हत्या के दो आरोपियों को उम्र कैद
जोधपुर। भीलवाड़ा जिले में बारह साल पहले हुए भंवरलाल हत्या काण्ड के दो आरोपियों की अपील खारिज करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व न्यायाधीश कैलाश जोशी की खण्डपीठ ने उन्हें दी गई उम्र कैद की सजा बहाल रखी तथा चार अन्य आरोपियों को बरी कर दिया।
हत्या के इस मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय भीलवाड़ा ने 3 मार्च 2005 को दिए फैसले में मोहम्मद रफीक व शहजाद हुसैन को दोषी ठहराए जाने को खण्डपीठ ने विधि सम्मत माना और कहा कि उन्हें दी गई उम्र कैद की सजा उचित है।
खण्डपीठ ने सह आरोपी मोहम्मद पठान, सराफक हुसैन शाह, मोहम्मद रफीक शाह तथा सराफत अली शाह की अपीलें मंजूर करते हुए कहा कि उन्हें भंवरलाल की हत्या का दोषी ठहराए जाने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त साक्ष्य नहीं है। खण्डपीठ ने उन्हें हत्या के आरोप से दोष मुक्त कर दिया।
अपीलार्थीगण का कहना था कि अभियोजन के गवाह पर्याप्त नहीं है और न ही मृतक की पुत्री सरीता के बयान विश्वास योग्य है। राज्य सरकार के अधिवक्ता कल्याणराम विश्नोई ने अपर जिला न्यायालय के निर्णय को विधि सम्मत बताया।
जोधपुर। भीलवाड़ा जिले में बारह साल पहले हुए भंवरलाल हत्या काण्ड के दो आरोपियों की अपील खारिज करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व न्यायाधीश कैलाश जोशी की खण्डपीठ ने उन्हें दी गई उम्र कैद की सजा बहाल रखी तथा चार अन्य आरोपियों को बरी कर दिया।
हत्या के इस मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय भीलवाड़ा ने 3 मार्च 2005 को दिए फैसले में मोहम्मद रफीक व शहजाद हुसैन को दोषी ठहराए जाने को खण्डपीठ ने विधि सम्मत माना और कहा कि उन्हें दी गई उम्र कैद की सजा उचित है।
खण्डपीठ ने सह आरोपी मोहम्मद पठान, सराफक हुसैन शाह, मोहम्मद रफीक शाह तथा सराफत अली शाह की अपीलें मंजूर करते हुए कहा कि उन्हें भंवरलाल की हत्या का दोषी ठहराए जाने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त साक्ष्य नहीं है। खण्डपीठ ने उन्हें हत्या के आरोप से दोष मुक्त कर दिया।
अपीलार्थीगण का कहना था कि अभियोजन के गवाह पर्याप्त नहीं है और न ही मृतक की पुत्री सरीता के बयान विश्वास योग्य है। राज्य सरकार के अधिवक्ता कल्याणराम विश्नोई ने अपर जिला न्यायालय के निर्णय को विधि सम्मत बताया।
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