शनिवार, 28 जनवरी 2017

जयपुर अवैध रूप से सोनोग्राफी मशीन बेचने वाला गिरफतार व मशीन जब्त*

जयपुर अवैध रूप से सोनोग्राफी मशीन बेचने वाला गिरफतार व मशीन जब्त*

आरोपी काफी वर्षो से कर रहा था जोबनेर में सोनोग्राफी सेंटर का संचालन*

आरोपी 60 हजार रूपयें में बैच रहा था अवैध सोनोग्राफी मशीन*

राज्य में अवैध रूप से सोनोग्राफी बेचनेवाले को गिरफतार करने की राज्य पीसीपीएनडीटी सैल की पहली कारवाई*


आरोपी को पहले भी न्यायलय द्वारा दिया जा चुका हैं दोषी करार*

जयपुर 28 जनवरी 2016। स्वास्थ्य विभाग के मिशन निदेशक एवं राज्य पीसीपीएनडीटी सैल के समुचितप्राधीकारी नवीन जैन ने बताया कि शुक्रवार को मुखबिर के द्वारा सूचना मिली की जोबनेर कस्बे में पीडी एक्सरें एवं डॉयगनोस्टिक सेंटर के संचालक मुरधीर जाट द्वारा सोनोग्राफी मशीन बेचने की कारवाई अवैध रूप से की जा रही हैं। जिसके लिए राज्य पीसीपीएनडीटी सैल एवं मुखबिर जाल बिछाकर मशीन की ग्राहक बनकर पहुंची। शाम को छ: बजे टीम के सदस्यों को मुरधीर जाट ने मशीन को अपने रह रहे किराए के मकान में ले जाकर दिखाई जहां उसने मशीन को छुपा कर रख रखा था तथा 60 हजार रूपयें में मशीन बेचना तय किया। मशीन मुलधीर जाट द्वारा मशीन शुपरद करने तथा 60 हजार रूपये लेना तय होने के बाद टीम ने मशीन को जब्त कर मुरलीधर को गिरफतार किया।

जैन ने बताया कि जांच में सामने आया कि पीडी एक्सरे एवं डॉयगनोस्टिक सेंटर के संचालक के द्वारा इस सोनोग्राफी मशीन का पहले पंजीयन करवाया गया था। उसके बाद मशीन खराब होनें के बाद मशीन को ठीक करने के लिए दे दी गई एवं संचालक ने दूसरी नई मशीन की खरीद कर नया रजिस्टे्रशन करवा लिया। इस सेंटर संचालक द्वारा सोनोग्राफी करने का कार्य गत कई वर्षाे से किया जा रहा हैं। मुरधीर जाट ने पूरानी मशीन को 70 हजार में अवैध रूप से बेचने के लिए कई दलालों से सम्पर्क किया। इस दौरान मुखबीर ने मिशन निदेशक को सूचित किया जिस पर तुरंत कारवाई करते हुए मशीन को जब्त किया तथा अवैध सोनोग्राफी मशीन को बेचने वाले संचालक को गिरफतार किया।




सोनोग्राफी सेंटर के संचालक

मुरलीधर जाट के खिलाफ पूर्व में भी परिवाद पेश किया गया जिसमे न्यायालय ने आरोपी को दोषि माना व धारा 12 पीओ एक्ट का लाभ देकर छोड़ा गया। ।जिसके उपरांत भी संचालक द्वारा अवैध गतिविधियां जारी रही वहीं गत कई वर्ष से अवैध सोनोग्राफी मशीन का भी उपयोग कर रहा था। पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत अपंजीकृत सोनोग्राफी मशीन को रखना उतना ही खतरनाक हैं जितना बिना लांइसेंस बंदूक या रिवाल्वर रखना। जांच में यह भी सामने आया हैं कि लिंग जांच जैसे घृणित कार्य में भी उक्त संचालक संलिप्ता रही हैं।

जैन ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस अद्यीक्षक रघुवीरसिंह के नेतृत्व में टीम गठीत कर कारवाई को अंजाम दिया गया इस कार्रवाई में राज्य पीसीपीएनडीटी सैल के उपनिरक्षक विक्रम सेवावत, पीसीपीएनडीटी बाडमेर समन्वयक विक्रम सिंह चम्पावत, हैड कांस्टेबल सांवरमल ,महेश कुमार व एनजीओं प्रतिनिधि विकास राहड़ शामिल थे। आरोपी को आज न्यायालय में किया जाएगा पेश।

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