मंगलवार, 30 सितंबर 2014

बाड़मेर। मेहलू महिला मठाधीश की हत्या!

बाड़मेर। मेहलू महिला मठाधीश की हत्या!

बाड़मेर। बाड़मेर ज़िले के गुडामालानी थाना क्षेत्र के अतर्गत मेहलू महिला मठाधीश तोलापुरी की हत्या का मामला सामने आया है। मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार रात को अज्ञात लोगो ने मेहलू धर्मपुरी के मंदिर में लूट की वारदात को अन्जाम देने के बाद मेहलू महिला मठाधीश तोलापुरी की हत्या कर दी गई। और मठाधीश तोलापुरी की लाश बाथरूम में मिली। वहा से बोलेरो गाड़ी भी गायब हुई है। मोके पर अंतरिक्त पुलिस अधीक्षक रघुनाथ गर्ग और गुढ़ामालानी सी ओ रमेश मीणा और गुढ़ामालानी थानाधिकारी देवाराम चौधरी मोके पर पहुचे। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। हत्या की खबर आग की तरह फ़ैल गई और आस - पास के गाव से ग्रामीण की भीड़ एकत्रित हो गई।





थाना वसूली मामले में बहस पूरी

थाना वसूली मामले में बहस पूरी


अजमेर। राजस्थान के अजमेर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के विशेष्ा न्यायालय में बहुचर्चित थाना मासिक वसूली प्रकरण में थाना प्रभारियों के खिलाफ पेश आरोप पत्र पर बहस सोमवार को पूरी हो गई।

विशेष न्यायाधीश फूलचंद जांजरिया के समक्ष जांच बहस पूरी होने के बाद में अब आरोपियों को मंगलवार को इस संबंध में लिखित में प्रतिवेदन पेश करने का अवसर दिया गया है। इसके उपरांत संभवत: एक अक्टूबर को प्रकरण पर फै सला सुनाया जा सकता है। 
monthly bribery collection case ajmer

आरोपी के वकील प्रीतम सिंह सोनी ने बताया कि आरोप पत्र पर दोनों पक्षों की ओर से हुई बहस के बाद न्यायाधीश आगामी एक अक्टूबर को अपना फै सला सुनाएंगे।

उल्लेखनीय है कि दो जनवरी 2013 को हुए इस प्रकरण में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राजेश मीना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश सोनवाल सहित 11 थानाधिकारियों को जेल हो चुकी है और वर्तमान में सभी जमानत पर रिहा हो चुके हैं। - 

सरकारी जांच में ही खुली मुफ्त दवा योजना की पोल

सरकारी जांच में ही खुली मुफ्त दवा योजना की पोल


जयपुर। प्रदेश में सरकारी अस्पतालों की कमी और मौजूदा अस्पतालों में स्टाफ की कमी के चलते नि:शुल्क दवा योजना का लाभ आमजन को नहीं मिल पा रहा है।

मरीजों के अनुपात में दवा वितरण केन्द्रों की संख्या में कमी और एक दवा केन्द्र पर सभी दवाएं उपलब्ध नहीं होने से मरीजों की परेशानी और बढ़ गई है।

राज्य सरकार के मूल्यांकन संगठन की ओर से नि:शुल्क दवा योजना पर हाल में जारी रिपोर्ट में ये तथ्य बताए गए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि योजना लागू होने के बाद सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

लेकिन अस्पतालों की अत्यधिक कमी, मरीजों के बढ़ते दबाव और चिकित्सक-नर्सिग स्टाफ की कमी से योजना को वांछित सफलता नहीं मिल पा रही है। योजना लागू होने की तिथि 2 अक्टूबर 2011 से मार्च 2013 तक की अवधि में बतौर उदाहरण बूंदी व डंूगरपुर जिले के अस्पतालों का मूल्यांकन किया गया।
Irregularity in Rajasthan free medicine scheme
स्टाफ की इतनी कमी
दोनों जिलों के 16 अस्पतालों में से 12 में से स्टाफ की कमी पाई गई। बूंदी में 20 प्रतिशत व डंूगरपुर 32.94 प्रतिशत पद रिक्त हैं। डूंगरपुर के शहरी क्षेत्र के जिला अस्पताल में स्वीकृत 262 पदों में से 80 पद रिक्त मिले, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के सामुदायिक चिकित्सा केन्द्रों में स्वीकृत 34 में से 22 पद खाली मिले।

भार औसत से अधिक
रिपोर्ट के अनुसार दोनों जिलों के शहरी क्षेत्र के जिला अस्पतालों में दवा वितरण केन्द्रों पर मरीजों की संख्या का भार औसत से कहीं अधिक मिला।

उपचार से नहीं संतुष्ट
योजना का लाभ उठाने वाले 236 लोगों से मूल्यांकन के दौरान फीडबैक लिया गया। इनमें आधे से अधिक 55.93 प्रतिशत लोग चिकित्सकों के दिए उपचार से पूरी तरह संतुष्ट नहीं थे। लोगों ने कारण बताया कि केवल 3 दिन की दवा लिखी जाती है। दूर से बार-बार आना पड़ता है। जैनेरिक दवाओं से धीमा इलाज होता है और बीमारी पूरी तरह ठीक नहीं होती।

रिपोर्ट में यह कमियां भी आई सामने
बूंदी के चयनित 8 में से 4 अस्पतालों में दवाइयों के भण्डारण की पर्याप्त व्यवस्था का अभाव मिला। केवल 5 अस्पतालों में दवाइयां, इंजेक्शन व फ्लुइड आदि को नियंत्रित तापमान में रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था मिली।

डंूगरपुर के 8 में 4 में कोल्ड स्टोरेज का अभाव मिला। चयनित 24 में से 9 दवा वितरण केन्द्रों पर स्टाफ की कमी और कंप्यूटर के अभाव में दवाइयां व अन्य सामान की उपलब्धता को लेकर व्यवस्थित रिकॉर्ड नहीं मिला।

अक्सर दवा वितरण केन्द्रों पर दवा की कमी के कारण मरीजों को एक केन्द्र से दूसरे केन्द्र पर भटकना पड़ता है। चिकित्सक जितनी मात्रा की दवा लिखते हैं, उतनी केन्द्र पर उपलब्ध नहीं होती।

बहुत कम बीमारियों के इलाज के लिए के लिए दवा उपलब्ध हो पाती है।

फैक्ट फाइल
प्रदेश में चिकित्सकों के स्वीकृत पद-करीब 10 हजार
रिक्त पद-करीब 4 हजार
आवश्यकता-करीब 10 हजार
प्रदेश में नर्सिग स्टाफ के स्वीकृत पद-करीब 35 हजार
रिक्त पद-करीब 5 हजार
आवश्यकता-करीब 50 हजार
प्रदेश में अस्पतालों की स्थिति
जिला अस्पताल-35
सैटेलाइट हॉस्पिटल-5
उपखण्ड अस्पताल-16
शहर डिस्पेंसरी-195
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-551
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र-2066
उप स्वास्थ्य केन्द्र-13227 -

बालोतरा।विवाहिता को उसके ही रिश्तेदारो ने बेचा,पती से धोखाधड़ी से तलाक करवाकर दो बच्चो से किया अलग,न्याय को भटक रही पीडि़ता

बालोतरा।विवाहिता को उसके ही रिश्तेदारो  ने बेचा,पती से धोखाधड़ी से तलाक करवाकर दो बच्चो से किया अलग,न्याय को भटक रही पीडि़ता

रिपोर्टर :- ओमप्रकाश सोनी /बालोतरा

बालोतरा। गिड़ा तहसिल क्षेत्र के लापुदंड़ा गांव में एक विवाहिता को उसके ही दो जेठो द्वारा चार लाख रूपयो में बेचे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामला करीब सात महिने पहले का बताया जा रहा है। पहले तो पीडि़ता के जेठो ने उसका सोदा कर दिया ओर बाद में जिसको बेचा था उसके पास से जबरदस्ती वापिस लापुंदड़ा लाकर खरीदने वाले पर बलात्कार का झूठा मामला बनाकर उससे भी दस लाख रूपये ओर हड़प लिये। पीडि़ता घटना को लेकर मानसिक रूप से बीमार है ओर उसका बालोतरा के राजकिय नाहटा अस्पताल में ईलाज चल रहा है।
 पीडिता ने बताया कि उसके पती का स्वभाव भोला है जिसके कारण उसके जेठ रूपाराम ओर जोगाराम ने जबरदस्ती दोनो का तलाक करवा दिया। बाद में आरोपियो ने पीडि़ता को अखाराम निवासी निवासी नागाणा को चार लाख रूपयो में बेच दिया। तीन माह तक पीडि़तो को नागाणा मे जबरदस्ती रखा गया। बाद में दोनो आरोपियो ने उसे वापस लापुंदड़ा ला दिया ओर अखाराम पर बलात्कार के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाकर उससे दस लाख ओर हड़प लिया। बाद में पीडि़ता ने अपने दोनो बच्चो के साथ पती के साथ रहने की बात कही तो आरोपियो ने उसको घर से बाहर निकाल दिया ओर दोनो बच्चो को उससे अलग कर दिया। आरोपियो की धमकियो के डर से पीडिता ने गिड़ा थाने में पुलिस को आपबीती सुनकार न्याय की मांग की पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज नही किया। पीडि़ता ने पुलिस अधिक्षक को भी मिलकर न्याय की मांग की पर कोई सुनवाई नही हो रही है। 

बालोतरा। छात्र महाविद्यालय में छात्र संघ कार्यालय का हंगागेदार उदघाटन

बालोतरा। छात्र महाविद्यालय में छात्र संघ कार्यालय का हंगागेदार उदघाटन

रिपोर्टर :- ओमप्रकाश सोनी /बालोतरा
बालोतरा। बालोतरा के एम.बी.आर. महाविद्यालय के छात्र संघ कार्यालय का सोमवार शाम को हंगामेदार उदघाटन हुआ। दरअसल महाविद्यालय में छात्र संघ का अध्यक्ष एस.एफ.आई. का हैं। समारोह में छात्र संघ के बाकि तीन पदाधिकारियो को समरोह में आमंत्रित नही किया गया था जिसके कारण दोनो ही प्रमुख दलो के कार्यकर्ताओ में समारोह के आयोजन को लेकर रोष व्याप्त था। समारोह के दोरान प्राचार्य विमला आर्य ने पुलिस को तनाव के बारे में अवगत करवा रखा था।



 पुलिस ने ए.बी.वी.पी. के कार्यकर्ताओ को महाविद्यालय में प्रवेष करने से रोक दिया। ए.बी.वी.पी के कार्यकर्ताओ ने कालेज के बाहर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्षन किया। हंगामे से पुर्व एस.एफ.आई के प्रदेष महासचिव मंगेष चैधरी ने छात्र संघ कार्यालय का फीता काटकर उदघाटन किया। समारोह के दोरान महाद्यिालय छावनी बना नजर आया। समारोह के दोरान उपखंड अधिकारी उदयभानु चारण, उप पुलिस अधिक्षक अमृत जीनगर, थाना अधिकारी सुखराम विष्नोई सहित बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात रहा। वही समारोह में ए.बी.वी.पी के हंगामे को लेकर एस.एफ.आई के प्रदेष महासचिव ने जमकर भाजपा सरकार पर टिप्पणियां की।