ष की बेटी न मिलने पर आरोपी (प्रेमी) की बहन की शादी प्रेमिका के भाई से करा दी जाए। पंचायत ने यह शादी थाने में ही कराए जाने का फैसला दिया है।
वहीं, पंचायत के इस फरमान को दोनों पक्षों के लोगों की रजामंदी मिल गई है और साले से जीजा बनने जा रहे धर्मेन्द्र ने भी यह नया रिश्ता मंजूर कर लिया है। पुलिस थाने में बैठे प्रेमी विनोद की मां और चाचा ने भी बदले में अपनी बेटी की शादी धर्मेन्द्र से तय कर दी है और उन्हें पंचायत के इस फैसले से किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है।
बाबरी थानध्यक्ष बलजीत सिंह ने बताया कि पुलिस इस मामले में दो पहलुओं पर जांच करेगी। इसमें एक तो शादी दबाव में न कराई जाए और दूसरा दूल्हा-दुल्हन नाबालिग न हो। अगर ऎसा पाया जाता है तो दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
सोमवार, 8 अगस्त 2011
पंचायत का फरमान "बेटी के बदले बेटी"
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