सोमवार, 22 अगस्त 2011

खाभा की आभा अब विदेशी सैलानियो को रिझाएगी।

लौटेगा धरोहरो का वैभव

जैसलमेर। ऎतिहासिक पृषभूमि के कारण मशहूर खाभा की आभा अब विदेशी सैलानियो को अपने नए स्वरूप से रिझाएगी। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जिले के ऎतिहासिक गौरव की विश्वविख्यात पटवा हवेलियो का सौंदर्य अब और निखरेगा।

इन सबके बीच दर्शको की कमी का दंश झेल रहे राजकीय संग्रहालय के भी अब दिन फिरने वाले हैं। पर्यटन विभाग की ओर से पुरातात्विक धरोहरो का जीर्णोद्धार करने और उनका आकर्षण बढ़ाने के लिए करीब 65 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की गई है। सूत्रो के मुताबिक इस संबंध में सरकार की ओर से हरी झंडी भी मिल गई है।

बदलेगी तस्वीर
जैसलमेर के पर्यटन स्थलो के विकास के लिए स्वीकृत की गई राशि मे से पांच लाख रूपए की राशि राजकीय संग्रहालय पर खर्च की जाएगी, ताकि यहां ऎतिहासिक दस्तावेजो की तस्वीर और निखर सके। इसी तरह प्राचीन काल में बसे पालीवालो की जीवनशैली, सामूहिक सुरक्षा, परस्पर एकता व सामुदायिक जीवन पद्धति को दर्शाने वाला खाभा गांव भी गत कुछ वर्षो से कुलधरा के समान ही पर्यटकों का प्रिय गांव बना हुए हंै। अब पुरातत्व विभाग की ओर से भूगर्भ में दबी पुरासंपदा का मूल स्वरूप उजागर करने के लिहाज से इसका जीर्णोद्धार करवाया जाएगा। इसके मौलिक स्वरूप को निखारने के लिए 40 लाख रूपए की राशि खर्च होगी।

बदल जाएगा नजारा
उपेक्षा का दंश झेल रही पटवा हवेली का जीर्णोद्धार होने के बाद यह अधिकाधिक सैलानियो को रिझाएगी। इसके धूमिल हो रहे मौलिक स्वरूप को फिर से आकर्षक बनाने के लिए करीब 20 लाख रूपए खर्च होंगे। इस राशि से हवेली के मूल स्वरूप को बनाए रखने के प्रयास किए जाएंगे।

पर्यटन को प्रोत्साहन
जैसलमेर के तीन पर्यटन स्थलो के सौंदर्यीकरण व जीर्णोद्धार के लिए करीब 65 लाख रूपए की राशि खर्च होगी। पर्यटन स्थलो का रूप निखरने से यहां आने वाले सैलानियो की संख्या बढ़ेगी और पर्यटन को भी लाभ होगा।
- किशनलाल पुरातत्व अधीक्षक, बीकानेर

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