जैसलमेर। स्वर्णनगरी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार विख्यात गड़ीसर तालाब के संरक्षण और संवर्द्धन को लेकर एक महात्वाकांक्षी योजना तैयार की जा रही है, जिसका जिम्मा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की को दिया गया है। इसी सिलसिले में आईआईटी रूड़की से चार सदस्यीय दल ने रविवार को यहां पहंुचकर गड़ीसर तालाब का अवलोकन कर स्थिति का जायजा लिया।
दल में आईआईटी रूड़की के भू विज्ञान विभाग के प्रोफेसर हर्ष सिंघल, डा. अरूण कुमार, विनय शंकर और डा. एम पी शर्मा शामिल हैं। इन सदस्यों ने गड़ीसर तालाब को देखा और इससे जुड़े पक्षों के बारे में जानकारी ली। तालाब के संरक्षण में नगरपालिका की भूमिका सहित विभिन्न पहलुओं पर गौर किया। इसके अलावा गड़ीसर से जुड़े सरोवर मित्रों, प्रमुख लोगों, सदस्यों से भी बातचीत की।
बनाएंगे डीपीआर
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने आईआईटी रूड़की को जैसलमेर की गड़ीसर झील और जोधपुर की कायलाना झील के बारे में डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाने को कहा है। गड़ीसर तालाब की डीपीआर का काम इसी वर्ष अगस्त महीने में पूरा होने की उम्मीद है।
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने आईआईटी रूड़की को जैसलमेर की गड़ीसर झील और जोधपुर की कायलाना झील के बारे में डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाने को कहा है। गड़ीसर तालाब की डीपीआर का काम इसी वर्ष अगस्त महीने में पूरा होने की उम्मीद है।
इसमें गड़ीसर में पानी की आवक से लेकर उसके संरक्षण और इसमें पनप रहे जीव जन्तुओं के जीवन आदि को लेकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके अलावा गड़ीसर के पानी का उपयोग प्रमुख रूप से किस लिहाज से किया जाएगा और बाद में इसके रखरखाव का जिम्मा किसे सौंपा जाएगा, इसे भी रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा।
तलाशी संभावनाएं
दल के सदस्यों ने आरयूआईडीपी के अघिशासी अभियंता महेन्द्रसिंह पंवार के साथ गड़ीसर तालाब का जायजा लिया और इसके कैचमेंट एरिया के बारे में जानकारी ली। तालाब में पानी की आवक कैसे बढ़ाई जाएगी, इसके बारे में भी उन्होंने जानकारी हासिल की। उन्होंने पानी की आवक के मार्गो और इस क्षेत्र में आने वाले नलकूपों की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली। दल तालाब के आसपास के नलकूपों के डाटा भी एकत्रित करेगा। दल सदस्यों ने जैसलमेर विकास समिति के सचिव चन्द्रप्रकाश व्यास, धर्म संस्थान के सदस्य नवल किशोर व्यास, भूजल वैज्ञानिक डा. एनडी इणखिया से भी चर्चा की।
दल के सदस्यों ने आरयूआईडीपी के अघिशासी अभियंता महेन्द्रसिंह पंवार के साथ गड़ीसर तालाब का जायजा लिया और इसके कैचमेंट एरिया के बारे में जानकारी ली। तालाब में पानी की आवक कैसे बढ़ाई जाएगी, इसके बारे में भी उन्होंने जानकारी हासिल की। उन्होंने पानी की आवक के मार्गो और इस क्षेत्र में आने वाले नलकूपों की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली। दल तालाब के आसपास के नलकूपों के डाटा भी एकत्रित करेगा। दल सदस्यों ने जैसलमेर विकास समिति के सचिव चन्द्रप्रकाश व्यास, धर्म संस्थान के सदस्य नवल किशोर व्यास, भूजल वैज्ञानिक डा. एनडी इणखिया से भी चर्चा की।
कार्यशाला इसी माह
दल के सदस्य इसी माह में एक कार्यशाला का आयोजन रखने वाले हैं। फिलहाल पर्यटन के लिहाज से गड़ीसर के संरक्षण की योजना तैयार की जा रही है। इसे देखते हुए पर्यटन से जुड़े लोगों, होटल व पर्यटन व्यवसायी संघ, गाइड संघ के साथ ही सरोवर प्रेमियों और गड़ीसर के आगोर क्षेत्र से लगते गांवों के लोगों को कार्यशाला में आमंत्रित कर उनके सुझाव लिए जाएंगे। यह कार्यशाला जुलाई के अंतिम माह में प्रस्तावित है।
दल के सदस्य इसी माह में एक कार्यशाला का आयोजन रखने वाले हैं। फिलहाल पर्यटन के लिहाज से गड़ीसर के संरक्षण की योजना तैयार की जा रही है। इसे देखते हुए पर्यटन से जुड़े लोगों, होटल व पर्यटन व्यवसायी संघ, गाइड संघ के साथ ही सरोवर प्रेमियों और गड़ीसर के आगोर क्षेत्र से लगते गांवों के लोगों को कार्यशाला में आमंत्रित कर उनके सुझाव लिए जाएंगे। यह कार्यशाला जुलाई के अंतिम माह में प्रस्तावित है।
जिम्मा डीपीआर बनाने का
जैसलमेर की गड़ीसर झील और जोधपुर के कायलाना झील के संरक्षण को लेकर राज्य सरकार ने आईआईटी रूड़की को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का जिम्मा सौंपा है।
- हर्ष सिंघल, प्रोफेसर भूविज्ञान विभाग आईआईटी रूड़की
जैसलमेर की गड़ीसर झील और जोधपुर के कायलाना झील के संरक्षण को लेकर राज्य सरकार ने आईआईटी रूड़की को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का जिम्मा सौंपा है।
- हर्ष सिंघल, प्रोफेसर भूविज्ञान विभाग आईआईटी रूड़की
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