मंगलवार, 25 दिसंबर 2018

नरपत सिंह राजवी मिले गहलोत से ,भाजपा से हे खफा

नरपत सिंह राजवी मिले  गहलोत से ,भाजपा से हे खफा 
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जयपुर. पूर्व उपराष्ट्रपति स्वर्गीय भैरो सिंह शेखावत के जवाई साहब और भाजपा विधायक नरपत सिंह राजवी इन दिनों प्रदेश भाजपा संगठन से खफा खफा है. आलम यह है कि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद नरपत सिंह राजवी ने संगठनात्मक बैठकों और कार्यक्रमों से दूरी ही बना ली है.आज उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनके निवास पर उनसे मुलाकात भी की ,

भाजपा के विपक्ष में जाने के बाद जयपुर में कांग्रेस सरकार के खिलाफ हुए पहले विरोध प्रदर्शन में भी नरपत सिंह राजवी गायब थे. तो उसके बाद विधानसभा चुनाव हार की समीक्षा के लिए हुई संगठनात्मक बैठक से भी राजवी ने दूरी बनाई. मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर हुए कार्यक्रम में भी नरपत सिंह राजवी शामिल नहीं हुए. नरपत सिंह राजवी की संगठन से नाराजगी की चर्चा भाजपा के गलियारों में है लेकिन प्रदेश नेतृत्व से जुड़े.


पदाधिकारी राजवी के मामले में फिलहाल मौन ही है. दरअसल नरपत सिंह राजवी की नाराजगी की एक बड़ी वजह उनके विधानसभा क्षेत्र विद्याधर नगर में उनसे पूछे बिना मंडल पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाना है. विधानसभा चुनाव के दौरान इन्हीं मंडल पदाधिकारियों ने नरपत सिंह राजवी का टिकट काटे जाने की वकालत तक की थी. बावजूद इसके राजवी को टिकट मिला और राजवी भारी बहुमत से चुनाव जीतकर भी आए.

चुनाव में जब जयपुर से आने वाले 2 काबीना मंत्री सहित कई दिग्गज धाराशायी हो गए. तब राजवी ने चुनाव जीता और इस जीत में उन्हें अपने ही विधानसभा क्षेत्र में मौजूद भाजपा संगठन इकाई की कोई मदद नहीं मिल पायी. लिहाजा चुनाव जीतने के बाद राजवी ने अपने विधानसभा क्षेत्र के मंडल पदाधिकारियों और जयपुर शहर भाजपा इकाई पर कार्रवाई की मांग कर डाली. बकायदा इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष तक से कहा हैं.


शहर अध्यक्ष से चल रही राजवी की अनबन
जयपुर शहर भाजपा अध्यक्ष संजय जैन और विधायक नरपत सिंह राजवी के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है. दोनों एक दूसरे के धुर विरोधी माने जाते हैं. यही कारण है की संजय जैन ने विद्याधर नगर मंडल में पदाधिकारियों की नियुक्ति में राजवी से राय तक नहीं ली. साथ ही राजवी के मौजूदा विधायक रहते विद्याधर नगर क्षेत्र से खुद के लिए टिकट की मांग तक कर डाली.

अब जब राजवी जीत गए हैं तो निष्क्रिय भाजपा शहर इकाई पर कार्यवाई की मांग कर संगठन से दूर हो गए हैं. हालांकि राजवी और जयपुर शहर भाजपा अध्यक्ष के बीच चल रहे गतिरोध की जानकारी पार्टी के आला नेताओं और पदाधिकारियों को भी है. लेकिन संगठनात्मक कार्यक्रमों से राजवी की दूरी से वे खुद को अनभिज्ञ बताते हैं. या फिर राजवी के कार्यक्रम में नहीं आने के पीछे अपने स्तर पर कई बहाने भी गिनाते हैं.

बाड़मेर। हिमांशु गुप्ता बाड़मेर के नए कलक्टर

बाड़मेर। हिमांशु गुप्ता बाड़मेर के नए कलक्टर

बाड़मेर। राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग ने मंगलवार शाम भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के तबादले किए। बाड़मेर जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते को गंगानगर कलक्टर लगाया गया है। वहीं बाड़मेर के नए जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता होंगे। गुप्ता वर्तमान में आयुक्त नगर निगम अजमेर एवं अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्मार्ट सिटी लिमिटेड अजमेर में डेढ़ साल से कार्यरत हैं। उन्हें जिला कलक्टर के पद पर पहली बार पोस्टिंग मिली है।


61 आईएएस बदले,गुप्ता बाडमेर ,मेहता जैसलमेर कलेक्टर

61 आईएएस बदले,गुप्ता बाडमेर ,मेहता जैसलमेर कलेक्टर


जेयपुर राजस्थान में सरकार बदलने के साथ सरकारी अफसरों का  बदलना भी तेजी से हो रहा।आज कार्मिक विभाग ने 61 आईएएस की ट्रांसफर लिस्ट जारी की।।हिमांशु गुप्ता बाडमेर ,नमित मेहता जेसलमेर कलेक्टर होंगे।।यहां देखें पूरी लिस्ट, किन-किन जिलों के कलेक्टर बदले गए
रवि जैन- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, बीकानेर
जगरूप सिंह यादव- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जयपुर 
आरुषि अजय मलिक- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, भरतपुर
दिनेश कुमार यादव- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, नागौर
नन्नू मल पहाड़िया- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, करौली
सत्यपाल सिंह भड़िया- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, सवाईमाधोपुर
आनंदी- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, उदयपुर
इंद्र सिंह- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, बारां
दिनेश चंद जैन- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, पाली
राजेश भट्ट- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, भीलवाड़ा
महेंद्र सोनी- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जालौर
चेतन राम देवड़ा- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, डूंगरपुर
कुमारपाल गौतम जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, झुंझुनू
प्रकाश राजपुरोहित जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जोधपुर
इंद्रजीत सिंह जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, अलवर
नेहा गिरी जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, धौलपुर
विश्व मोहन शर्मा जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, अजमेर
एन शिवप्रसाद मदान- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, श्रीगंगानगर
संदेश नायक- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, चूरू
शिवांगी स्वर्णकार- जिला कलेक्टर, चित्तौड़गढ़ 
रुक्मणि रियार- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, बूंदी
ओम प्रकाश कसेरा- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, प्रतापगढ़
सिद्धार्थ सिहाग- जिला कलेक्टर जिला मजिस्ट्रेट, झालावाड़
हिमांशु गुप्ता- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट बाड़मेर
अमित मेहता- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जैसलमेर
अविचल चतुर्वेदी- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, दौसा
आशीष गुप्ता- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, बांसवाड़ा
अरविंद कुमार पोसवाल- जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, राजसमंद


सोमवार, 24 दिसंबर 2018

बाड़मेर के दिग्गज नेताओं ने शपथ ग्रहण समारोह का किया बहिष्कार

बाड़मेर के दिग्गज नेताओं ने शपथ ग्रहण समारोह का किया बहिष्कार

गहलोत सरकार के नवगठित कैबिनेट मे पूर्व राजस्व मंत्री हेमाराम चोधरी पूर्व पंचायती राज मंत्री अमीन खान पचपदरा विधायक मदन प्रजापत व बाङमेर विधायक मेवाराम जैन ने सपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया! चारों विधायको ने शपथ ग्रहण समारोह में ना जाकर अपनी नाराजगी व्यक्त की गौरतलब है कि राजस्थान सरकार के मंत्रीमण्डल का गठन आज जयपुर में हुआ था जिसको लेकर रविवार को चयनित विधायकों की लिस्ट सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर दिखाई जा रही थी जिसमें बाड़मेर के दिग्गज नेता हेमाराम चौधरी और अमीन खान सहित लगातार तीसरी बार जीतने वाले बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन का नाम नही होने से उनके प्रसंशको व कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निराशा हाथ लगी जिससे कार्यर्कर्ताओं में रोष की स्थिति पैदा हो गयी उसके बाद रविवार शाम से ही कार्यकर्ता लगातार सोशल मीडिया पर पार्टी का विरोध कर रहे हैं साथ ही कई प्रसंशको ने इस्तीफे और प्रदर्शन की भी पेशकश की मगर समझाइश के बाद वर्तमान समय तक ऐसा कोई मामला सुनने में नही आया मगर कार्यर्कर्ताओं की भावना को देखते हुए बाड़मेर के चारों विधायकों ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार कर अपना गुस्सा जाहिर किया!


उल्लेखनीय है की बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी विधानसभा विधायक और 5 बार विधायक रहे हेमाराम चौधरी,शिव विधानसभा से 5 बार विधायक रहे अमीन खान और बाड़मेर विधानसभा से लगातार तीसरी बार विधायक बनने वाले मेवाराम जैन का नाम मंत्रीमण्डल में होना लगभग तय माना जा रहा था मगर ऐनवक्त उनको शामिल ना करने से कार्यर्कर्ताओं की नाराज हो गए जिनकी नाराजगी को देखते हुए आगामी लोकसभा चुनाव में निंसंदेह पार्टी को नुकसान हो सकता है जो कांग्रेस के लिए खतरे का संकेत है

फिर चला गहलोत का जादू , मंत्रिमंडल में भी पायलट पर भारी पड़े अशोक गहलोत, समझें कैबिनेट का समीकरण

फिर चला गहलोत का जादू , मंत्रिमंडल में भी पायलट पर भारी पड़े अशोक गहलोत, समझें कैबिनेट का समीकरण


राजस्थान में आज कांग्रेस सरकार का मंत्रिमंडल बन जाएगा. राजभवन में सुबह 11.30 बजे 23 विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे. इनमें से 17 यानी दो तिहाई से ज्यादा नए चेहरे हैं. जातिगत समीकरणों को देखते हुए 13 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री बनाए गए हैं. वहीं, गठबंधन की राजनीति को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय लोक दल से जीते भरतपुर के विधायक सुभाष गर्ग को भी मंत्री बनाया जा रहा है. बड़ी बात ये है कि कैबिनेट में 60 फीसदी अशोक गहलोत समर्थक हैं तो 40 फीसदी पायलट समर्थकों को जगह मिली है. यानी एक बार फिर गहलोत सचिन पायलट पर भारी पड़ गए हैं.


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13 कैबिनेट मंत्री

बीडी कल्ला, शांति धारीवाल, परसादी लाल मीणा, मास्टर भंवरलाल मेघवाल, लालचंद कटारिया, डॉ रघु शर्मा, प्रमोद जैन भाया, विश्वेंद्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश चंद्र मीणा, उदयलाल आंजना, प्रताप सिंह खाचरियावास, सालेह मोहम्मद.

10 राज्य मंत्री

गोविंद सिंह डोटासरा, श्रीमति ममता भूपेश, अर्जुन बामनिया, भंवरसिंह भाटी, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदणा, टीकाराम जूली, भजनलाल जाटव, राजेंद्र यादव, सुभाष गर्ग.

गहलोत कैबिनेट का विश्लेषण

विश्वेंद्र सिंह-मंत्रिमंडल में शामिल विधायकों में विश्वेंद्र सिंह है जो डीग से विधायक हैं और तीन बार सांसद रह चुके हैं, पूर्वी राजस्थान के बड़े जाट नेता हैं और पहली बार मंत्री बन रहे हैं. उनकी पायलट से नहीं पटती है.

हरीश चौधरी- हरीश चौधरी बायतु से चुनाव जीते हैं और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हैं. पश्चिमी राजस्थान के बड़े जाट नेता हैं और एक बार बाड़मेर से सांसद भी रह चुके हैं. ये पायलट के करीबी माने जाते हैं.

रमेश चंद्र मीणा- पहली बार विधायक चुने गए हैं और पहली बार ही मंत्री बन रहे हैं. 2008 से में पहली बार बहुजन समाज पार्टी से जीते थे. कांग्रेस सरकार को समर्थन देकर संसदीय सचिव बने और लगातार तीसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं. सपोटरा से बड़े मीणा नेता किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी गोलमा देवी को हराकर विधान सभा में पहुंचे हैं और पायलट के करीबी हैं.

रघु शर्मा- रघु शर्मा ने अजमेर लोकसभा उपचुनाव जीतकर कांग्रेस का कद बढ़ाया था. उसके बाद कैंपेन समिति के अध्यक्ष भी बने हैं. केकड़ी विधानसभा से दूसरी बार चुनाव जीते हैं. गहलोत के खास हैं. कभी पायलट के करीबी भी थे.

उदय लाल आंजना- उदय लाल निंबाहेड़ा से दूसरी बार विधायक हैं और ओबीसी के बड़े नेता हैं. एक बार सांसद रह चुके हैं और गहलोत समर्थक हैं.

प्रताप सिंह खाचरियावास- प्रताप सिंह जयपुर के जिला अध्यक्ष हैं और 5 साल तक उन्होंने बीजेपी सरकार के खिलाफ संघर्ष किया है. दूसरी बार विधायक बने हैं. जयपुर की सिविल लाइन सीट से जीते हैं. पायलट के बेहद करीबी हैं.

सालेह मोहम्मद- सालहे पोकरण से दूसरी बार चुनाव जीते हैं और सरकार में एकमात्र मुस्लिम मंत्री हैं. विवादों में रहने वाले सालेह मोहम्मद पश्चिमी राजस्थान के बड़े मुस्लिम नेता गाजी फकीर के बेटे हैं. सालहे गहलोत कैंप के हैं.

गोविंद सिंह- डोटासरा विधानसभा में कांग्रेस की तरफ से मुख्य सचेतक रहे गोविंद सिंह लक्ष्मणगढ़ से तीसरी बार विधायक बने हैं. पायलट के करीबी हैं और उन्हें गहलोत से भी परहेज नहीं है.

ममता भूपेश- ममता मंत्रिमंडल में एकमात्र महिला चेहरा हैं और दूसरी बार विधायक बनी हैं. इससे पहले कांग्रेस सरकार में संसदीय सचिव रह चुकी हैं. किसी कैंप में नही हैं.

अर्जुन बामणिया- ये बांसवाड़ा से तीसरी बार चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं और कांग्रेस में प्रदेश सचिव रह चुके हैं. अर्जुन बामणिया को गहलोत समर्थक माना जाता है.

भंवरसिंह भाटी- कोलायत से दूसरी बार लगातार जीते भंवरसिंह भाटी ने बीजेपी के बड़े दिग्गज नेता देवी सिंह भाटी को पहली बार हराया था और दूसरी बार उनकी बहू को हराया है. भाटी गहलोत समर्थक हैं.


सुखराम बिश्नोई- सुखराम सांचौर सीट से लगातार दूसरा चुनाव जीते हैं. मोदी लहर के बावजूद भी वह पिछली बार जीत कर आए थे और बिश्नोई समाज के प्रतिनिधि के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं. सुखराम गहलोत समर्थक हैं.

अशोक चांदणा- युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चांदणा भी मंत्री बन रहे हैं जो लगातार दूसरी बार चुनाव जीते हैं. विपक्ष में उनका तेवर काफी रहा है और वे गहलोत समर्थक हैं.

टीकाराम जूली- अलवर ग्रामीण से दूसरी बार विधायक हैं और कांग्रेस में जितेंद्र सिंह के करीबी हैं.

भजन लाल जाटव- भजन लाल पहली बार 2014 में विधानसभा उपचुनाव में वैर सीट से ही जीते थे और इस बार भी जीते हैं. भजन लाल पायलट के करीबी हैं.

राजेंद्र यादव- कोटपूतली विधानसभा से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए राजेंद्र यादव ने लोकसभा चुनाव में भी यादव वोट दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. यादव गहलोत समर्थक हैं.

सुभाष गर्ग- कांग्रेस के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल के टिकट पर पहली बार चुनाव जीते हैं और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद करीबी हैं.

बीडी कल्ला- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और बीकानेर पश्चिम से चुनाव जीते हैं. राजस्थान में करीब 12 मंत्रालय संभाल चुके हैं. गहलोत कैंप में हैं.

शांति धारीवाल- कोटा दक्षिण से चुनाव जीते हैं और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद करीबी हैं. इन्हें भारी-भरकम मंत्रालय मिलता रहा है .

परसादी लाल मीणा- लालसोट से चुनाव जीते हैं और पिछला चुनाव हार गए थे. मीणा समाज से कांग्रेस का चेहरा हैं. गहलोत के करीबी हैं.

मास्टर भंवरलाल मेघवाल- मास्टर भंवरलाल सुजानगढ़ से चुनाव जीते हैं और सचिन पायलट के बेहद करीबी हैं. एससी समाज के नेता हैं. शिक्षा मंत्री थे, लेकिन इस्तीफा देना पड़ा था.

लालचंद कटारिया- जयपुर की झोटवाड़ा सीट से विधायक बने हैं और मनमोहन सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री रह चुके हैं. पहली बार राज्य मंत्री बनने जा रहे हैं और अशोक गहलोत के करीबी हैं.

प्रमोद जैन भाया- प्रमोज जैन अंता सीट से विधायक बने हैं और सचिन पायलट के बहुत करीबी हैं. पिछली सरकार में बीच में हटा दिया गया था.

इन दिग्गजों को नहीं मिली जगह

राजस्थान में इस बार जिन बड़े दिग्गज नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है उनमें सीपी जोशी, हेमाराम चौधरी, भरत सिंह, दीपेंद्र सिंह शेखावत, परसराम मोरदिया, राजेंद्र पारीक, अशोक बैरवा, महेश जोशी, जितेंद्र सिंह , महेंद्रजीत सिंह मालवीय, बृजेंद्र ओला और राजकुमार शर्मा हैं.

जातिगत आधार पर देखें तो सबसे ज्यादा 4 जाट विधायक मंत्री बन रहे हैं. दो ब्राह्मण, दो राजपूत, 3 वैश्य, 4 एससी, 3 एसटी, एक गुर्जर, एक विश्नोई, एक मुस्लिम, दो ओबीसी हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट दोनों ओबीसी से आते हैं.