कैदी ने जेल में लगाई फांसी
इंदौर। उम्रकैद की सजा काट रहे सेंट्रल जेल के एक कैदी ने बैरक के गेट से फंदा बांधकर आत्महत्या कर ली। घटना रविवार रात साढ़े आठ बजे सेंट्रल जेल परिसर में हुई। जेल अधीक्षक पुरूषोतम सोमकुंवर ने बताया, कैदी गुलाब पिता भांगिया भील (30) निवासी बोरखेड़ा जिला धार ने बैरक के कक्ष के गेट से लटककर जान दे दी। सूत्रों के मुताबिक कैदी ने सिपाही के ही सामने कंबल के धागे निकालकर फांसी लगा ली।
पुलिस के मुताबिक देर शाम गुलाब का बैरक में ही तीन-चार कैदियों से विवाद हुआ। मारपीट के दौरान एक कैदी को उसने पत्थर से घायल कर दिया था। घायल कैदी को 8 टांके आए हैं। शाम को मामला शांत करवाया गया लेकिन रात 8:10 बजे गुलाब ने फांसी लगा ली। फांसी लगाते देख सिपाही ने शोर मचाया। इस पर जेलर रमेश आर्य और कुलश्रेष्ठ मौके पर पहुंचे और उसे उतारा।
तब तक उसके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। मौके पर पहुंचे डॉ. एमके गुप्ता ने उसे मृत घोषित कर दिया। गुलाब 19 फरवरी 2008 को हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काटने सेंट्रल जेल लाया गाया था। शव को पोस्टमार्टम के लिए एमवायएच भेजा है। जेल अधीक्षक सोमकुंवर ने बताया, लापरवाही बरतने पर मुख्य प्रहरी रमेश अहेरिया, प्रहरी प्रेमसिंह पवार और रामनारायण लभाना को सस्पेंड कर दिया है।
लगातार विवादों में सेंट्रल जेल
कैदियों को लेकर सेंट्रल जेल पिछले कई सालों से विवादों में रही है। 9 अगस्त को ही उम्रकैद काट रहे शफीक पिता मोम्मद यासीन ने आत्मदाह का प्रयास किया था। समय रहते उसे स्टॉफ ने बचा लिया। आरोपी पत्नी व बेटी की हत्या के आरोप में आया था और मानसिक परेशान था। इसके पूर्व पप्पू भागीरथ नामक कैदी से मारपीट के बाद उसकी हत्या को लेकर भी जेल प्रशासन पर सवाल उठे थे।
इंदौर। उम्रकैद की सजा काट रहे सेंट्रल जेल के एक कैदी ने बैरक के गेट से फंदा बांधकर आत्महत्या कर ली। घटना रविवार रात साढ़े आठ बजे सेंट्रल जेल परिसर में हुई। जेल अधीक्षक पुरूषोतम सोमकुंवर ने बताया, कैदी गुलाब पिता भांगिया भील (30) निवासी बोरखेड़ा जिला धार ने बैरक के कक्ष के गेट से लटककर जान दे दी। सूत्रों के मुताबिक कैदी ने सिपाही के ही सामने कंबल के धागे निकालकर फांसी लगा ली।
पुलिस के मुताबिक देर शाम गुलाब का बैरक में ही तीन-चार कैदियों से विवाद हुआ। मारपीट के दौरान एक कैदी को उसने पत्थर से घायल कर दिया था। घायल कैदी को 8 टांके आए हैं। शाम को मामला शांत करवाया गया लेकिन रात 8:10 बजे गुलाब ने फांसी लगा ली। फांसी लगाते देख सिपाही ने शोर मचाया। इस पर जेलर रमेश आर्य और कुलश्रेष्ठ मौके पर पहुंचे और उसे उतारा।
तब तक उसके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। मौके पर पहुंचे डॉ. एमके गुप्ता ने उसे मृत घोषित कर दिया। गुलाब 19 फरवरी 2008 को हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काटने सेंट्रल जेल लाया गाया था। शव को पोस्टमार्टम के लिए एमवायएच भेजा है। जेल अधीक्षक सोमकुंवर ने बताया, लापरवाही बरतने पर मुख्य प्रहरी रमेश अहेरिया, प्रहरी प्रेमसिंह पवार और रामनारायण लभाना को सस्पेंड कर दिया है।
लगातार विवादों में सेंट्रल जेल
कैदियों को लेकर सेंट्रल जेल पिछले कई सालों से विवादों में रही है। 9 अगस्त को ही उम्रकैद काट रहे शफीक पिता मोम्मद यासीन ने आत्मदाह का प्रयास किया था। समय रहते उसे स्टॉफ ने बचा लिया। आरोपी पत्नी व बेटी की हत्या के आरोप में आया था और मानसिक परेशान था। इसके पूर्व पप्पू भागीरथ नामक कैदी से मारपीट के बाद उसकी हत्या को लेकर भी जेल प्रशासन पर सवाल उठे थे।
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