जयपुर।। राजस्थान के सवाई माधोपुर के रणथम्भौर नैशनल पार्क से चार बाघ कई महीनों से लापता है। वन विभाग के अधिकारियों की देखरेख में गठित विशेष दल इन बाघों की खोज में जुटा है।
राजस्थान के प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक यू. एम. सहाय ने शनिवार को चार बाघों के लापता होने की पुष्टि करते हुए कहा, 'टी-21, टी-27, टी-29 और टी 40 नामक बाघ कई महीनों से नजर नहीं आ रहे हैं। चारों बाघों के रेडियो कॉलर न लगा होने से उनकी लोकेशन पता नहीं लग पा रही है।'
उन्होंने कहा, 'आमतौर पर बाघ अपना स्थान बदलते रहते हैं और कई बार बाघ अपने इलाके से बाहर निकल भी जाते हैं, लेकिन चारों बाघ के परियोजना क्षेत्र के आसपास देखे जाने की सूचना भी नहीं है।' परियोजना क्षेत्र के वन अधिकारी वाई के साहू के अनुसार, 'लापता बाघ में से एक पिछले साल दिसम्बर से, जबकि बाकी तीन बाघ फरवरी के बाद से नजर नहीं आ रहे हैं।'
सहाय ने कहा, 'लापता चार बाघों के बारे में ठोस जानकारी नहीं मिलने तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि लापता बाघों में वर्चस्व को लेकर आपस में लड़ाई के सबूत नहीं मिले हैं और न ही किसी का शव मिला है।'
राजस्थान के प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक यू. एम. सहाय ने शनिवार को चार बाघों के लापता होने की पुष्टि करते हुए कहा, 'टी-21, टी-27, टी-29 और टी 40 नामक बाघ कई महीनों से नजर नहीं आ रहे हैं। चारों बाघों के रेडियो कॉलर न लगा होने से उनकी लोकेशन पता नहीं लग पा रही है।'
उन्होंने कहा, 'आमतौर पर बाघ अपना स्थान बदलते रहते हैं और कई बार बाघ अपने इलाके से बाहर निकल भी जाते हैं, लेकिन चारों बाघ के परियोजना क्षेत्र के आसपास देखे जाने की सूचना भी नहीं है।' परियोजना क्षेत्र के वन अधिकारी वाई के साहू के अनुसार, 'लापता बाघ में से एक पिछले साल दिसम्बर से, जबकि बाकी तीन बाघ फरवरी के बाद से नजर नहीं आ रहे हैं।'
सहाय ने कहा, 'लापता चार बाघों के बारे में ठोस जानकारी नहीं मिलने तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि लापता बाघों में वर्चस्व को लेकर आपस में लड़ाई के सबूत नहीं मिले हैं और न ही किसी का शव मिला है।'
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