हिन्दू समाज गायत्री मंत्र को ईश्वर की आराधना के लिए सबसे बड़ा मंत्रमानता है जो इस प्रकार है- ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् । (भावानुवाद) ओम् ईश अनादि अनंत हरे । जीवन का आधार स्वयंभू सबमें प्राण भरे । जिसका ध्यान दुखों को हरता दुख से स्वयं परे । विविध रूप जग में व्यापक प्रभु धारण सकल करे । जो उत्पन्न जगत को करके सब ऐश्वर्य भरे । शुद्ध स्वरूप ब्रह्म अविनाशी का मन वरण करे । दिव्य गुणों से आपूरित जो सुख का सृजन करे । वह जगदीश्वर बुद्धि हमारी प्रेरित सुपथ करे ।
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