अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ जोधपुर
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ का अधिवेशन पांच अक्टूबर को
वर्तमान में राज्य कर्मचारियों से चुनाव घोषणा पत्र में वादा किया था कि छठे वेंतन आयोग की सिफारिशों को 01 जनवरी 2006 से लागू किया जायेगा । केन्द्र के अनुरूप वेतन श्रृंखला कम करना जिसमें 3200 एवं 3600 की पे ग्रेड को 4200 में शामिल करना केन्द्र के समान भत्ते देना इत्यादि लागू नही किये है। दूसरी तरफ राज्य के कर्मचारियों को मिल रही चयनित वेतनमानों से पदोन्नति पद की वेतन श्रृंखला वापस लेकर एसीपी में आगामी पे गे्रड देने से कर्मचारियों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड रहा है। राज्य में संविदा ठेका आउट सोर्सिंग तथा अन्य कई माध्यमों से कार्मिकों रख कर इनका भयंकर आर्थिक शोषण किया जा रहा है तथा सेवा सुरक्षा के अभाव मे इनका भविष्य अंधकारमय हो रहा है।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ दिनांक 05 अक्टुबर 2012 कों कर्मचारियों का एक संभाग स्तरीय महासम्मेलन गौशाला क्रीडा संगम के्रन्द्र जोधपुर में आयोजित करने जा रहा है जिसमें कर्मचारियों की वाजिब मांगों पर चर्चा की जायेगी। इस सम्मेलन में राजस्थान पंचायतीराज कर्मचारी संघ, राजस्थान पटवार संघ,राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक संघ, राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारी संघ, राजस्थान आयुर्वेद नर्सेज एसोसिएशन, वाणिज्यिक बिक्रीकर विभाग, परिवहन विभाग,राज्य बीमा एवं सामान्य प्रावधायी निधी विभाग प्रान्तीय नल मजदूर फेडरेशन (इण्टक) राजस्थान राज्य कर्मचारी संघ, राजस्थान कानूनगों संघ, राजस्थान ड्राप्टसमैन ऐसासिएशन, राजस्थान भूमापक संघ, सार्वजनिक निर्माण विभाग व जन स्वा.अभियान्ति्रकी विभागक के कर्मचारी अपनी भावनाओं को राज्य सरकार तक प्रेषित करगें। राज्य में चुनाव से एक वर्ष पूर्व कर्मचारी अपनी मांगों के निस्तारण के लिए दबाव बनायेगें कि उनकी मांगें समयबद्ध रूप से पूरी हो सके । साथियों राज्य में 01 जनवरी 2004 से नव नियुक्त कार्मिकों को स्वयं की अंशदायी पेंशन योजना लागू की जा चुकी है। अब केन्द्र सरकार संसद मंें पीएफआरडीए बिल प्रस्तुत कर उक्त तिथि से पूर्व नियुक्त कर्मचारियों एवं पेशनरर्स की पेंशन भी बंद की जा रही है। तथा इन्हें भी अंशदायी पेंशन योजना के अन्तर्गत लाकर इनके द्वारा दी जा रही पेंशन हिस्सा राशि को एक आयोग बनाकर शोयर मार्केट मे निवेश करनें का प्रावधान उक्त विधेयक के माध्यम से की जा रही है। वही न्यूनतम पेंशन गांरटी भी नहीं रही है। पिछले चार साल से राज्य सरकार ने कर्मचारियों को केन्द्र में बने वाले मंहगाई भत्ते की किश्त की चौबीस घण्टे के भीतर घोषणा कर एतिहासिक पहल की है । इससे पूर्व सभी सरकारें इसको घोषित करने में छः छः माह का समय लगा दिया करती थी । राज्य सरकार ने समर्पित अवकाश के नगदीकरण के स्टेडिंग आदेश कर कर्मचारियों को बडी राहत दी । नव नियुक्त कर्मचारियों के परीविक्षा काल को सेवा अवधि में जोड कर उनकों प्रथम नियुक्ति तिथि से एसीपी का परिलाभ देने का निर्णय भी किया । इस नाते राज्य सरकार का आभार व्यक्त करेंगे । निम्न प्रमुख मांगों पर इस सम्मेलन में मंथन किया जायेगा :
1 अ छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर किया जाए।
क 01 जनवरी 2006 से लागू किया जावे या 01.09.2006 से लागू रखा जाता है ता मूल वेतन को 1.86 की बजाय 1.94 से गुणा किया जावे।
ख जिन पदों को केन्द्र सरकार के समकक्ष पदों की पेग्रेड नहीं दी गयी है उन्हें समान पे ग्रेड दी जावे । जैसेशासन सचिवालय मे कार्यरत सहायक अनुभाग अधिकारी अनुभागाधिकारी शिक्षक नर्सेज अधीनस्थ के सभी संवर्ग।
ग 01 जनवरी 2007 से जुलाई 07 के मध्य 6 माह सेवाकाल पूरा नहीं होने पर केन्द्र के समान एक वेतनवृद्धि दी जाए।
घ केन्द्र के समान 20 वर्ष की सेवा पर 50 प्रतिशत पेंशन दी जाए।
च, केन्द्रीय कर्मचारियों की पे स्केल कम करके पे ग्रेड दी गयी है उसी के अनुसार राज्य में पे ग्रेड दी जावे । राज्य में 1800 2100 तथा 3200 व 3600 की पे ग्रेड अधिक बना दी गयी । उन्हें छठा वेतन आयोग लागू करने की तिथि से आगामी पे ग्रेड मे समायोजित किया जाये।
ब श्रीमती कृष्णा भटनागर की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए तथा कर्मचारी संगठनों से इस पर चर्चा का लाभप्रद अभिशंष लागू की जाए।
द शिक्षकों लिए पदोन्नति के अधिक अवसर सुनिश्चित करने के लिए एक निश्चित समयावधि के पश्चात विषयवार विभागीय परीक्षाओं द्वारा पदोन्नत करने की व्यवस्था की जावे
स चतुर्थ एवं पंचम वेतन आयोग की विसंगतियों दूर की जाए इस हेतु गठित यतेन्द्रसिंह कमेटी की अभिशंषा सार्वजनिक की जाए और संबन्धित पदों को भी इसी के अनुरूप छठे वेतन आयोग की पे ग्रेड दी जाए।
द केन्द्र सरकार की भांति समस्त भत्तों का भुगतान किया जाए।
क केन्द्र में मिल रहें एवं राज्य में नहीं मिल रहे भत्तों को राज्य में लागू किया जायें यथा यातायात भत्ता , शिक्षण भत्ता , एल टी सी आदि ।
ख केन्द्र एवं राज्य में मिल रहे भत्तों की दरें समान की जावें जैसेवर्दी भत्ता वर्दी धुलाई भत्ता नर्सिंग भत्ता, मेंस भत्ता , यात्रा भत्ता इत्यादि ।
ग ग्रामीण भत्ता दिया जाये।
2 अ छठे वेतन आयोग के लागू होने के बाद 9,18,27 वर्ष पर चयनित वेतनमान में तत्काल उच्च पे ग्रेड के बजाय पूर्व भांति आगामी पदोन्नति पद की पे गे्रड दी जाए।
ब सभी कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से चयनित वेतनमान दिया जाए।
3 अ जनवरी 2006 से लागू नवीन भर्ती नियम को निरस्त कर पूर्व सेवा नियमों के अनुसार भर्ती की जाए और नियुक्ति तिथि से नियमित वेतन श्रृंखला दी जाए।
ब पूर्व भाति चिकित्सा पुनर्भरण की सुविधा दी जाए।
स नवीन पेंशन नियम जनवरी 2004 को तत्काल वापस लिया जाए।
द आर टी ई 2009 में प्रावधान के अनुसार राजस्थान में प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था मातृभाषा राजस्थानी में करनें की पालना की जावें ।
य जनवरी 2004 के बाद नियुक्त को पेन्शन, ग्रेज्युटी, कम्युटेशन इत्यादि का लाभ दिया जावे ।
4. अ, जिन पदों की शौक्षणिक योंग्यता सैकण्डरी से हायर सैकण्डरी/सी.हायर सैकण्डरी की गई है उनके पे ग्रेड बाये जायें। योग्यता के अनुरूप उन संवर्गो की पे ग्रेड बाई जाए।
ब, किसी पद की शौक्षणिक योग्यता बाने से इस पद पर पदोन्नति से आने वाले कार्मिकों को पूर्व की शौक्षणिक योग्यता के आधार पर पदोन्नति दी जाए।
स, मंत्रालिक संवर्ग के पद क्रम में से एक पद को विलोपित किया जाए।
5. अ, संविदा तथा ठेका नियोजन जैसे एन.आर.एच.एम कर्मी नरेगाकर्मी इत्यादि तत्काल बन्द किया जाए तथा पूर्व में नियुक्त किये गये कर्मचारियों को राजकीय सेवा में योग्यतानुसार समायोजित किया जाए।
ब, शिक्षा विभाग में विभिन्न नामों से नियोजित यथा शिक्षाकर्मी ,विद्यार्थीमित्र,लोक जुम्बिशकर्मी पेरा टीचर्स पे्ररक इत्यादि को योग्यतानुसार नियमित पदों पर समायोजित किया जाए।
स, इन कार्मिकों की सेवा सुरक्षा की गारण्टी दी जाए तथा इनका मानदेय बाया जावें।
द, प्रबोधकों को अध्यापक का पदनाम दिया जाए तथा वेतनमान सहित समस्त परिलाभ समकक्ष शिक्षक के अनुरूप नियुक्ति तिथि से दिए जाए।
य, समस्त विभागों के वर्कचार्ज एवं अस्थाई कार्मिकों यथा पंचायतराज के हैण्डपम्प मिस्त्री, नरेगाकर्मी ,प्रेरक जनता जल योजना के कर्मचारी आदि को स्थाई किया जाए तथा नियमित वेतनमान दिये जावें।
र, वर्कचार्ज कर्मचारियों को नियमित कर राज्य कर्मचारियों की समस्त सुविधाएं दी जायें।
6 अ, स्थानान्तरण नीति बनाई जाए तथा राजनीति से प्रेरित स्थानान्तरण पर रोक लगाई जाए।
ब, बायों मैट्रिक मशीन से उपस्थिति दर्ज नहीं करवाई जाएं।
7 आंगनवाडी कार्यकर्ता, पोषाहारकर्मी, सहायिका, साथिन तथा सहयोगिनी को स्थाई किया जाए और इनकों राजकीय कर्मचारी घोषित किया जाए।इन्हें तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी वेतनमान दिया जाए।
8 (अ) छंटनी , पदों की समाप्ति तथा निजीकरण बन्द किया जाए और सभी संवर्गो के रिक्त पदों पर भर्ती की जाए।प्रत्येक विभाग में 1 से 6 नम्बर स्केल तक के पदों पर लगी भर्ती की रोक शीघ्र हटाई जाए।
(ब) मकान ऋण, वाहन ऋण, अनाज अग्रिम तथा त्यौंहार अग्रिम की सुविधाएं जिला कलेक्टर के माध्यम से राज्य कोष से पूर्व की भांति पुनः प्रारम्भ की जाएं।
9 मंहगाई पर रोक लगाई जावें तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली को प्रभावी बनाकर सभी नागरिकों को इसका लाभ दिया जाए।
10 (अ) पंचायतराज के कार्मिकों सहित समस्त कार्मिकों को समय पर वेतन एवं भत्तों का भुगतान किया जावें।
(ब) पंचायतराज में हस्तान्तरित विभागों को पुनःअपने मूल विभाग में भेजा जाए।
11 (अ) राज्य कर्मचारियों की पदोन्नति हेतु विभागीय पदोन्नति समितियों की नियमित बैठकें करके पदोन्नति दी जाए।
(ब) संवर्ग संधारण ( कैडर सैटेन्थ रिव्यू) किया जाए तथा जो एकांकी पद है उनके पदोन्नति के अवसर खोले जाएं जैसे एएनएम ।
शम्भूसिंह मेडतिया
जिलाध्यक्ष