मंगलवार, 19 जुलाई 2011

हाईपावर कमेटी ने माना, डेजर्ट नेशनल पार्क क्षेत्र में रहने वाले लोग विकास से वंचित

सीमाओं के पुर्ननिर्धारण पर असमंजस बरकार
दो दिन का दौरा, सरकार को देंगे ब्यौरा
हाईपावर कमेटी ने माना, डेजर्ट नेशनल पार्क क्षेत्र में रहने वाले लोग विकास से वंचित
 

जैसलमेर डेजर्ट नेशनल पार्क के पुर्नसीमांकन के लिए केन्द्र के वन व पर्यावरण मंत्रालय की ओर से गठित हाईपावर कमेटी ने माना कि डीएनपी क्षेत्र अपने मूल उद्देश्य पर खरा नहीं उतरा है। पिछले दो दिनों से हाईपावर कमेटी के सदस्य बाड़मेर व जैसलमेर के डीएनपी क्षेत्र का भ्रमण कर रहे हैं। सोमवार को जैसलमेर जिले के डीएनपी क्षेत्र के भ्रमण के दौरान कमेटी के सदस्यों ने माना कि डीएनपी घोषित होने के समय रही कुछ खामियों के कारण न तो डीएनपी अपना मूल उद्देश्य पूरा कर पाई है, साथ ही इससे इस क्षेत्र में आए गांवों में रहने वाले वाशिंदों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस क्षेत्र के लोग आज भी विकास से वंचित है।

सोमवार को डॉ. एम.के. रंजीतसिंह की अध्यक्षता वाली हाईपावर कमेटी के सदस्य लूणी विधायक मलखानसिंह, मुख्य वन जीव प्रतिपालक यूएन सहाय, राज्य वन्यजीव मंडल राजपालसिंह, जोधपुर के एडवोकेट महेन्द्र व्यास, दिव्य भानू सिंह ने जैसलमेर जिले के सिंहड़ार, आंटिया, काठा, बैरसियाला, रावतरी, हटार, बीदा व सुदासरी डीएनपी क्षेत्र का दौरा किया।

सीमाओं के निर्धारण पर असमंजस

जैसलमेर क्षेत्र के दौरे के दौरान कमेटी ने जहां हर बार ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं देने की खुलकर बात की वहीं राष्ट्रीय मरू उद्यान क्षेत्र के पुर्नसीमांकन पर स्पष्टता जाहिर नहीं की। उनके अनुसार इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप दी जाएगी। वहां विचार विमर्श के बाद ही तय होगा कि सीमाएं यथावत रहेगी या फिर पुर्ननिर्धारण होगा।

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