नई दिल्ली. भारत के साथ दूसरे दौर की रणनीतिक वार्ता के लिए दिल्ली आईं अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन मंगलवार को मजबूर दिखीं। भारत में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के गुनहगारों को सजा दिलवाने में अमेरिकी भूमिका भी उन्होंने सीमित कर दी और कहा कि आतंकवाद से उनके देश को भी खतरा है। यहां भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा से बातचीत के बाद साझा प्रेस कांफ्रेंस में हिलेरी ने कहा कि किसी भी देश को आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनने दिया जाएगा। साथ ही, वह यह कहना भी नहीं भूलीं कि आतंकवाद के खिलाफ जंग में पाकिस्तान अमेरिका का अहम सहयोगी है।
2008 में मुंबई हमले के गुनहगारों को सजा दिलवाने के लिए तीन साल में भी अमेरिका पाकिस्तान पर उचित दबाव नहीं बना पाया। इस बारे में एक सवाल के जवाब में हिलेरी ने कहा, 'भारत के लिए खतरा बने आतंकवादियों के नेटवर्क अमेरिका के लिए भी खतरनाक साबित हुए हैं। हमने साफ कर दिया है कि 2008 हमले की साजिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। हमने इस मामले में हर संभव दबाव बनाने की कोशिश की है और आगे भी बनाएंगे, लेकिन हमारी भी कुछ सीमाएं हैं। हम आतंक के खिलाफ जंग के मोर्चे पर भारत के साथ सहयोग बढ़ाएंगे।' अमेरिका भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा बढ़ाने में मदद करेगा।
पाकिस्तान पर अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, 'अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता की सराहना करता है। पाकिस्तान को अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए।'
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी शुरू होने के बीच वहां बढ़ती आतंकी घटनाओं पर कृष्णा ने कहा कि उन्होंने अमेरिका से अनुरोध किया है कि वो राष्ट्रपति हामिद करजई की मदद के लिए अपनी मौजूदगी बरकरार रखे। उन्होंने कहा कि अमेरिका को राष्ट्रपति करजई के साथ मिलकर काम करना चाहिए। अफगानिस्तान की जमीनी हकीकत पर ध्यान देना जरूरी है। अफगानिस्तान को तालिबान से खुद को बचाने के लिए सक्षम होना पड़ेगा। भारत भी अफगानिस्तान को लेकर चिंतित है।
कृष्णा ने हिलेरी के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता की जानकारी देते हुए कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के हालात पर चर्चा की गई। दोनों नेताओं की मुलाकात में आतंकवाद का केंद्र बने पाकिस्तान और आतंकवाद से लड़ने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर भी चर्चा हुई। कृष्णा ने कहा कि दोनों देशों के बीच खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, ट्राय वैली यूनिवर्सिटी के मसले, रक्षा के क्षेत्र में सहयोग और परमाणु सहयोग के मसलों पर बातचीत हुई।
हिलेरी की भारतीय विदेश मंत्री एस एम कृष्णा के बीच आज यहां हुई मुलाकात में बीते 13 जुलाई को मुंबई में हुए ब्लास्ट का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा। कृष्णा ने आतंकी हमले का जिक्र करते हुए अमेरिकी प्रशासन की सहानुभूति की सराहना की। वहीं हिलेरी क्लिटंन ने भारत को आतंकी हमले रोकने में पूरी मदद करने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा, 'हम भविष्य में किसी भी हमले को रोकने में भारत सरकार की मदद करेंगे।'
क्लिंटन ने कहा, 'हम हिंसक आतंकवादियों के नेटवर्क के खिलाफ लड़ाई में साथ हैं। होमलैंड सिक्योरिटी हमारी प्राथमिकता में सबसे ऊपर है और यह हमारे बीच बढ़ती भागीदारी का स्रोत है।' अमेरिकी विदेश मंत्री ने मुंबई में पिछले हफ्ते हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए बम धमाकों के शिकार लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की।
अपने उद्घाटन भाषण में कृष्णा ने कहा कि भारत ने हिलेरी क्लिंटन और अमेरिकी सरकार की तरफ से मुश्किल की इस घड़ी में दिखाई गई एकजुटता की सराहना की है।
हिलेरी ने बाद में भाजपा नेता सुषमा स्वराज और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मुलाकात की।
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