जयपुर। जिस युवती की बरामदगी के मामले में प्रतापनगर थाना प्रभारी रामनिवास विश्नोई व दो अन्य पुलिसकर्मी गिरफ्तार हुए थे, उसी के बयानों के बाद पुलिस उन आरोपियों को गिरफ्तार करने से बच रही है, जिन्होंने छात्रा से दुष्कर्म किया था। पुलिस ने एक डाक्टर को गिरफ्तार किया, जबकि दो आरोपी फरार हैं। इनमें एक मजिस्ट्रेट का बेटा व एक बीडीएस छात्र है।
छात्रा को पुलिस ने 5 मई को मथुरा के पास से बरामद किया था। मजिस्ट्रेट के सामने बयान में छात्रा ने डाक्टर सौरभ आर्य, शांतनु कुमार तथा बीडीएस छात्र अमित चौधरी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। जिस युवती को पुलिस पूछताछ के लिए थाने लाई थी, उसे घटनाक्रम के बारे में पता था। पुलिस जांच में सामने आया कि शांतनु नाम का युवक मजिस्ट्रेट का बेटा है, जबकि भरतपुर निवासी अमित ने बीडीएस के बाद पीजी किया है। छात्रा के बयानों के पौने तीन माह बाद पुलिस ने फागी के सरकारी अस्पताल के डॉक्टर सौरभ आर्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
सूत्रों की मानें तो एक मुल्जिम आरपीएस अफसर का रिश्तेदार है। चर्चा है कि पुलिस अधिकारी के दबाव के चलते मुल्जिम को बचाया जा रहा है। दूसरी तरफ पुलिस अब छात्रा की सहेली के बयान लेगी, क्योंकि उसने सहेली पर ही आरोप लगाया है।
एडीशनल डीसीपी योगेश दाधीच ने बताया कि डॉ.सौरभ आर्य (38) जगतपुरा गोल्डन डोम में रहते हैं। बयानों में पीड़ित छात्रा ने बताया था कि उसकी सहेली ने ही उसे डॉ. सौरभ राज उर्फ रामवीर और अमित चौधरी से मिलवाया था। डॉ. सौरभ उसे संसारचंद्र रोड स्थित एक होटल में ले गया था तथा ज्यादती की थी। छात्रा को पुलिस ने पांच मई को मथुरा के पास से बरामद किया था।
इस तरह से चला मामला:
—18 जनवरी को प्रताप नगर इलाके से छात्रा लापता —23 जनवरी को छात्रा की सहेली को पूछताछ के लिए प्रताप नगर थाने बुलाया गया —24 जनवरी को सहेली ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया, पास में मिले सुसाइड नोटमें प्रताप नगर थाना प्रभारी रामनिवास विश्नोई पर दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगाया —मामले की जांच सीआईडी सीबी को सौपी, थाना प्रभारी गिरफ्तार —5 मई को लापता छात्रा मथुरा के पास मिली —6 मई को मजिस्ट्रेट बयान कराए, छात्रा ने मजिस्ट्रेट के बेटे, डॉक्टर सहित कई लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया —24 जुलाई को पुलिस ने डॉक्टर सौरभ को गिरफ्तार किया।
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