राज्यमंत्री भरोसीलाल जाटव की पत्नी और बेटों की अवैध रूप से चल रही खानों व क्रेशर पर रोक लगा दी
जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मोटर गैराज राज्यमंत्री भरोसीलाल जाटव की पत्नी और बेटों की अवैध रूप से चल रही खानों व क्रेशर पर रोक लगा दी है। साथ ही कहा है कि आदेश की पालना नहीं होने पर मुख्य सचिव, वन विभाग के प्रमुख सचिव, खान विभाग के प्रमुख सचिव, खान निदेशक, करौली कलेक्टर, प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सचिव व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।
अदालत ने मंत्री भरोसीलाल जाटव समेत इन सभी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश अरुण कुमार मिश्रा और न्यायाधीश आलोक शर्मा की खंडपीठ ने अशोक पाठक की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया। याचिका में कहा गया था कि राज्यमंत्री जाटव ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर हिंडौन के खरेटा की वनभूमि में पत्नी रेशम देवी, बेटे नवीन, सुरेंद्र व नरेश के नाम से खान आवंटित कराई।
इसके लिए वनभूमि को राजस्व भूमि बताया गया। बाद में वहां क्रेशर लगवा लिए। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण मंडल से अनुमति भी नहीं ली गई। मामला सामने आने के बाद वन विभाग ने एनओसी वापस ले ली। खनन विभाग ने गत 7 फरवरी को खान की लीज निरस्त कर दी। प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने क्रेशर बंद करने का आदेश दिया। इसके बाद भी न केवल वहां क्रेशर चल रहे हैं, बल्कि क्रेशर की सुरक्षा के लिए पुलिस चौकी भी खोल दी गई।
जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मोटर गैराज राज्यमंत्री भरोसीलाल जाटव की पत्नी और बेटों की अवैध रूप से चल रही खानों व क्रेशर पर रोक लगा दी है। साथ ही कहा है कि आदेश की पालना नहीं होने पर मुख्य सचिव, वन विभाग के प्रमुख सचिव, खान विभाग के प्रमुख सचिव, खान निदेशक, करौली कलेक्टर, प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सचिव व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।
अदालत ने मंत्री भरोसीलाल जाटव समेत इन सभी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश अरुण कुमार मिश्रा और न्यायाधीश आलोक शर्मा की खंडपीठ ने अशोक पाठक की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया। याचिका में कहा गया था कि राज्यमंत्री जाटव ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर हिंडौन के खरेटा की वनभूमि में पत्नी रेशम देवी, बेटे नवीन, सुरेंद्र व नरेश के नाम से खान आवंटित कराई।
इसके लिए वनभूमि को राजस्व भूमि बताया गया। बाद में वहां क्रेशर लगवा लिए। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण मंडल से अनुमति भी नहीं ली गई। मामला सामने आने के बाद वन विभाग ने एनओसी वापस ले ली। खनन विभाग ने गत 7 फरवरी को खान की लीज निरस्त कर दी। प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने क्रेशर बंद करने का आदेश दिया। इसके बाद भी न केवल वहां क्रेशर चल रहे हैं, बल्कि क्रेशर की सुरक्षा के लिए पुलिस चौकी भी खोल दी गई।
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