बुधवार, 30 अक्तूबर 2013

जालोर गबन के मामले में बीडीओ भगाराम चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज


जालोर गबन के मामले में बीडीओ  भगाराम चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज 


पंचायत समिति के मनरेगा विभाग में बिना एंट्री के बैनरों का भुगतान करने का मामला


 जालोर पंचायत समिति जालोर के मनरेगा विभाग में फ्लेक्स बैनरों के भुगतान में गड़बड़ी के मामले में तत्कालीन बीडीओ के खिलाफ एसीबी में मामला दर्ज किया गया है। डीवाईएसपी राजेंद्रसिंह ने बताया कि मामले में जांच के बाद तत्कालीन बीडीओ जालोर भगाराम चौधरी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराने के लिए जांच के दौरान जब्त दस्तावेज जयपुर स्थित ब्यूरो निदेशालय भेजे गए थे। दस्तावेजों की जांच के बाद धारा 13(1)डी, 13(2) पीसी एक्ट 1988 व 409, 467, 468, 471 व 120 बी में अपराध संख्या 484/2013 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। सीआई जितेंद्रसिंह राठौड़ ने बताया कि मामले की तफ्तीश जारी है। राठौड़ ने बताया कि आरोपी के दोषी पाए जाने पर उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। 

यह था मामला

पंचायत समिति जालोर के मनरेगा विभाग में फ्लेक्स बैनरों के भुगतान में गड़बड़ी की सूचना पर एसीबी की टीम ने 22 जुलाई को जांच कर कार्रवाई की थी। मामले के तहत समिति के अधीनस्थ 28 ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्यों के लिए 25 छोटे तथा 252 अलग-अलग साइजों के फ्लेक्स बैनर लगाए जाने थे लेकिन इन ग्राम पंचायतों में जहां छोटे बैनर केवल 5 ही पहुंचे, वहीं अलग-अलग साइज वाला एक भी बैनर किसी भी ग्राम पंचायत पर नहीं पहुंचा। इसके एवज में तत्कालीन बीडीओ भगाराम चौधरी ने टेंडर लेने वाली अजमेर की फर्म गंगा जनरल एंड प्रोविजन स्टोर को मई-जून 2013 में करीब 48 लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया।

 
इसके लिए समिति के स्टॉक रजिस्टर में फ्लेक्स बैनरों का कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया। शेषक्चपेज १७ 

इस संबंध में एसीबी टीम द्वारा करीब 15 ग्राम सेवकों तथा इनके ग्रुप सचिव से बातचीत करने पर हकीकत उजागर हुई। इसके बाद एसीडी ने संबंधित रिकॉर्ड जब्त कर उसकी रिपोर्ट जयपुर स्थित निदेशालय भेज दी।

मंगलवार, 29 अक्तूबर 2013

अधिशाषी अभियंता को रिश्वत लेते पकड़ा

जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में करीब ढाई साल तक उप निदेशक (तकनीकी) के पद रहने के बावजूद भी पीडब्ल्यूडी विभाग का एक अधिशाषी अभियंता रिश्वत लेने से नहीं चूका। एसीबी ने मंगलवार को शहर के हसनपुरा इलाके में स्थित सार्वजनिक निर्माण विभाग के कार्यालय में कार्यरत अधिशाषी अभियंता (खंड-3) विनय कुमार गुप्ता को दलाल के मार्फत पचास हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। गुप्ता ने परिवादी राकेश मिश्रा के 50 लाख के बिल पास करने के बदले एक लाख की रिश्वत मांगी थी।
परिवादी के 28 लाख के बिल पिछले महीने पास हो चुके थे, लेकिन उसने गुप्ता को कमीशन नहीं दिया था। इसलिए गुप्ता ने शेष 22 लाख के बिल दो प्रतिशत कमीशन के हिसाब से एक लाख देने पर ही पास करने की बात कही थी। इसी बीच एसीबी को गुप्ता के वैशाली नगर के गुरूजम्बेश्वर नगर स्थित आवास की तलाशी में एक लाख 55 हजार रूपए नकद, आधा दर्जन से अधिक बैंक पास बुक,एक लॉकर एवं प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले हैं। एसीबी को दो नए मोबाइल भी मिले हैं। माना जा रहा है कि ये मोबाइल किसी ठेकेदार ने गुप्ता को गिफ्ट दिए हैं।

एसीबी की आईजी स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि परिवादी राकेश मिश्रा ने शिकायत की थी कि पीडब्ल्यूडी का अधिशाषी अभियंता (खंड-3) वीके गुप्ता उसके शेष 22 लाख के बिलों का भुगतान करवाने के बदले एक लाख रूपए की मांग कर रहा है। परिवादी पीडब्ल्यूडी में सिविल एवं आयरन वर्क के ठेके लेता है। एसीबी के एएसपी शंकर दत्त शर्मा से दो बार शिकायत का सत्यापन करवाने के बाद गुप्ता को रंगे हाथों गिरफ्तार करने की योजना बनाई। मंगलवार को परिवादी रिश्वत की राशि लेकर गुप्ता के दलाल मुकेश शर्मा से मिला। इसी बीच कार्यालय समय पूरा होने के बाद गुप्ता अपने कार्यालय से निकल चुके थे। परिवादी से रूपए लेकर दलाल ने गुप्ता की गाड़ी के पास आकर रिश्वत की राशि उन्हें दे दी। इसी बीच एसीबी ने गुप्ता एवं दलाल मुकेश को गिरफ्तार करके रिश्वत की राशि जब्त कर ली।