सोमवार, 22 अगस्त 2011

सभी धर्मो में मां को वंदनीय स्थान

सभी धर्मो में मां को वंदनीय स्थान

बालोतरा। मां बालक की प्रथम गुरू होती है। शास्त्रों में मां को देवों से ऊंचा स्थान दिया गया है। हम मानवीय जीवन में ईश्वर का साक्षात दर्शन नहीं कर सकते इसके लिए उन्होने मां का सर्जन किया है। कोंकण केशरी लेखेन्द्र विजय महाराज ने रविवार को राजेन्द्रधाम तीर्थ में आयोजित महामांगलिक कार्यक्रम में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम में देश के कोने कोने हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर महा मांगलिक पाठ का श्रवण किया। इस दिन पार्श्वनाथ भगवान व गुरू राजेन्द्र सुरीश्वर की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया गया।

उन्होंने कहा कि जैन धर्म में जितने भी तीर्थकर हुए है, उनको संयम पथ की शिक्षा व दिशा की पहली प्रेरणा मां से ही मिली है। आज के समय में नवयुवकों द्वारा मां बाप का सम्मान नहीं करने से परिवार व समाज में क्लेश अधिक बढ़ा है। मां बाप की सेवा नहीं करने वालों की पूजा भगवान भी स्वीकार नहीं करते। कार्यक्रम में प्रसिद्ध भजन गायक नरेन्द्रवाणी गोता मुम्बई, चिराग ठाकुर शंखेश्वर तीर्थ ने मनमोहक भजनों की प्रस्तुति दी। जिस पर पण्डाल में उपस्थित सभी श्रद्धालु झूम उठे।

लेखेन्द्र शेखर विजय महाराज द्वारा प्रस्तुत महामांगलिक मंत्रों का श्रवण सभी उपस्थित जनों ने ध्यान पूर्वक किया। कार्यक्रम में मुख्य महामांगलिक के लाभार्थी फरीद, पाटोदी नरेश, नरेन्द्र गंाधी मेहता, कांतिलाल चौपड़ा, अमृतलाल सिंघवी कटारिया अम्बे वैली ग्रुप बालोतरा व गुरू पूजन के लाभार्थी जेठमल, मांगीलाल, अभिषेक कुमार गोलेच्छा परिवार जसोल बाड़मेर वालों का चार्तुमास आयोजन समिति द्वारा बहुमान किया गया।

इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष महेश बी चौहान, रूपचंद पाटोदी, पुष्पराज चौपड़ा, राजेन्द्रधाम तीर्थ के ट्रस्टी अरविंद कुमार मदाणी, चांदमल चण्डक, नाकोड़ा तीर्थ ट्रस्टी उत्तमचंद मेहता, गौतमचंद चौपड़ा, प्रमुख ट्रस्टी अंबालाल सिंघवी, पुष्पराज सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग व हजारों श्रद्धालु मौजूद थे।

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