बाड़मेर नाबालिंग के साथ दुष्कर्म करने वाले को हुई सात साल की सजा
बाड़मेर 28 जून
आज विषिष्ट न्यायाधीष अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण प्रकरण) पोक्सो मामलात, बाड़मेर के न्यायालय के न्यायाधीष सुरेन्द्र खरे द्वारा सरकार बनाम श्रवणदास पत्रावली पर निर्णय पारित करते हुए अभियुक्त श्रवणदास पुत्र लुम्भदास जाति संत निवासी रोली को अपराध अन्तर्गत धारा 363, 366-ए, 342, 376 (1) भारतीय दण्ड संहिता व 3/4 पोक्सो अधिनियम में दोषसिद्ध करार देते हुए सात वर्ष की सजा सुनाई गई।
विषिष्ट लोक अभियोजक सवाई माहेष्वरी ने बताया कि दिनाकं 01.01.2014 को परिवादी निम्बाराम ने एक लिखित रिपोर्ट पुलिस थाना आरजीटी में इस आषय की प्रस्तुत की थी कि मेरी पुत्री पीडि़ता जो राउमावि छोटू में 11 वीं में पढती है कि पीडि़ता नियमित स्कूल आती जाती थी। शीतकालीन अवकाष होने से मेरी पुत्री मेरे घर पर ही थी। दिनंाक 28.12.2013 की रात को वक्त 9ः10 पीएम पर मेरी पुत्री पीडि़ता को श्रवणदास ने शादी करने की नियत से बहला-फुसलाकर ले गया। जिस पर हमने पीडि़ता की तलाष की हमारे रिष्तेदारों में की, मगर पीडि़ता का कोई अता-पता नहीं लगा। पीडि़ता की तलाष करते वक्त मुझे बाबूलाल व हनुमानराम ने आज उपरोक्त बात बताई।
जिस पर पुलिस थाना आरजीटी ने प्रकरण का अनुसंधान करते हुए मुलजिम के विरूद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुूत किया, जिस पर दौरान विचारण अभियोजन पक्ष द्वारा कुल 20 गवाहान परीक्षित करवाये गये एवं बाद बहस अभियुक्त को दोषी करार देते हुए अन्तर्गत धारा 363, 366-ए, 342, 376 (1) भादस व 3/4 पोक्सो अधिनियम में सात वर्ष की सजा सुनाई गई।
प्रकरण में राज्य की ओर से विषिष्ट लोक अभियोजक सवाई माहेष्वरी व बचाव पक्ष की ओर से राजेष विष्नोई एडवोकेट ने पैरवी की।
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