सोमवार, 29 अप्रैल 2013

फुटबॉल खिलाड़ी ब्रुनो को 22 साल कैद

फुटबॉल खिलाड़ी ब्रुनो को 22 साल कैद

ब्राजिलिया। ब्राजील में अपनी महिला मित्र की हत्या की साजिश रचने वाले फुटबॉल खिलाड़ी ब्रुनो फर्नाडिस और हत्या करने वाले एक पूर्व पुलिस अधिकारी को न्यायालय ने 22 साल के कारावास की सजा सुनाई है। "बोला" नाम से चर्चित मार्कोस एपरीसिडो डॉस सैंटोस नाम का यह शख्स एलिजा सामुडियो की हत्या का दोषी पाया गया था।

एलिजा का शव अभी तक बरामद नहीं हुआ है। ब्रुनो के मित्रों की गवाही को लेकर अभियोग पक्ष के वकील ने न्यायाधीश के सामने यह दलील दी थी कि ब्रुनो ने एलिजा की हत्या करने के लिए बोला को किराए पर लिया था।

ज्ञात हो कि एलिजा की हत्या वर्ष 2010 में हुई थी। ब्रुनो शादीशुदा थे, इसके बावजूद वह पोर्न स्टार एलिजा से मिले और उनके साथ अपना प्रेम संबंध बनाया। इस जोड़े से एक बेटा भी हुआ, लेकिन तब तक इस जोड़ी में अलगाव हो चुका था। ब्रुनो के अनुसार एलिजा बच्चे को लेकर उन पर काफी दबाव डाल रहीं थी, जिसके कारण उन्होंने एलिजा की हत्या की साजिश रची थी।

करीब डेढ़ महीने पहले जब ब्रुनो दोषी पाए गए, तब उन्होंने स्वीकार किया कि वह एलिजा की मौत के बारे में जानते हैं और उन्होंने अपने कई मित्रों से समस्या का हल निकालने में उनकी मदद करने को कहा भी था।

"पत्नी"से परेशान हो रहे हैं भाजपा नेता

"पत्नी"से परेशान हो रहे हैं भाजपा नेता
रांची। झारखंड में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता "पत्नी" से परेशान हो रहे हैं। मीडिया के सामने आकर पत्नी होने का दावा कर नेताओं के लिए असहज परिस्थिति पैदा कर रही हैं। जनवरी तक अर्जुन मुंडा सरकार में शिक्षा मंत्री रहे बैजनाथ राम इस कड़ी में सबसे ताजा उदाहरण हैं।

शनिवार को अनुसूचित जाति शाखा की उपाध्यक्ष सीमा राय नई दिल्ली में मीडिया से मुखातिब हुई और कहा कि उनके "पति" ने उन्हें संकट में लाकर छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि भगोड़ा पति कोई और नही राम हैं। वे पहले से ही शादीशुदा हैं और तीन बच्चों के पिता हैं।

झारखंड भाजपा के प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने सोमवार को बताया कि बैजनाथ राम और सीमा राय दोनों को पार्टी से निलंबित किया जा चुका है। इस तरह के आरोप का सामना करने वाले बैजनाथ राम पहले भाजपा नेता नहीं हैं। अर्जुन मुंडा सरकार में ही जनवरी तक मंत्री रहे सत्यानंद झा बतुल पर भी ऎसे ही आरोप लग चुके हैं।

सोनी देवी नाम की शिक्षिका ने 2011 में आरोप लगाया था कि बतुल उनके पति हैं और उनसे उन्हें एक बच्चा भी है। बतुल ने इस आरोप से इनकार किया, लेकिन सोनी देवी मीडिया के सामने अपना दावा दोहराती रही।

भाजपा ने बतुल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और उनसे कोई कारण भी बताने के लिए नहीं कहा गया। बतुल ने पार्टी से इस्तीफा भी नहीं दिया। इस तरह का दोहरा मापदंड अपनाने पर पार्टी के भीतर ही कई लोगों की भृकुटि तन गई है।

अपना नाम जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर भाजपा के एक नेता ने बताया कि इस प्रकार की घटनाओं से पार्टी की छवि पर असर पड़ता है। दोनों ही आरोपी नेता पूर्व मंत्री हैं। दोनों नेताओं पर लगे आरोप में पार्टी को एक समान मापदंड अपनाने का साहस दिखाना चाहिए।

इससे पहले भाजपा को तब भी शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा था जब इसके पहले पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ऎसे ही आरोपों के कारण सुर्खियों में आए थे। लेकिन मरांडी ने 2006 में पार्टी छोड़ दी और अपनी अलग से पार्टी बना ली।