बुधवार, 28 जून 2017

बाड़मेर नाबालिंग के साथ दुष्कर्म करने वाले को हुई सात साल की सजा



बाड़मेर नाबालिंग के साथ दुष्कर्म करने वाले को हुई सात साल की सजा

बाड़मेर 28 जून

आज विषिष्ट न्यायाधीष अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण प्रकरण) पोक्सो मामलात, बाड़मेर के न्यायालय के न्यायाधीष सुरेन्द्र खरे द्वारा सरकार बनाम श्रवणदास पत्रावली पर निर्णय पारित करते हुए अभियुक्त श्रवणदास पुत्र लुम्भदास जाति संत निवासी रोली को अपराध अन्तर्गत धारा 363, 366-ए, 342, 376 (1) भारतीय दण्ड संहिता व 3/4 पोक्सो अधिनियम में दोषसिद्ध करार देते हुए सात वर्ष की सजा सुनाई गई।

विषिष्ट लोक अभियोजक सवाई माहेष्वरी ने बताया कि दिनाकं 01.01.2014 को परिवादी निम्बाराम ने एक लिखित रिपोर्ट पुलिस थाना आरजीटी में इस आषय की प्रस्तुत की थी कि मेरी पुत्री पीडि़ता जो राउमावि छोटू में 11 वीं में पढती है कि पीडि़ता नियमित स्कूल आती जाती थी। शीतकालीन अवकाष होने से मेरी पुत्री मेरे घर पर ही थी। दिनंाक 28.12.2013 की रात को वक्त 9ः10 पीएम पर मेरी पुत्री पीडि़ता को श्रवणदास ने शादी करने की नियत से बहला-फुसलाकर ले गया। जिस पर हमने पीडि़ता की तलाष की हमारे रिष्तेदारों में की, मगर पीडि़ता का कोई अता-पता नहीं लगा। पीडि़ता की तलाष करते वक्त मुझे बाबूलाल व हनुमानराम ने आज उपरोक्त बात बताई।

जिस पर पुलिस थाना आरजीटी ने प्रकरण का अनुसंधान करते हुए मुलजिम के विरूद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुूत किया, जिस पर दौरान विचारण अभियोजन पक्ष द्वारा कुल 20 गवाहान परीक्षित करवाये गये एवं बाद बहस अभियुक्त को दोषी करार देते हुए अन्तर्गत धारा 363, 366-ए, 342, 376 (1) भादस व 3/4 पोक्सो अधिनियम में सात वर्ष की सजा सुनाई गई।

प्रकरण में राज्य की ओर से विषिष्ट लोक अभियोजक सवाई माहेष्वरी व बचाव पक्ष की ओर से राजेष विष्नोई एडवोकेट ने पैरवी की।

जयपुर। आनंदपाल सिंह का शव लेने के लिए नोटिस चस्पा किया गया

जयपुर। आनंदपाल सिंह का शव लेने के लिए नोटिस चस्पा किया गया



जयपुर: राजस्थान पुलिस ने चार दिन पूर्व पुलिस मुठभेड़ में मारे गये कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह का शव चौबीस घंटे में लेने के लिए बुधवार को उसके मकान पर नोटिस चस्पा कर दिया. पुलिस अधीक्षक (नागौर) पारिस देशमुख ने बताया कि मृतक आनंदपाल सिंह का शव लेने के लिए उसके परिजनों को नोटिस देने पुलिस का एक दल गांव सावंराद गया था लेकिन परिजनों द्वारा नोटिस नहीं लिए जाने पर मकान पर यह नोटिस चस्पा किया गया है. नोटिस में परिजनों को चौबीस घंटे के भीतर आनंद पाल सिंह का शव लेने के लिए कहा गया है और कहा गया है कि ऐसा न किए जाने पर पुलिस अपने स्तर पर शव का अंतिम संस्कार कर देगी.
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उन्होंने बताया कि पुलिस अधिनियम की धारा 1965 के तहत यह नोटिस जारी कर परिजनों से चौबीस घंटे में शव लेने को कहा गया है. पुलिस मुठभेड़ में मारे गये कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह का शव रतनगढ़ के राजकीय अस्पताल के मुर्दाघर में पोस्टमार्टम के बाद गत चार दिन से रखा हुआ है. पुलिस ने सावंराद गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है.

इधर, चुरू जिला प्रशासन ने ऐहतियात के तौर पर रतनगढ़ में मंगलवार रात धारा 144 लागू कर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है.

गौरतलब है कि मालासर में एक मकान में छिपा आनंदपाल पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था. पुलिस पिछले तीन दिन से उसके परिजनों से शव लेने का आग्रह कर रही है. मृतक के परिजन इस मामले की सीबीआई जांच कराने समेत सात सूत्रीय मांगें माने जाने के बाद ही शव लेने की जिद पर अड़े हुए हैं.