नई दिल्ली. अन्ना हजारे के अनशन के छठे दिन भी सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से लोगों का गुस्सा भड़कने लगा है। रविवार को करीब 80 लोग प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 7, रेस कोर्स रोड स्थित घर के बाहर प्रदर्शन करने पहुंच गए। उनकी मांग थी कि सरकार टीम अन्ना से बातचीत करे और जन लोकपाल बिल पारित कराए।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटा दिया। उनमें से कुछ को इंडिया गेट छोड़ दिया गया, जबकि कुछ पास में सफदरजंग रोड के पास धरने पर बैठ गए। ये लोग हाथों में पोस्टर और फूल लिए हुए हैं और गांधीगीरी का नमूना पेश कर रहे हैं।
कानून मंत्री के काफिले को काले झंडे दिखाए गए। केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल और राजीव शुक्ला के कानपुर स्थित घरों के बाहर भी विरोध प्रदर्शन की खबर है। प्रदर्शनकारी शुक्ला के बयान से नाराज थे। शुक्ला ने अन्ना के अनशन पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि इस आंदोलन का भगवान ही मालिक है। इस बीच केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
इससे पहले फर्रुखाबाद में केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद का विरोध हुआ। शनिवार को सलमान खुर्शीद अपने संसदीय क्षेत्र फर्रुखाबाद में थे। वे एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे थे। रास्ते में अन्ना समर्थकों ने सड़क पर लेट कर उनका विरोध करते हुए काफिले को रोक दिया। पुलिस ने लाठी भांज कर प्रदर्शनकारियों को हटाया।
शनिवार को अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने अपील की थी कि जन लोकपाल पारित कराने की मांग लेकर लोग अपने-अपने सांसदों के घर के बाहर धरना दें। अन्ना हजारे और उनकी टीम ने आज रामलीला मैदान के मंच से रविवार को दोबारा अपील की कि लोग अपने मंत्रियों, सांसदों के घरों के बाहर धरना दिया जाए और उनसे सार्वजनिक तौर पर यह बताने की मांग की जाए कि वो सरकारी लोकपाल बिल के पक्ष में हैं या फिर जनलोकपाल बिल के पक्ष में हैं।
अन्ना और उनकी टीम ने सरकार को खुले तौर बातचीत का न्यौता दिया और कहा कि यह अफसोसजनक है कि छह दिन के अनशन के बाद भी सरकार की ओर से बातचीत की कोई पहल नहीं की गई है।
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