बुधवार, 30 जनवरी 2013

ब्रह्मचर्य का टेस्‍ट पास और जीते जी श्राद्ध कर नागा संन्‍यासी बने 2000 साधू

कुंभ कैंपस.इलाहाबाद के महाकुंभ में जूना अखाड़े में नागा संन्यासियों की दीक्षा में बुधवार को उनका तर्पण और पिंड दान हुआ। संगम तट पर करीब 2000 नागा संन्यासियों को दीक्षा दी गई। इन्‍होंने संगम तट पर खुद अपना पिंडदान किया। जल्द ही सभी साधु पूरी तरह से नागा संन्यासी का रूप धारण कर लेंगे।
EXCLUSIVE PHOTOS: ब्रह्मचर्य का टेस्‍ट पास और जीते जी श्राद्ध कर नागा संन्‍यासी बने 2000 साधू
कुंभ पर्व में अखाड़े सैकड़ों साधुओं को नागा संन्यासी बनाते हैं। यह प्रक्रिया कुंभ में अखाड़ों के आबाद होने के साथ ही शुरू हो जाती है जो बसंत पंचमी के शाही स्नान तक चलेगी। पूरी प्रक्रिया काफी गुपचुप तरीके से संपन्‍न की जाती है। बुधवार के कार्यक्रम को भी गोपनीय बनाए रखने के लिए जूना अखाड़े ने ख़ास इंतजाम किये थे,

विश्वरूपम पर बवाल: हाई कोर्ट का स्‍टे, थिएटर पर फेंके बम, कमल हासन नहीं जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

चेन्नई/बेंगलुरू. सुपरस्टार कमल हासन की फिल्म विश्वरूपम को लेकर विवाद अब हिंसा का रूप लेता जा रहा है।
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 600 किलोमीटर दूर रामनाथपुरम जिले के दो सिनेमाघरों पर पेट्रोल बम फेंके गए हैं। इन सिनेमाघरों में विश्वरूपम रिलीज की जाने वाली है। हालांकि, इस हमले में किसी के जख्मी होने की खबर नहीं है। थिएटर की कुछ शीशे की खिड़कियां जरूर टूटी हैं। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने हसन के समर्थन में कहा है कि देश में सभी को अभिव्यक्ति की और कलाकारों को उनकी पसंद का काम करने की आजादी है। उन्होंने पूरे मामले की जांच का आश्वासन भी दिया है।
विश्वरूपम पर बवाल: हाई कोर्ट का स्‍टे, थिएटर पर फेंके बम, कमल हासन नहीं जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
शाहरुख के एक लेख पर पाकिस्‍तान द्वारा नाहक विवाद खड़ा किए जाने के बीच कमल हासन ने कहा है कि कुछ मुस्लिम मित्रों की सलाह पर वे अपनी फिल्म से कुछ शब्दों और दृश्य हटाएंगे। हासन का कहना है कि वे गफलत दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन कमल हासन की फिल्म पूरी तरह से कानूनी पचड़े में फंस गई है। मद्रास हाईकोर्ट की बड़ी बेंच (दो जजों की बेंच) ने तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कमल हासन की फिल्म विश्वरूपम की रिलीज पर छह फरवरी तक रोक लगा दी है। तमिलनाडु सरकार ने मंगलवार को हाईकोर्ट के एक जज की बेंच के फैसले के खिलाफ बड़ी बेंच के सामने अपील की थी। इस फैसले के खिलाफ कमल हसन ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी लेकिन कमल हसन के भाई चंद्र हसन ने सुप्रीम कोर्ट जाने के बजाए हाई कोर्ट के आदेश का इंतजार करने की बात कही है। डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि ने तमिलनाडु सरकार से सवाल किया है कि वह विश्वरूपम मुद्दे पर क्यों खामोश है और विवाद खत्म करने के लिए पहल क्यों नहीं कर रही है।


मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार द्वारा इसके प्रदर्शन पर लगाए प्रतिबंध को हटा दिया था। मद्रास हाईकोर्ट में सरकार के आदेश के खिलाफ कमल हासन की ओर से याचिका लगाई गई थी। इस पर सुनवाई से पहले जजों ने 26 जनवरी को फिल्म देखी। इसके बाद उन्होंने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, ‘फिल्म में मुस्लिमों की भावनाओं का आहत करने जैसा कुछ नहीं है।’ जस्टिस के. वेंकटरमन ने कहा सरकार को सेंसर बोर्ड से प्रमाणित की जा चुकी फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा था कि सरकार चाहे तो वह इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकती है।



इससे पहले कमल हासन ने बुधवार की सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वे देश तक छोड़ सकते हैं। अपनी नई फिल्‍म पर बैन को लेकर कमल ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'अगर मुझे अपने राज्य तमिलनाडु में धर्मनिरपेक्ष जगह और इंसाफ नहीं मिला तो मैं किसी और राज्य में जा सकता हूं। अगर मुझे देश में भी ऐसी जगह नहीं मिली तो मैं उसे भी छोड़ने के बारे में सोच सकता हूं। इस फिल्म के लिए मैंने अपना घर तक दांव पर लगा दिया। मुझे राजनीति का मोहरा बनाया जा रहा है।


विश्वरूपम के बारे में बताया जा रहा है कि इसे करीब 100 करोड़ रुपये के बजट में बनाया गया है और इसके लिए कमल को घर तक बेचना पड़ा है। कमल हासन का कहना है कि फिल्म के अटकने की वजह से पांच दिनों में उन्हें करीब 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।


मंगलवार को ‘विश्वरूपम’ कर्नाटक में रिलीज हो गई। कर्नाटक में फिल्म के वितरक एचडी गंगाराजू ने कहा कि राज्य के 40 थियेटरों में विश्वरूपम का दोपहर का शो दिखाया गया


उधर, फिल्मों को सर्टिफिकेट जारी करने वाले केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की प्रमुख लीला सैमसन ने बोर्ड के फैसले की इज्जत न करने और मद्रास हाईकोर्ट के मंगलवार के फैसले को चुनौती देने को लेकर तमिलनाडु सरकार को आड़े हाथों लिया है।