सात वर्ष से संस्कृत विद्यालय कागजों में
मोकलसर। शिक्षा विभाग में अंधेरगर्दी का आलम यह है कि कस्बे मोकलसर मे एक संस्कृत विद्यालय पिछले सात वर्षो से सरकार कागजो मे ही संचालित हो रहा है। खास बात यह है कि कागजों में चल रहे इस विद्यालय के शुरू होने के तीन वर्ष बाद शिक्षा विभाग ने इस विद्यालय को क्रमोन्नत भी कर दिया, लेकिन कड़वा सच यह है कि भवन की कमी के चलते आज तक शुरू नहीं हुए विद्यालय पर छात्रों को शिक्षा का लाभ नहीं मिल पाया है। शिक्षा के विकास को लेकर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं संचालित की जा रही है।
शिक्षा विकास को लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर संस्कृत शिक्षा निदेशक जयपुर ने 26 फरवरी 2004 को कस्बे मे राजकीय संस्कृत प्राथमिक विद्यालय खोलने के आदेश जारी किए। इसके साथ 15 जुलाई 2004 को अध्यापन कार्य के लिए विद्यालय मे एक शिक्षक की नियुक्ति के आदेश जारी किए। ग्राम पंचायत द्वारा जमीन उपलब्ध नहीं करवाने के कारण भवन का निर्माण नहीं हुआ। इसके चलते विद्यालय शुरू नहीं हुआ। पहले जारी किए गए आदेश की क्रियान्विति हुई या नहीं हुई, विद्यालय खुला अथवा नहीं इन सभी बातों से बेपरवाह रहते हुए शिक्षा विभाग ने तीन वर्ष बाद 6 फरवरी 2007 को इस विद्यालय को उच्च प्राथमिक विद्यालय में क्रमोन्नत कर दिया।
कागजों मे ही संचालित इस विद्यालय के लिए शिक्षा विभाग ने 21 अक्टूबर 2010 को एक शिक्षक की नियुक्ति की। ऎसे में सरकारी आदेश से गांव में संस्कृत विद्यालय को मिली स्वीकृति कागजों मे ही दबकर रह गई। भवन अभाव के साथ यहां किराए पर भवन उपलब्ध नहीं होने पर स्वीकृति बाद एक दिन भी विद्यालय संचालन नहीं हुआ। ऎसे में यहां नियुक्त किए गए दो शिक्षक अन्य विद्यालयों में प्रतिनियुक्तियों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
उपलब्ध करवाई जाएगी भूमि-कुछ दिन पहले कस्बे में संस्कृत उच्च माध्यमिक विद्यालय शुरू होने के आदेश की जानकारी मिली है। पंचायत प्रस्ताव पारित करवाकर विद्यालय भवन निर्माण के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध करवाने की कोशिश की जाएगी। विभाग चाहे होली के थान के पास विद्यालय परिसर में विद्यालय का संचालन कार्य प्रारंभ कर सकते हैं।- श्रीमती रेशमी देवी भाटी,सरपंच
नहीं उपलब्ध हुई भूमि
वर्ष 2004 मे कस्बे में संस्कृत विद्यालय खोलने के आदेश प्राप्त हुए थे। इसे लेकर अब तक रहे सभी सरपंचो से मुलाकात कर विद्यालय निर्माण के लिए भूमि आवंटन की मांग की गई। किसी ने भी भूमि उपलब्ध नहीं करवाई। भूमि उपलब्ध होने पर सर्व शिक्षा अभियान के तहत विद्यालय भवन का निर्माण शुरू करवाया जाएगा।
- टोपाराम बारेसा, संभागीय शिक्षा अधिकारी, संस्कृत संभागीय विभाग जोधपुर
मोकलसर। शिक्षा विभाग में अंधेरगर्दी का आलम यह है कि कस्बे मोकलसर मे एक संस्कृत विद्यालय पिछले सात वर्षो से सरकार कागजो मे ही संचालित हो रहा है। खास बात यह है कि कागजों में चल रहे इस विद्यालय के शुरू होने के तीन वर्ष बाद शिक्षा विभाग ने इस विद्यालय को क्रमोन्नत भी कर दिया, लेकिन कड़वा सच यह है कि भवन की कमी के चलते आज तक शुरू नहीं हुए विद्यालय पर छात्रों को शिक्षा का लाभ नहीं मिल पाया है। शिक्षा के विकास को लेकर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं संचालित की जा रही है।
शिक्षा विकास को लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर संस्कृत शिक्षा निदेशक जयपुर ने 26 फरवरी 2004 को कस्बे मे राजकीय संस्कृत प्राथमिक विद्यालय खोलने के आदेश जारी किए। इसके साथ 15 जुलाई 2004 को अध्यापन कार्य के लिए विद्यालय मे एक शिक्षक की नियुक्ति के आदेश जारी किए। ग्राम पंचायत द्वारा जमीन उपलब्ध नहीं करवाने के कारण भवन का निर्माण नहीं हुआ। इसके चलते विद्यालय शुरू नहीं हुआ। पहले जारी किए गए आदेश की क्रियान्विति हुई या नहीं हुई, विद्यालय खुला अथवा नहीं इन सभी बातों से बेपरवाह रहते हुए शिक्षा विभाग ने तीन वर्ष बाद 6 फरवरी 2007 को इस विद्यालय को उच्च प्राथमिक विद्यालय में क्रमोन्नत कर दिया।
कागजों मे ही संचालित इस विद्यालय के लिए शिक्षा विभाग ने 21 अक्टूबर 2010 को एक शिक्षक की नियुक्ति की। ऎसे में सरकारी आदेश से गांव में संस्कृत विद्यालय को मिली स्वीकृति कागजों मे ही दबकर रह गई। भवन अभाव के साथ यहां किराए पर भवन उपलब्ध नहीं होने पर स्वीकृति बाद एक दिन भी विद्यालय संचालन नहीं हुआ। ऎसे में यहां नियुक्त किए गए दो शिक्षक अन्य विद्यालयों में प्रतिनियुक्तियों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
उपलब्ध करवाई जाएगी भूमि-कुछ दिन पहले कस्बे में संस्कृत उच्च माध्यमिक विद्यालय शुरू होने के आदेश की जानकारी मिली है। पंचायत प्रस्ताव पारित करवाकर विद्यालय भवन निर्माण के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध करवाने की कोशिश की जाएगी। विभाग चाहे होली के थान के पास विद्यालय परिसर में विद्यालय का संचालन कार्य प्रारंभ कर सकते हैं।- श्रीमती रेशमी देवी भाटी,सरपंच
नहीं उपलब्ध हुई भूमि
वर्ष 2004 मे कस्बे में संस्कृत विद्यालय खोलने के आदेश प्राप्त हुए थे। इसे लेकर अब तक रहे सभी सरपंचो से मुलाकात कर विद्यालय निर्माण के लिए भूमि आवंटन की मांग की गई। किसी ने भी भूमि उपलब्ध नहीं करवाई। भूमि उपलब्ध होने पर सर्व शिक्षा अभियान के तहत विद्यालय भवन का निर्माण शुरू करवाया जाएगा।
- टोपाराम बारेसा, संभागीय शिक्षा अधिकारी, संस्कृत संभागीय विभाग जोधपुर
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