शुक्रवार, 29 सितंबर 2017

नई दिल्ली शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर ‘युवा रत्न’ सम्मान बांटे

नई दिल्ली  शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर ‘युवा रत्न’ सम्मान बांटे
भारत को सशक्त बनाने के लिए भगत सिंह का जोश चाहिए: गणि राजेन्द्र विजय

नई दिल्ली, 29 सितम्बर 2017
शहीद-ए-आजम भगत सिंह के 111वें जन्मदिवस के अवसर पर हिंदी भवन आॅडिटोरियम में आयोजित भव्य समारोह में समाज एवं राष्ट्र की विभिन्न क्षेत्र की प्रतिभाओं को ‘युवा रत्न’ सम्मान बांटे गए। मोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से महान बलिदानी एवं क्रांतिकारी भगत सिंह की देशभक्ति की भावना को प्रभावी प्रस्तुति दी गई। अनेक गैरसरकारी संगठनों एवं सांस्कृतिक मंचों के द्वारा देशभक्ति के गीतों पर शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मौजूद युवाओं में जोश भरा। 
भगत सिंह युवा क्रांति दल एवं सुखी परिवार फाउंडेशन के द्वारा आयोजित इस समारोह में लोकसभा सांसद डाॅ. साक्षी महाराज, सुखी परिवार अभियान के प्रणेता गणि राजेन्द्र विजय, शहीद-ए-आजम भगत सिंह के भतीजे श्री किरणजीत सिंह सिद्धू, अमर शहीद अशफाक उल्ला खां के पोते श्री अशफाक उल्ला, पत्रकार एवं साहित्यकार श्री ललित गर्ग, राजनीतिक सलाहकार श्री राज बहादुर, किसान यात्रा संदेश के संपादक पं. नरेन्द्र शर्मा, श्री सुरेन्द्र सिंह बिधूड़ी, बहुजन समाज पार्टी (बाबासाहब) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. बनारसी दास, मां योगशक्ति, डाॅ. कमल टावरी आदि मौजूद थे। वक्ताओं ने इस अवसर पर महान क्रांतिकारी भगत सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किये जाने, संसद परिसर में उनकी प्रतिमा स्थापित करने एवं उनके जन्म स्थान पर बन रहे संग्रहालय को यथाशीघ्र दर्शकों के लिए खोलने की मांग की। 
डाॅ. साक्षी महाराज ने कहा कि देश जटिल हालातों से गुजर रहा है। लगता है एक और स्वतंत्रता संग्राम करना होगा। उन्होंने भगत सिंह की जन्म जयंती पर उनके जीवन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत अभियान जैसे जनकल्याणकारी कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने युवकों से आह्वान किया कि वे भगत सिंह की तरह क्रांतिकारी बनें, न कि आतंकवादी।
गणि राजेन्द्र विजय ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज भारत को सशक्त बनाने के लिए भगत सिंह का जोश एवं महात्मा गांधी की अहिंसा दोनों को समन्वित रूप से विकसित करना होगा। यह हमारे देश की राजनीतिक दुर्बलताएं एवं दुर्भावनाएं हैं कि आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी हम भगत सिंह को भारत रत्न तक नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य है कि आज के युवा भगत सिंह के निस्वार्थ बलिदान के बारे में जाने और प्रेरणा लें। इससे उनमें राष्ट्रभक्ति की भावना प्रबल होगी और वे देश के अच्छे नागरिक बनेंगे। सुखी परिवार फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक श्री ललित गर्ग ने भगत सिंह की जीवन से जुड़ी घटनाओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुति दी। इस आयोजन की सफलता में भगत सिंह युवा क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संतोष सिंह बागी, श्री सुरेन्द्र सिंह बिधूड़ी एवं पं. नरेन्द्र शर्मा का उल्लेखनीय योगदान रहा। 

गुरुवार, 28 सितंबर 2017

बाड़मेर 2 बच्चों को टांके में डालकर महिला ने की ख़ुदकुशी, पति भी कूदा टांके में, 3 की मौत



बाड़मेर 2 बच्चों को टांके में डालकर महिला ने की ख़ुदकुशी, पति भी कूदा टांके में, 3 की मौत

बायतू – गिड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत परेऊ के गाँव जसनाथपुरा एक ह्रदय को हिलाने वाली घटना सामने आई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सुंदरदेवी पत्नी भोलाराम उम्र 25 जाति मेघवाल, भोलाराम पुत्र सोनाराम उम्र 27, प्रकाश पुत्र भोलाराम उम्र 2 साल की मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार महिला ने अपने नन्हे बच्चों को पानी के टांके में डालने के बाद खुद अपने कमरे में फांसी खा कर अपनी ईहलीला समाप्त कर ली। मरने से पहले महिला ने अपने पीहर वालों को फोन पर बताया कि मैंने मेरे दोनों बच्चों को टांके में डाल दिया है और अब मैं फांसी खाकर मर रही हूँ, ये मेरी अंतिम बात है। इतना कहकर फोन काट दिया तब पीहर वालों ने भोलाराम के परिवार के भाईयो को अवगत कराया। तो उसके परिवार के लोग दौड़कर आए और टांके में से दोनों बच्चों को बाहर निकाला, तब तक दो साल के बच्चे की मौत हो चुकी थी।




भोलाराम परेऊ से अपने भाई के साथ ढाणी आया और इस घटना को देखकर सहन नहीं कर सका और वह वहां से मोटरसाइकिल लेकर घर से लापुंदड़ा की ओर निकल गया। गाँव के लोगों ने ढूंढा मगर नहीं मिला। कुछ दूर लेगो की ढाणी में बने टांके के ऊपर दो मोबाइल फोन व चप्पल पड़े देखकर मंदिर पर बैठे लोगों को शंका हुई तो पास में ही हनुमान मंदिर पर बैठे लोगों को बताया तो पता चला कि परेऊ का मेघवाल कहीं चला गया है। उन्होंने परेऊ फोन पर इतला दी तो परेऊ के ग्रामीण टांके पर गये टांका गहरा व पानी से भरा हुआ होने व ज्यादा मशक्कत करने पर भोलाराम का शव टांके से बाहर निकाल कर पुलिस की मौजूदगी में ढाणी लाए व पांच साल की बच्ची को उल्टा कर पानी निकाल कर परेऊ अस्पताल ले गए।




समय पर उपचार होने से बच्ची बच गई,

भोलाराम मेघवाल के परिवार में पति पत्नी व दो बच्चों का परिवार में से अब सिर्फ एक पांच साल की बच्ची बची है, जिसका रो-रो कर हाल बुरा है।




मौके पर पुलिस उपाधीक्षक बाड़मेर व पुलिस सहायक उप निरीक्षक मय जाब्ते ने घटना स्थल का ब्योरा लिया। घटना की जानकारी के बाद पति-पत्नी व बच्चे का शव बायतू की मोर्चरी में भिजवाया। कल सुबह परिवार व महिला की पीहर वालों की मौजूदगी में शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा