शनिवार, 31 अक्तूबर 2015

नई दिल्ली।खुशखबरीः 50 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ पेट्रोल, नई दरें आधी रात से लागू होगी



नई दिल्ली।खुशखबरीः 50 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ पेट्रोल, नई दरें आधी रात से लागू होगी

त्योहारों के शुरुआत से पहले आम लोगों के लिए एक राहत भरी खबर है। पेट्रोल 50 पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है। नई दरें शनिवार मध्यरात्री से लागू होंगी। पेट्रोल की दरों में गिरावट की उम्मीद पहले ही जताई जा रही थी।



अक्टूबर महीने के अंत में तेल कंपनियों की होने वाली समीक्षा में पेट्रोल की नई दर पर सहमति बनी है। फिलहाल डीजल के दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।



उम्मीद जताई जा रही थी कि कीमतें एक रूपए से लेकर दो रूपए तक घट सकती है। लेकिन पेट्रोल की कीमतों में 50 पैसे की कटौती की गई है। 15 अक्टूबर को तेल कंपनियों ने समीक्षा के बाद पेट्रोल की कीमतें तो यथावत रखे थे, लेकिन डीजल की कीमतों में 95 पैसे की बढोतरी की थी। ऎसा क्रूड की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढने के कारण हुआ था।







विशेषज्ञों की मानें तो ऎसा केवल क्रूड की कीमतों में गिरावट के कारण नहीं हो रहा है, बल्कि डॉलर के मुकाबले रूपए की मजबूत होती स्थिति की वजह से हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि खुदरा बाजार में कीमतों का फैसला केवल अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतों में कटौती के कारण नहीं होता है। किसी भी देश में मूल्य का निर्धारण वहां की मुद्रा और डॉलर के फर्क को ध्यान में रखकर भी किया जाता है।







इस माह डॉलर के मुकाबले रूपया 65.50 के आसपास रहा है। इससे भी कंपनियों की लागत घटने की उम्मीद है। कीमतों पर सरकार का नियंत्रण समाप्त होने के बाद कंपनियां हर पाक्षिक समीक्षा के दौरान मूल्यों को निर्धारण करती हैं।

जोधपुर जीते जी मायड़ भासा की अलख, मरणोपरांत देहदान



जोधपुर जीते जी मायड़ भासा की अलख, मरणोपरांत देहदान


इन्होंने जीते जी राजस्थानी मायड़ भाषा साहित्य की अलख जगाई तो मरणोपरांत भी अपनी देह समाज के लिए दे गए। यह थे, सरस्वती नगर ए 360 निवासी राजस्थानी साहित्यकार व कवि 78 वर्षीय पारस अरोड़ा। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में बतौर लिपिक पद पर से सेवानिवृत्त पारस का निधन शनिवार अलसुबह 4 बजे हो गया। उनके मरणोपरांत उनका देह डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में दान किया गया।

पुत्र गौतम अरोड़ा ने बताया कि उनकी शुरू से इच्छा थी कि मरणोपरांत उनका देह समाज के लिए काम आए। दिवगंत अरोड़ा का मानना था कि आत्मा अजर अमर है। इन्होंने झल, जुड़ाव व कालजे सूं कालजे म्है कलम लागी आग री यह तीनों काव्य संग्रह भी लिखे थे।

साथ ही आपने ही खुलती गाथा नाम का उपन्यास लिखा था। जानी-मानी पत्रिका अपरंच के संपादक व माणक के उप संपादक भी रहे। उनके घर में पत्नी, एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। अरोड़ा ने मशहूर शाइर निदा फाजली के काव्य की कुछ रचनाओं का भी राजस्थानी भाषा में अनुवाद किया था। इसके अलावा उन्होंने और भी कई किताबों का राजस्थानी में अनुवाद किया था।

इस वर्ष हुए 14 देहदान

वहीं लोगों में देहदान को लेकर जागृति आई है। एनाटॉमी विभाग के डॉ. अनूपसिंह गुर्जर ने बताया कि डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में इस साल अब तक 14 देहदान हो चुके हंै। कुल 56 देह दान के लिए यहां पहुंची हैं।