रविवार, 31 मई 2015

अजमेर। 100 रूपए के लिए पत्नी को ज़िंदा जलाया फिर चार महीने तक कैद में रखा,पीड़िता की मौत

अजमेर। 100 रूपए के लिए पत्नी को ज़िंदा जलाया फिर चार महीने तक कैद में रखा,पीड़िता की मौत
अजमेर। अजमेर में पति पत्नी के रिश्तों को शर्मसार कर देने का मामला सामने आया है जहां एक पति से 100 रूपए मांगने पर उसने केरोसीन डालकर पत्नी को जला डाला। पीहर पक्ष का आरोप है कि पीड़िता को जलने के बाद उसे चार माह तक घर में कैद रखा गया था। यहां तक की पीहर पक्ष के लोगों को उससे मिलने भी नही दिया गया। यह सनसनीखेज मामला है अजमेर के रामगंज थाना क्षेत्र का है। चार माह के बाद सुसराल के चुंगल से छुड़ाने के बाद पीड़िता 8 दिन से पीहर मसूदा में अपना इलाज करवा रही थी और जहां रविवार को आज उसने दम तोड़ दिया।

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क्या था मामला
पति पत्नी के 15 साल के रिश्ते के बीच में ऐसा क्या हो गया कि महज पत्नी के 100 रूपए मांगने पर पति ने उसे जला दिया। यह आरोप मृतका के परिजनों ने सुसराल पक्ष पर लगाए है। अजमेर के सुभाष नगर निवासी धर्मेन्द्र सेन का विवाह 2001 में मसूदा निवासी दीपा सेन से हुई थी। शादी के पंद्रह साल तक पति पत्नी में कुछ अनबन भी रही। 23 जनवरी 2015 को दीपा घर में संदिग्ध परिस्थितियों में झुलस गई। मृतका की माँ सीता देवी का आरोप है कि बेटी के सुसरालवालो ने घटना के पांच दिन तक उन्हें कोई सुचना नही दी। जब उन्हें सुचना मिली तब वह उसके अजमेर सुभाष नगर स्थित सुसराल गए तो सुसरालवालो ने उन्हें दीपा से मिलने नही दिया। मृतका की माँ का यह भी आरोप है कि चार माह तक पीड़िता को घर में कैद कर दिया गया। उन्होंने बताया कि सात दिन पहले दीपा का फोन आया और उसने सुसरालवालो पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उसे पीहर ले जाने के लिए कहा। मसूदा से अजमेर आकर सीता देवी अपने परिजन के साथ दीपा को अपने घर ले आई और उसे जेएलएन अस्पताल भर्ती करवा दिया। जहा उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।



मौत के बाद अंतिम संस्कार में भी नही आया ससुराल पक्ष
इधर मृतका की मौत के बाद सुसराल पक्ष से अस्पताल कोई नही आया। हालांकि सुसराल के पडौसी दीपा की मौत की खबर सुनकर जरूर अस्पताल पहुचे। पड़ौसियों का कहना है कि दीपा मिलनसार स्वभाव की थी। घटना के दिन उसके साड़ी के पल्लू में आग लग गई थी। उस दौरान पडौसियों ने आग बुझा कर झुलसी अवस्था में दीपा को अस्पताल पहुचाया था। उनका यह भी कहना है कि दीपा के साथ इतनी बढ़ी घटना होने के चार माह तक पीहर पक्ष कोई भी व्यक्ति उससे मिलने नही आया। जबकि सुसराल पक्ष ने दीपा के झुलसने पर उसकी बहुत सेवा की है।



 मामला हुआ  दर्ज
करीब सात दिन पहले मामला सामने आने के बावजूद दो थानों के क्षेत्राधिकार में उलझ चूका था। रामगंज थाना पुलिस ने पीहर पक्ष की और से दीपा के पति धर्मेन्द्र के खिलाफ कातिलाना हमले का मुकदमा दर्ज किया गया। मरने से पहले दीपा के न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष अस्पताल में बयान भी हो चुके है। रामगंज थाना पुलिस ने दीपा के शव का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों के सुपर्द कर दिया है।



थाने के दीवान ने करी पोस्टमार्टम की कार्रवाई

महिला अत्याचार के मामले में पुलिस कितनी बेपरवाह है यह बात थानो के क्षेत्राधिकार के मामले से सामने आ गई। वही महिला अत्याचार के संवेदनशील मामला जिसमे पीड़िता की मौत हो चुकी है। उसके बावजूद पोस्टमार्टम की कार्रवाई थाना प्रभारी स्तर का अधिकारी नही कर के थाने का एक दीवान कर रहा है। ऐसे में जाहिर है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद मामले की जांच कैसी होगी इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते है। बहरहाल मृतका की माँ सीता देवी ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाईं है।

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