सोमवार, 29 अक्तूबर 2012

3 साल छोटे चचेरे भाई को 8 साल के लड़के ने गोली मारी

वेलिंग्टन।। न्यू जीलैंड के समोआ में शिकार पर गए दो बच्चे आपस में झगड़ पड़े और उनमें से आठ साल के बच्चे ने खुद से तीन साल छोटे चचेरे भाई पर गोली चला दी। गोली लगने से उस पांच साल बच्चे की मौत हो गई।

समोआ के पर्यवेक्षक ने कहा कि यह बच्चा एक धार्मिक समारोह में शामिल होने के लिए समोआ आया था। उसके चाचा उसे और उसके चचेरे भाई को एक सुनसान तटीय इलाके में कबूतरों के शिकार पर ले गए।

ऐसा कहा जा रहा है कि बच्चे के चाचा ने भरी हुई राइफल पेड़ के नीचे रख दी और छड़ी खोजने लगे। इतने में दोनों लड़के राइफल के लिए आपस में लड़ पड़े और इस लड़ाई में पांच साल के बच्चे के चेहरे पर गोली लग गई।

मारे गए बच्चे के पिता पाइटा लियुसा ने अखबार को बताया, 'मेरे भाई को मुड़े हुए कुछ क्षण ही हुए होंगे कि अगले ही पल उसने गोली चलने की आवाज सुनी। उस समय दोनों बच्चे आपस में राइफल के लिए लड़ रहे थे।' फेयरफैक्स न्यू जीलैंड ने मृतक बच्चे की पहचान जेम्स मे के रूप में की है।

टीवी न्यू जीलैंड ने कहा कि दूसरे बच्चे पर मृत्यु से जुड़ा कोई मामला दर्ज नहीं किया गया लेकिन पुलिस बच्चे के चाचा से पूछताछ कर रही थी।

'जाट लड़की ने जीन्स पहनी, तो प्रधान दे जुर्माना'

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लखनऊ।। लड़कियों के जीन्स पहनने पर रोक लगा पाने में असमर्थ उत्तर प्रदेश के भारतीय किसान मोर्चा ने अब एक नया फरमान जारी कर दिया है। भारतीय किसान मोर्चा (बीकेएम) ने ऐलान किया है कि जिस गांव में जाट लड़कियां जीन्स पहने दिख जाएंगी, उस गांव के प्रधान को 20 हजार रुपए जुर्माना देना होगा।

बीकेएम चाहता है कि गांव के प्रमुख इस बात की जिम्मेदारी लें कि उनके गांव में कोई लड़की जीन्स न पहने। इस तुगलकी फरमान पर बीकेएम के नैशनल प्रेजिडेंट मन्नू लाल चौधरी ने कहा है, 'यदि कोई भी जाट लड़की जीन्स पहने पाई गई तो गांव के सरपंच को जुर्माना भरना होगा। उन्हें 20 हजार रुपए का दंड भरना होगा।'

शनिवार को बागपत जिले के धिकौली गांव में बीकेएम ने जाटों की मीटिंग बुलाई और यह ऐलान किया। चौधरी ने कहा कि लड़कियां उनके किसी फरमान को नहीं मान रही हैं चाहे वह जीन्स न पहनने का हो या फिर मोबाइल के इस्तेमाल को बंद करने का।

चौधरी का कहना है, 'ये चीजें हमारे बच्चों पर बुरा असर डाल रही हैं और हमें उनके भविष्य पर बुरा असर डालने वाली हर चीज को रोकने का हक है।' चौधरी ने कहा कि हर जाट लड़की पर नजर रखना नामुमकिन है लेकिन गांव का प्रधान उन सबको पहचानता है। इसलिए, यह उसकी जिम्मेदारी है कि वह हमारा फैसला लागू करे। चौधरी ने कहा, 'यदि कोई जाट लड़की जीन्स पहने दिख गई तो हम प्रधान से 20 हजार रुपए बतौर जुर्माना वसूलेंगे।'

वैसे यहां बता दें कि यह कोई पहला तुगलकी फरमान नहीं है जिससे वेस्टर्न यूपी को दो चार होना पड़ रहा है। ऐसे ही फरमान कई गांवों में जारी किए गए हैं। हाल ही में खुद लड़कियों के एक समूह ने यह कसम खाई थी कि वे बड़ों के निर्देशों का पालन करेंगी। लेकिन, इन फरमानों को धता बता देने वाली लड़कियों की संख्या कहीं ज्यादा है।

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक बागपत की एक अंडरग्रैजुएट स्टूडेंट ने बताया, 'बीकेएम के नेता ये सब पब्लिसिटी के लिए कर रह रहे हैं और वे खुद को भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) से आगे बताना चाहते हैं।' बीकेयू महेंद्र सिंह टिकैत द्वारा बनाई गई किसान यूनियन है। स्टूडेंट ने कहा कि जाट किसान बीकेयू के साथ खड़े होते हैं न कि बीकेएम के और इसलिए मन्नू लाल चौधरी जाटों की अटैंशन पाने के लिए यह सब कर रहा है। जबकि, हम इन सब फरमानों को सीरियसली लेते ही नहीं हैं।