बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

राज ठाकरे-एनसीपी में ठनी, काफिले पर हमला, तोड़फोड़



मुंबई। महाराष्ट्र में एमएनएस और एनसीपी की लड़ाई सड़कों पर आ गई है। मंगलवार की रात अहमदनगर में एमएनएस अध्यक्ष राजठाकरे के काफिले पर पथराव हुआ। आरोप अजित पवार के समर्थकों पर है। जवाब में एमएनएस कार्यकर्ताओं ने मुंबई और ठाणे में एनसीपी के दफ्तरों पर हमले किए और अजीत पवार के पुतले फूंके। पुलिस ने पुतला फूंक रहे 15-20 लोगों को हिरासत में ले लिया।
राज ठाकरे-एनसीपी में ठनी, काफिले पर हमला, तोड़फोड़
एमएनएस कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ शरद पवार के भतीजे और राज्य के उप मुख्यमंत्री का पुतले और पोस्टर जलाए, बल्कि एनसीपी के दफ्तरों पर भी हमला किया। एमएनएस कार्यकर्ताओं का गुस्सा ये खबर मिलने के बाद भड़का कि अहमदनगर में अजित पवार समर्थकों ने राजठाकरे के काफिले पर हमला किया। बाद में पुलिस ने पुतला फूंक रहे 15-20 लोगों को हिरासत में ले लिया।राज ठाकरे ने जिस तरह से सोलापुर में असंसदीय भाषा का उपयोग किया था पार्टी का कार्यकर्ता उससे नाराज था। आज राज ठाकरे के खिलाफ कुछ प्रदर्शन किया गया था। एनसीपी के कई कार्यालय हैं। खबर है कि कुछ लोगों ने पार्टी कार्यालय पर पत्थर फेंके हैं। रात में ही मुंबई और ठाणे के एनसीपी दफ्तरों पर हमले शुरु हो गए। हिंगोली में एनसीपी दफ्तर पर हमला किया गया, एनसीपी नेता आसिफ भामला की गाड़ी के साथ तोड़-फोड़ की गई। भामला समर्थकों ने थाने में जाकर हंगामा मचाया। उधर ठाणे में भी एनसीपी के दफ्तर पर पत्थरबाजी की गई। ये वही दफ्तर है जहां एनसीपी नेता जीतेंद्र आह्वाड बैठते हैं।
आह्वाड का कहना है कि हमला उनकी गैरमौजूदगी में छिपकर किया गया। मैं उठ कर गया ही था कि पाता चला कि किसी ने हमला किया। एनसीपी दफ्तरों पर हमले की खबर मिलते ही पुलिस सतर्क हुई। पुलिस ने तत्काल एनसीपी दफ्तरों की सुरक्षा कड़ी कर दी। पुलिस की गाड़ियां एनसीपी दफ्तरों के इर्द-गिर्द चक्कर काटने लगीं। उधर दफ्तरों पर हमले की खबर पाते ही एनसीपी कार्यकर्ता भी लामबंद होने लगे और करारा जवाब देने की बात करने लगे।

दरअसल अगले साल लोकसभा चुनाव हैं और उसके बाद विधानसभा चुनाव भी। इन दोनों चुनावों में राज ठाकरे की एमएनएस अब तक कोई कामयाबी नहीं हासिल कर सकी है। लिहाजा एकला चलो का नारा दे चुके राजठाकरे अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाने की कवायद में लगे हैं, लेकिन अब तक एमएनएस की कारगुजारियों से मुंह फेरती रही एनसीपी अचानक इतनी आक्रामक क्यों हैं ये चौंकाने वाली बात है। कुछ लोग इसे पवार परिवार की अंदरूनी कलह और अजित पवार की अपनी छवि चमकाने की कवायद भी मान रहे हैं।

राज ने पहले ही ऐलान कर रखा है कि वो फिलहाल एकला चलेंगे। ऐसे में उनके आगे अपने लिए ज्यादा जगह बनाने की चुनौती है लिहाजा वो इस कवायद में हैं और एनसीपी को अपने गढ़ बचाने की। लिहाजा ये टकराव आगे क्या रंग लेता है ये देखने की बात होगी।

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