सोमवार, 1 दिसंबर 2014

मां के संक्रमण से नवजात शिशुओं पर एड्स की मार

मां के संक्रमण से नवजात शिशुओं पर एड्स की मार

भीलवाड़ा। जिले में बचपन भी एड्स के साये में आ चुका है। अब तक जिले में 0 से 14 साल के करीब ढाई हजार मरीज सामने आए हैं, जो एआरटी की दवा ले रहे हैं। जिन बच्चों की मां एचआईवी ग्रस्त हैं, ऎसे बच्चों में एचआईवी संक्रमण की संभावना अधिक रहती है।
aids in childrens

ये है खतरनाक
यदि महिला गर्भ के दौरान एचआईवी से ग्रस्त है, तो बच्चों में संक्रमण फैल सकता है। इसके लिए मगिला को प्री एआरटी की दवा देना जरूरी है। यदि महिल प्री एआरटी की दवा लेती है, बच्चा संक्रमित हो सकता है। किसी भी एचआईवी संक्रमित के बच्चे के जन्म से यानी महिला के प्रसव से दो घंटे पहले नेवरापाइन की डोज देनी होती है, जबकि नवजात को 72 घंटे के अंतराल में यह दवा दी जाती है। - 

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