हरिद्वार. बाबा रामदेव को शुक्रवार को जिला प्रशासन ने अस्पताल में भर्ती करा दिया। उनकी हालत ज्यादा बिगड़ने के बाद यह कदम उठाया गया। बाबा का पल्स रेट और ब्लड प्रेशर काफी कम हो गया था। शरीर के सभी अहम तंत्र कमजोर हो गए हैं।
शुक्रवार को बाबा के अनशन का सातवां दिन है। आज डॉक्टरों ने उनके स्वास्थ्य का परीक्षण करने के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती करने और अनशन खत्म करने की आवश्यकता बताई। हरिद्वार के सीएमओ योगेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने बाबा को आईसीयू में भर्ती करने की सलाह दी है। उन्हें देहरादून के हिमालयन इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
आज सुबह डॉक्टरों ने बाबा रामदेव का परीक्षण किया और बाद में बताया कि उनकी हालत बिगड़ रही है। उनका वजन अभी ५८.५ किलो है। अनशन शुरु होने के बाद से उनका वजन करीब साढ़े पांच किलो गिरा है। उनका ब्लड प्रेशर भी १०४/७० बताया गया, जो सामान्य से कम है। डॉक्टरों ने कहा था कि उन्हें ग्लूकोज दिया जाना जरूरी है। उन्होंने बाबा को तुरंत अनशन तोड़ने की सलाह दी, लेकिन बाबा इसके लिए राजी नहीं हुए।
समाजसेवी अन्ना हजारे और स्वामी अग्निवेश ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह बाबा रामदेव का अनशन तुड़वाने के लिए पहल करें। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि बाबा के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार की है। बाबा की बिगड़ती सेहत को देखते हुए उत्तराखंड की भाजपा सरकार उनका अनशन समाप्त कराने में जुट गई है। गुरुवार को हरिद्वार के जिलाधिकारी ने बाबा से मिल कर अनशन खत्म करने का आग्रह किया था।
हरिद्वार के जिलाधिकारी आर मीनाक्षी सुंदरम ने बाबा से मिलने के बाद पत्रकारों को बताया था कि बाबा रामदेव अनशन समाप्त करने के लिए राजी नहीं हुए। तब हमने ये आग्रह किया कि वो कम से कम ग्लूकोज लेना शुरु कर दे। ग्लूकोज की कमी से बाबा के शरीर को नुकसान पहुंच रहा है। हमने उन्हें यह समझाने की कोशिश की है कि बाद में इस नुकसान की भरपाई नहीं हो पाएगी।
बाबा ने हमारे कई बार आग्रह के बाद भी ग्लूकोज लेने से इंकार कर दिया लेकिन वो नींबू पानी और शहद लेने के लिए राजी हो गए हैं। बाबा का कहना है कि उन्हें शहद से ग्लूकोज मिल जाएगा। लेकिन बाबा के स्वास्थ्य की जांच के बाद अगर जरूरी हुआ तो हम उन्हें ग्लूकोज चढ़वाएंगे। बाबा रामदेव की जान बचाना इस समय हमारे सामने मूल प्रश्न है। हम ऐसा सिर्फ इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हम उनकी जान बचाना चाहते हैं।
बाबा रामदेव ने दिल्ली के रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ चार जून को अनशन शुरु किया था। दिल्ली पुलिस ने चार जून की रात को बलपूर्वक कार्रवाई करते हुए बाबा रामदेव को गिरफ्तार कर हरिद्वार पहुंचा दिया था जिसके बाद से ही बाबा रामदेव हरिद्वार में अपने आश्रम में ही अनशन पर बैठे हैं। लेकिन केंद्र सरकार उनकी मांग मानने के बजाय उल्टे उन पर शिकंजा कस कर उन्हें जवाब देने की तैयारी में है।
रामदेव की सेहत निरंतर बिगड़ती जा रही है। बाबा की देखभाल कर रहे डॉक्टरों ने भी उन्हें अनशन तो़ड़ने की सलाह दी है।
बाबा का ब्लड प्रेशर गिरा, वजन भी घटा
अनशन पर बैठे बाबा रामदेव का स्वास्थ्य निरंतर गिरता जा रहा है। बाबा का वजन लगभग ६ किलो कम हो गया है और रक्तचाप में भी कमी आई है। यही नहीं उनके शरीर में ग्लूकोज का स्तर बेहद कम हो गया है। ग्लूकोज का स्तर गिर जाने से शरीर के अंगों को भारी क्षति पहुंचती है और जान तक जाने की संभावना बन जाती है।
शुक्रवार को बाबा के अनशन का सातवां दिन है। आज डॉक्टरों ने उनके स्वास्थ्य का परीक्षण करने के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती करने और अनशन खत्म करने की आवश्यकता बताई। हरिद्वार के सीएमओ योगेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने बाबा को आईसीयू में भर्ती करने की सलाह दी है। उन्हें देहरादून के हिमालयन इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
आज सुबह डॉक्टरों ने बाबा रामदेव का परीक्षण किया और बाद में बताया कि उनकी हालत बिगड़ रही है। उनका वजन अभी ५८.५ किलो है। अनशन शुरु होने के बाद से उनका वजन करीब साढ़े पांच किलो गिरा है। उनका ब्लड प्रेशर भी १०४/७० बताया गया, जो सामान्य से कम है। डॉक्टरों ने कहा था कि उन्हें ग्लूकोज दिया जाना जरूरी है। उन्होंने बाबा को तुरंत अनशन तोड़ने की सलाह दी, लेकिन बाबा इसके लिए राजी नहीं हुए।
समाजसेवी अन्ना हजारे और स्वामी अग्निवेश ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह बाबा रामदेव का अनशन तुड़वाने के लिए पहल करें। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि बाबा के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार की है। बाबा की बिगड़ती सेहत को देखते हुए उत्तराखंड की भाजपा सरकार उनका अनशन समाप्त कराने में जुट गई है। गुरुवार को हरिद्वार के जिलाधिकारी ने बाबा से मिल कर अनशन खत्म करने का आग्रह किया था।
हरिद्वार के जिलाधिकारी आर मीनाक्षी सुंदरम ने बाबा से मिलने के बाद पत्रकारों को बताया था कि बाबा रामदेव अनशन समाप्त करने के लिए राजी नहीं हुए। तब हमने ये आग्रह किया कि वो कम से कम ग्लूकोज लेना शुरु कर दे। ग्लूकोज की कमी से बाबा के शरीर को नुकसान पहुंच रहा है। हमने उन्हें यह समझाने की कोशिश की है कि बाद में इस नुकसान की भरपाई नहीं हो पाएगी।
बाबा ने हमारे कई बार आग्रह के बाद भी ग्लूकोज लेने से इंकार कर दिया लेकिन वो नींबू पानी और शहद लेने के लिए राजी हो गए हैं। बाबा का कहना है कि उन्हें शहद से ग्लूकोज मिल जाएगा। लेकिन बाबा के स्वास्थ्य की जांच के बाद अगर जरूरी हुआ तो हम उन्हें ग्लूकोज चढ़वाएंगे। बाबा रामदेव की जान बचाना इस समय हमारे सामने मूल प्रश्न है। हम ऐसा सिर्फ इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हम उनकी जान बचाना चाहते हैं।
बाबा रामदेव ने दिल्ली के रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ चार जून को अनशन शुरु किया था। दिल्ली पुलिस ने चार जून की रात को बलपूर्वक कार्रवाई करते हुए बाबा रामदेव को गिरफ्तार कर हरिद्वार पहुंचा दिया था जिसके बाद से ही बाबा रामदेव हरिद्वार में अपने आश्रम में ही अनशन पर बैठे हैं। लेकिन केंद्र सरकार उनकी मांग मानने के बजाय उल्टे उन पर शिकंजा कस कर उन्हें जवाब देने की तैयारी में है।
रामदेव की सेहत निरंतर बिगड़ती जा रही है। बाबा की देखभाल कर रहे डॉक्टरों ने भी उन्हें अनशन तो़ड़ने की सलाह दी है।
बाबा का ब्लड प्रेशर गिरा, वजन भी घटा
अनशन पर बैठे बाबा रामदेव का स्वास्थ्य निरंतर गिरता जा रहा है। बाबा का वजन लगभग ६ किलो कम हो गया है और रक्तचाप में भी कमी आई है। यही नहीं उनके शरीर में ग्लूकोज का स्तर बेहद कम हो गया है। ग्लूकोज का स्तर गिर जाने से शरीर के अंगों को भारी क्षति पहुंचती है और जान तक जाने की संभावना बन जाती है।
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