शुक्रवार, 3 जून 2011

पाकिस्‍तान कमाई करने में तो सबसे पीछे है लेकिन आबादी बढ़ाने के मामले में सबसे आगे


पाकिस्‍तान कमाई करने में तो सबसे पीछे है लेकिन आबादी बढ़ाने के मामले में सबसे आगे 



इस्‍लामाबाद. आतंकवाद और संसाधनों की कमी से जूझ रहा पाकिस्‍तान कमाई करने में तो सबसे पीछे है लेकिन आबादी बढ़ाने के मामले में सबसे आगे है।  2010-11 में पाकिस्‍तान की जीडीपी ग्रोथ रेट 2.4 फीसदी रहा जो दक्षिण एशियाई देशों में सबसे कम है लेकिन इस दौरान पाकिस्‍तान की आबादी सबसे तेजी से बढ़ी है। ऐसा होने से यहां के मौजूदा संसाधनों पर जनसंख्‍या का दबाव बढ़ गया है और इसकी हालत बदतर हो सकती है।

स्थानीय मीडिया में प्रका‍शित रिपोर्ट के मुताबिक आबादी से जुड़े कार्यक्रमों पर करोड़ों रुपये खर्च करने के सरकारी दावे के बावजूद पिछले 30 वर्षों के दौरान पाकिस्‍तान की जनसंख्‍या वृद्धि दर में महज 1.01 फीसदी की गिरावट आई है।  पाकिस्‍तान में हर मिनट आठ बच्‍चे पैदा होते हैं जबकि दो लोगों की मौत होती है इस तरह हर मिनट पाकिस्‍तान की आबादी में 6 लोगों का इजाफा होता है। 1 जुलाई 2010 को पाकिस्‍तान की आबादी 177.1 मिलियन थी।

बिना तनख्‍वाह के काम करते हैं लोग
आधिकारिक आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि पाकिस्‍तान की 54.92 मिलियन आबादी रोजगार में शामिल होने लायक है।  मानव श्रम की उपलब्‍धता के मामले में पाकिस्‍तान दुनिया का नौवां सबसे बड़ा देश है। 2009-10 में इस आबादी का सिर्फ 5.6 फीसदी ही रोजगार में लगा हुआ था जबकि 2008-09 को यह आंकड़ा 5.5 फीसदी था।

रोजगार की हालत यह है कि 29.1 फीसदी लोग 'बिना तनख्‍वाह के काम' करते हैं। बाकी बचे 1.3 फीसदी एम्‍प्‍लायर हैं, 34.2 फीसदी खुद के रोजगार में जुटे हैं जबकि 35 फीसदी को अन्‍य लोगों की तरफ से रोजगार मिला है। बिना तन ख्‍वाह के काम करने वालों में दो तिहाई महिलाएं हैं।

गर्भनिरोधकों का कम इस्‍तेमाल
एक सर्वे के मुताबिक गर्भनिरोधकों का इस्‍तेमाल करने वाले लोगों के देश में जनसंख्‍या की वृद्धि दर काफी कम होती है। पाकिस्‍तान में गर्मनिरोधकों का इस्‍तेमाल करने वालों की तादाद 30 फीसदी है जो न सिर्फ दक्षिण एशिया बल्कि अन्‍य मुस्लिम आबादी के देशों की तुलना में अधिक है।

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