बुधवार, 17 अगस्त 2011

शिव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीमें -संभावित मौसमी बीमारियों को लेकर अलर्ट हुए अधिकारी-कर्मचारी, नाडी-टांकों में डाली दवा


शिव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीमें
-संभावित मौसमी बीमारियों को लेकर अलर्ट हुए अधिकारी-कर्मचारी, नाडी-टांकों में डाली दवा



बाडमेर। भारी बारिश से प्रभावित शिव क्षेत्र में नियमित जांच के अलावा बुधवार को जिलास्तर से गठित एक विशेष टीम गांवों में पहुंची। इसके अलावा ब्लॉक स्तर से भी एक टीम शिव ब्लॉक के हरसाणी क्षेत्र में पहुंची तथा संभावित मौसमी बीमारियों से निपटने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गणपतसिंह राठौड़ के निर्देश पर गठित उक्त टीमों ने कई गांवों का दौरा किया तथा ग्रामीणों को दवा देने के साथ ही नाड़ी व टांकों में दवा डाली गई। दोनों टीमों ने लोगों को मलेरिया आदि मौसमी बीमारियों को लेकर जागरूक भी किया। 
सीएमएचओ डॉ. गणपतसिंह राठौड़ ने बताया कि शिव ब्लॉक के हरसाणी क्षेत्र के कई गांवों में बारिश के बाद पानी ठहरने की वजह से ग्रामीणों ने मौसमी बीमारियों का आशंका जताई थी। जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत प्रभाव से अमल करते हुए दो विशेष टीमें गठित कर संबंधित क्षेत्र में कार्य किया। जिला मुख्यालय पर गठित रेपिड रेस्पोंस टीम में जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिश्नोई, स्वास्थ्य निरीक्षक देवीलाल, मेल नर्स द्वितीय धनराज, एमपीडल्ब्यू अणदाराम व ओमप्रकाश शामिल थे। इसी तरह ब्लॉकस्तर से पीएचसी हरसाणी के डॉ. विजयपालसिंह, मेल नर्स द्वितीय एवं अन्य शामिल हुए। उक्त टीमों ने हरसाणी गांव, आगोर, सोलंकिया, सोढो की ढाणी, तानुरावजी, तानुमान जी एवं मगरा आदि गांवांे का भ्रमण किया तथा छोटी व बड़ी नाड़ी में टेमोफोस डाला गया। इसी तरह सड़क एवं गांव-ढाणियों के पास स्थित गड्ढ़ों में एमएलओ डाला गया। घरेलू टांकों में क्लोरिनेशन के साथ-साथ टेमोफोस दवा भी डाली गई। टीम में शामिल डॉक्टर सिंह ने ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच की तथा उन्हें मलेरिया सहित अन्य मौसमी बीमारियों से बचने का सलाह व सुझाव दिया। उनके निर्देशन में टीम ने ग्रामीणों को बुखार, खांसी, जुकाम आदि की दवा भी विततिर की तथा स्लाईड भी ली गई। सीएमएचओ डॉ. गणपतसिंह राठौड़ ने बताया कि उक्त गांवों में भ्रमण के दौरान जांच में अभी तक किसी भी मौसमी बीमारी से प्रभावित कोई रोगी नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि फिर भी स्वास्थ्य विभाग इन गांवों को लेकर खास सतर्कता बरत रहा है तथा स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को नियमित ड्यूटी पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। यदि किसी भी तरह की कोई लापरवाही सामने आती है तो संबंधित के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
बीमारियों के प्रति रहें सावधान
सीएमएचओ डॉ. राठौड़ ने बताया कि बारिश के बाद मौसमी बीमारियों की आशंका आम दिनों से अधिक हो जाती है, इसलिए सभी को एहतियात बरतना चाहिए तथा बुखार आदि होने पर तुंरत डॉक्टर से उपचार करवाना चाहिए। यही नहीं खून की जांच भी डॉक्टर की सलाहनुसार करवा लेनी चाहिए, क्योंकि कोई भी बुखार मलेरिया को सकता है। उन्होंने बताया कि यदि अचानक सर्दी लगकर बुखार आए, सिर दर्द या बदन दर्द हो और कमजोरी महसूस हो तो ये लक्षण मलेरिया के हो सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि घरों के आसपास गड्डों, नालियों व बेकार पड़े खाली डिब्बों व कूलर आदि में पानी इक्ठ्ठा न होने दें। मलेरिया मच्छर साफ पानी में ज्यादा पनपता है, इसलिए सप्ताह में एक बार आवश्यक रूप से पानी से भरी टंकियां, मटके आदि की सफाई करें। टांकें आदि में दवा डलवाने के लिए नजदीकी स्वास्थ्य कार्यकर्ता से संपर्क करें। खिड़कियों व दरवाजों में जालियां लगवाएं। डॉ. राठौड़ ने बताया कि सेहत खराब होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें और उपचार बीच में न छोड़ें।

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