गुरू रामदास महाराज पंचतत्व में विलीन
बालोतरा। श्री सीताराम चोंच मंदिर बालोतरा के दिवंगत गादीपति हरिदास महाराज के वयोवृद्ध शिष्य तथा श्री भोलाराम आश्रम जागसा के गादीपति रामदास महाराज का शनिवार को बैकुंठधाम गमन हो गया। 88 वष्ाीüय रामदास महाराज पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे। उनके देहावसान के समाचार के बाद संभाग के कोने-कोने से हजारों की संख्या में पहुंचे भक्त भाविकों ने गुरू रामदास महाराज को सजल नेत्रों से श्रद्धांजलि देते हुए अंतिम विदाई दी। शनिवार शाम निकली बैकुंठी यात्रा में जन सैलाब उमड़ पड़ा। देर शाम दिवंगत रामदास महाराज की पार्थिव देह को विधिविधान के साथ पंचतत्व में विलीन किया गया।
श्री भोलाराम आश्रम जागसा के गादीपति रामदास महाराज के शनिवार सुबह 6 बजे बैकुंठधाम गमन के समाचार के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। बालोतरा, बुड़ीवाड़ा, जागसा, जोधपुर, जालोर, बाड़मेर, कालूड़ी, असाड़ा, टापरा सहित आस-पास के गांवो से बड़ी संख्या में पहुंच रहे महिलाओं व पुरूषों की भीड़ के चलते दोपहर होने तक आश्रम परिसर पूरी तरह से खचाखच हो गया। बालोतरा व आस-पास के गांवों से जागसा तक पहुंचने के लिए नि:शुल्क बसों की व्यवस्था की गई।
लोगों को अंतिम दर्शन के लिए खड़े रहने तक के लिए जगह नहीं मिली। आश्रम के मुख्य भवन में दिवंगत रामदास महाराज की पार्थिव देह को श्रद्धालुओं के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। दिन भर भजन कीर्तन का दौर चलता रहा। दोपहर बाद बैकुंठी सजाई गई। विभिन्न अनुष्ठानों के बाद शाम को नवखंडी बैकुंठी में पार्थिव देह को रखा गया।
महामंडलेश्वर राघवदास महाराज, रघुदास महाराज तिरसिंगड़ी, रामकिशोरदास गुड़ामालानी, समदड़ी महंत नरसिंगदास महाराज, हनुमान बगेची बालोतरा के गादीपति नारायणदास महाराज, मीठा महंत उम्मेदगिरी, वरिया महंत नारायण भारती, धनवा महंत लक्ष्मणगिरी, ऊंचिया महंत नरेशगिरी महाराज, तुलसीदास महाराज पादरू सहित मुख्य शिष्य सियावरदास महाराज व साधु संतों ने गुरू रामदास महाराज की पार्थिव देह की परिक्रमा लगाकर साधु संप्रदाय की क्रियाएं संपन्न करवाई। आरती के बाद बैकुंठीयात्रा रवाना हुई। गांव के मुख्य मार्गो से होती हुई बैकुंठी यात्रा पुन: आश्रम पहुंची। यहां पर गमगीन माहौल में रामदास महाराज को अंतिम विदाई दी गई। मुख्य शिष्य सियावरदास महाराज ने चिता को अग्नि दी। जयकारों से गूंजते माहौल में पार्थिव देह को पंच तत्व में विलीन किया गया।
बालोतरा। श्री सीताराम चोंच मंदिर बालोतरा के दिवंगत गादीपति हरिदास महाराज के वयोवृद्ध शिष्य तथा श्री भोलाराम आश्रम जागसा के गादीपति रामदास महाराज का शनिवार को बैकुंठधाम गमन हो गया। 88 वष्ाीüय रामदास महाराज पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे। उनके देहावसान के समाचार के बाद संभाग के कोने-कोने से हजारों की संख्या में पहुंचे भक्त भाविकों ने गुरू रामदास महाराज को सजल नेत्रों से श्रद्धांजलि देते हुए अंतिम विदाई दी। शनिवार शाम निकली बैकुंठी यात्रा में जन सैलाब उमड़ पड़ा। देर शाम दिवंगत रामदास महाराज की पार्थिव देह को विधिविधान के साथ पंचतत्व में विलीन किया गया।
श्री भोलाराम आश्रम जागसा के गादीपति रामदास महाराज के शनिवार सुबह 6 बजे बैकुंठधाम गमन के समाचार के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। बालोतरा, बुड़ीवाड़ा, जागसा, जोधपुर, जालोर, बाड़मेर, कालूड़ी, असाड़ा, टापरा सहित आस-पास के गांवो से बड़ी संख्या में पहुंच रहे महिलाओं व पुरूषों की भीड़ के चलते दोपहर होने तक आश्रम परिसर पूरी तरह से खचाखच हो गया। बालोतरा व आस-पास के गांवों से जागसा तक पहुंचने के लिए नि:शुल्क बसों की व्यवस्था की गई।
लोगों को अंतिम दर्शन के लिए खड़े रहने तक के लिए जगह नहीं मिली। आश्रम के मुख्य भवन में दिवंगत रामदास महाराज की पार्थिव देह को श्रद्धालुओं के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। दिन भर भजन कीर्तन का दौर चलता रहा। दोपहर बाद बैकुंठी सजाई गई। विभिन्न अनुष्ठानों के बाद शाम को नवखंडी बैकुंठी में पार्थिव देह को रखा गया।
महामंडलेश्वर राघवदास महाराज, रघुदास महाराज तिरसिंगड़ी, रामकिशोरदास गुड़ामालानी, समदड़ी महंत नरसिंगदास महाराज, हनुमान बगेची बालोतरा के गादीपति नारायणदास महाराज, मीठा महंत उम्मेदगिरी, वरिया महंत नारायण भारती, धनवा महंत लक्ष्मणगिरी, ऊंचिया महंत नरेशगिरी महाराज, तुलसीदास महाराज पादरू सहित मुख्य शिष्य सियावरदास महाराज व साधु संतों ने गुरू रामदास महाराज की पार्थिव देह की परिक्रमा लगाकर साधु संप्रदाय की क्रियाएं संपन्न करवाई। आरती के बाद बैकुंठीयात्रा रवाना हुई। गांव के मुख्य मार्गो से होती हुई बैकुंठी यात्रा पुन: आश्रम पहुंची। यहां पर गमगीन माहौल में रामदास महाराज को अंतिम विदाई दी गई। मुख्य शिष्य सियावरदास महाराज ने चिता को अग्नि दी। जयकारों से गूंजते माहौल में पार्थिव देह को पंच तत्व में विलीन किया गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें