रविवार, 21 अगस्त 2011

फिर लहराया एबीवीपी का परचम

फिर लहराया एबीवीपी का परचम 
 

जैसलमेर। जैसलमेर मे शनिवार को हुए छात्रसंघ चुनाव मे लगातार दूसरे साल एनएसयूआई को बुरी तरह शिकस्त का सामना करना पड़ा, वहीं इस बार चुनाव मैदान मे उतरी एससी-एसटी छात्रसंघ को भी मायूसी ही हाथ लगी। पोकरण व जैसलमेर मे शनिवार को छह पदो के लिए हुए चुनाव मे पांच मे एबीवीपी को सफलता मिली।

जैसलमेर के एसबीके कॉलेज मे हुए चुनाव मे इस बार अध्यक्ष बनने का गौरव निर्दलीय उम्मीदवार मनोहरसिंह को मिला, जबकि अन्य तीनो सीटो पर एबीवीपी ने कब्जा जमाया, वहीं पोकरण में अध्यक्ष व महासचिव पद के लिए हुए चुनावो मे एबीवीपी के प्रत्याशियो ने जीत हासिल की।

यहां एबीवीपी के खंगारसिंह भाटी अध्यक्ष बने। गौरतलब है कि जैसलमेर के मिश्रीलाल सांवल महिला महाविद्यालय मे अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व महासचिव पद पर पहले से ही एबीवीपी की प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो चुकी है और संयुक्त सचिव पर कोई नामांकन ही नहीं आया था।

जैसलमेर में शनिवार सुबह से ही मतदाताओं का जोश व उत्साह देखते ही बनता था। शहर के एसबीके कॉलेज मे सुबह आठ बजे मतदान की प्रक्रिया शुरू होते ही विद्यार्थियो के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया, जो दोपहर एक बजे तक चला। हालांकि सुबह 8 से 11 बजे तक मतदान की गति धीमी जरूर रही, लेकिन बाद में जमकर मतदान हुआ। महाविद्यालय के कुल 803 विद्यार्थियो मे से 673 विद्यार्थियो ने मतदान किया। इस प्रकार यहां मतदान 83.81 प्रतिशत रहा। उधर, पोकरण कॉलेज मे कुल 362 मे से 302 विद्यार्थियो ने मतदान किया और मतदान 83.42 प्रतिशत रहा।

एक-एक वोट के लिए जद्दोजहद
विधानसभा व लोकसभा चुनाव की तरह कॉलेज चुनाव मे भी छात्र नेता मतदाताओ से वोट के लिए आग्रह करते नजर आए तो कुछ चाय या नाश्ते की मनुहार करते दिखाई दिए, तो कहीं वोट देने के बाद पोलिंग बूथ से बाहर निकलते छात्रो के समूह चर्चा मे मशगूल दिखाई दिए। छात्रसंघ चुनाव मे एक-एक वोट का महत्व कितना है, इसकी बानगी मतदान कक्ष के बाहर चल रही कक्षाओ के रूप मे देखने को मिली।

मतदान से पहले प्रत्याशी व उनके एजेंट पहली बार वोट दे रहे छात्रो को नाम के आगे मोहर लगाने और वोट के बाद कागज को मोड़कर मतपेटी मे डालने की प्रक्रिया समझाते दिखाई दिए, ताकि उनका वोट व्यर्थ न जाए। एसबीके कॉलेज में जब मतगणना का कार्य चल रहा था, तब कॉलेज के बाहर प्रत्याशियों के समर्थकों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। चुनाव को लेकर पुलिस ने पुख्ता सुरक्षा प्रबंध किए थे और कॉलेज मार्ग पर वाहनो की आवाजाही पर रोक लगा दी और भीड़ जमा होने ही नहीं दी। इगांनप कॉलोनी के गेट से आगे भीड़ को आने ही नहीं दिया गया। लोग अपराह्न चार बजे तक इस बात को लेकर उत्सुक थे कि चुनाव मे इस बार कौनसा संगठन विजयी होगा। जब चुनाव परिणामो की घोषणा हुई तो समूचा माहौल जयकारो से गूंज उठा।

एसबीके कॉलेज के परिणाम
एसबीके कॉलेज मे हुए चुनाव मे निर्दलीय उम्मीदवार मनोहरसिंह ने अध्यक्ष पद पर विजयश्री हासिल की। उसे 313 वोट मिले। एबीवीपी के प्रत्याशी नरपतसिंह को 176 वोट, एससी-एसटी महासंघ के कैलाशचंद को 125 व एनएसयूआई के श्यामाराम को 54 वोट मिले। इसी तरह उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी के अनिलसिंह ने विजय हासिल की, उसे 373 वोट मिले। एनएसयूआई के हिम्मतसिंह को 146 व एससी-एसटी महासंघ के कमल को 144 वोट मिले। महासचिव पद पर हुई सीधी टक्कर मे आकाश ओझा को जीत मिली। परिषद के ओझा ने 419 व एनएसयूआई के दिलीपदान को 241 वोट मिले। संयुक्त सचिव पद के लिए एबीवीपी के पुरखदान को विजय मिली। उसने 343 वोट हासिल किए, जबकि एनएसयूआई के जसराज को 236 व निर्दलीय प्रत्याशी जितेन्द्र को 76 वोट मिले।

बारह चुनावो मे पांचवीं हार
एसबीके राजकीय महाविद्यालय मे वर्ष 1993-94 से लेकर अब तक हुए छात्रसंघ चुनाव मे एबीवीपी का पलड़ा भारी रहा है। यहां अब तक हुए कुल 12 छात्रसंघ चुनाव मे सबसे ज्यादा एबीवीपी ने सात बार अध्यक्ष पद पर सफलता हासिल की है, जबकि पांच बार उसे हार का सामना करना पड़ा है।
वर्ष अध्यक्ष संगठन
1993-94 शरद व्यास एबीवीपी
1994-95 मोहनदान चारण एबीवीपी
1995-96 अरविन्द पुरोहित एबीवीपी
1996 -97 हरिवल्लभ कल्ला एनएसयूआई
1997-98 महेन्द्रसिंह सीएसएस
1998 -99 गणपतराम महासंघ
1999-2000 समंुद्रसिंह एबीवीपी
2001-02 रमणलाल एनएसयूआई
2002-03 महेश पुरोहित एबीवीपी
2003-04 मनोहरसिंह एबीवीपी
2010-11 जालमसिंह एबीवीपी
2011-12 मनोहरसिंह निर्दलीय
नोट- सत्र 2000-01 व 2004-05 से 2009-10 तक छात्र संघ चुनाव नहीं हुए।

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