गुरुवार, 31 मई 2012

ड्राइवर को सौंपी 12 हजार करोड़ की विरासत, तिवारी ने की बगावत


मथुरा. बाबा जयगुरुदेव धर्म प्रचार संस्था ने बाबा के ड्राइवर पंकज यादव को उनकी 12 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति की विरासत संभालने की जिम्‍मेदारी सौंपी है। जय गुरुदेव के फैसले का हवाला देते हुए उन्‍हें ट्रस्ट का अध्यक्ष घोषित कर दिया गया है, लेकिन इस फैसले से नामदान देने वाले उत्तराधिकारी उमेश तिवारी का गुट बगावती तेवर दिखा रहा है। स्वयं उमेश तिवारी भूमिगत हो गए हैं।
 


पंकज यादव ने बाबा को मुखाग्नि दी थी। बुधवार को बाबा की तेरहवीं थी। बाबा के भक्त फूल सिंह ने सार्वजनिक रूप से एक पत्र पढ़कर सुनाया, जो बाबा द्वारा लिखा बताया गया। पत्र के अनुसार 20 जुलाई 2010 को बाबा ने इटावा की सिविल अदालत में लिखित में दिया था कि उनके बाद पंकज को उत्तराधिकारी बनाया जाए। फूल सिंह ने ट्रस्ट प्रबंधक संतराम चौधरी, रामकृष्ण यादव दददू, चरन सिंह एडवोकेट सहित तमाम पदाधिकारियों की मौजूदगी में यह पत्र पढ़ा। इसके कुछ ही देर बाद माहौल बदलने लगा।



पंकज यादव के नाम की घोषणा होने से पहले मंदिर के ही एक ट्रस्टी के.बी. चौधरी ने मीडिया को बताया कि वर्ष 2007 में बाबा जयगुरुदेव ने उन्नाव के सत्संग में उमाकांत तिवारी को नामदान, यानी गुरुमंत्र देने के लिए अधिकृत किया था। ऐसे में पंकज का नाम बतौर उत्‍तराधिकारी घोषित होने के बाद तिवारी समर्थक लामबंद होने लगे। खुद तिवारी ने मंच से घोषणा कर दी कि वह खुद को अभी नामदान देने लायक नहीं मानते। उनका कहना था कि वह अभी ध्यान लगाएंगे और खुद को इस लायक बनायेंगे। इसके बाद से उनका कोई पता नहीं है।



पंकज को जिस तरह और जिन परिस्थितियों में उत्‍तराधिकारी घोषित किया गया, वह भी विवादित लग रहा है। चरन सिंह के मुताकि फूल सिंह जिस पत्र में पंकज को बाबा द्वारा उत्तराधिकारी घोषित करने की बात कह रहे हैं, वह इस तरह घोषणा के लिए नहीं है। उनके मुताबिक कोर्ट में विचाराधीन एक मामले के सिलसिले में बाबा ने यह जिक्र किया था।
उनके नाम की घोषणा से पहले संस्था ने भी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यही कहा था कि शीघ्र ही प्रबंधन समिति की बैठक बुलायी गयी है, उसी में अहम निर्णय होंगे। ऐसे में यह चर्चा भी हो रही है कि पंकज को एक खेमा मोहरे के रूप में इस्‍तेमाल कर रहा है, ताकि फिलहाल तिवारी गुट को उग्र होने से बचाया जा सके और विरासत पर उसका दबदबा बना रहे।



सूत्र यह भी बता रहे हैं कि पंकज को उत्‍तराधिकारी बनाए जाने को लेकर ट्रस्‍ट प्रबंध समिति के केवल तीन पदाधिकारी ही सहमत हैं। इनमें रामकृष्ण यादव दद्दू, चरण सिंह व संतराम चौधरी के नाम बताए जा रहे हैं। ऐसे में अभी बाबा की विरासत को लेकर खींचतान जारी रहने की आशंका है।

शाहरुख खान की केकेआर का खिलाड़ी और ‘इस्‍लामी आतंकवाद’ का कनेक्‍शन


 
नयी दिल्‍ली. सुपरस्‍टार शाहरुख खान की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के एक खिलाड़ी के परिवार की पाकिस्‍तान में आतंकवादी गतिविधियां चला रहे लोगों से संपर्क की बात सामने आयी है।


यह खिलाड़ी है तेज गेंदबाज उमर गुल। इस खिलाड़ी ने आईपीएल का पहला संस्‍करण शाहरुख खान की टीम की तरफ से खेला था और केकेआर के लिए छह मैच में 12 विकेट हासिल किये थे। साल 2008 के मुंबई हमले के बाद पाकिस्‍तान के क्रिकेटरों के भारत आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इस वजह से उमर गुल आईपीएल के बाकी संस्‍करणों में नहीं खेल सके। केकेआर ने इस साल यह टूर्नामेंट जीत लिया है। उन्‍होंने फाइनल मैच में चेन्‍नई सुपर किंग्‍स को पांच विकेट से शिकस्‍त दी।


पाकिस्तानी सेना के कमांडो ने गुल के पेशावर स्थित मकान पर छापा मारकर उसके भाई मेराज और अन्‍य लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों पर वांटेड आतंकवादी अंकल हाजी देली को पनाह देने का आरोप है। देली खूंखार आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम का सक्रिय सदस्य है।
स्‍थानीय मीडिया में आई खबरों में बताया गया है कि हाजी देली खैबर के कबाइली इलाके में सेना के साथ मुठभेड़ में घायल हो गया था। इसके बाद वह पेशावर में कई दिन मेराज के साथ रहा था।


गुल के परिवार ने इस मामले पर टिप्पणी से इनकार किया है। हालांकि उमर गुल के एक चचेरे भाई ने छापेमारी और तीन लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

विदेशी कॉलगर्ल के साथ हाथ लगी 'वीआईपी' ग्राहकों की लिस्ट



नई दिल्ली.क्राइम ब्रांच ने विदेशी महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल रैकेट का भंडाफोड़ कर महिला दलाल समेत छह महिलाओं को गिरफ्तार किया है।
 

ये सभी उज्बेकिस्तान की रहने वाली हैं, जिनकी उम्र 27 से 33 वर्ष के बीच है। यह गिरोह दक्षिणी दिल्ली के हाईप्रोफाइल इलाके में रह कर अपना धंधा चला रहा था। इन सभी के पास से लैपटॉप के साथ-साथ 'वीआईपी' ग्राहकों की एक लिस्ट भी बरामद की गई है।


गिरोह ग्राहकों की अय्याशी के लिए बेली डांस से लेकर अन्य पार्टी का आयोजन भी करता था। इस काम के लिए गिरोह की महिलाएं दिल्ली के अलावा शिमला, जयपुर, गोवा तक भी जाती थीं। गिरोह एक रात के लिए 25 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक वसूलता था।

क्राइम ब्रांच के डीसीपी संजय कुमार जैन ने बताया कि इंस्पेक्टर आरती शर्मा की टीम में शामिल हवलदार अमित तोमर को सूचना मिली कि छतरपुर एक्सटेंशन से कुछ उज्बेकिस्तान की महिलाएं कॉल गर्ल रैकेट चला रही हैं।

सूचना के आधार पर नकली ग्राहक के तौर पर पुलिस टीम के ही एक सदस्य को भेजा गया। इसके बाद 29 मई को छतरपुर फार्म हाउस के पास से छह उज्बेकिस्तानी महिलाओं को गिरफ्तार किया।


इस गिरोह की सरगना की पहचान गुलनाज (33) के रूप में की गई। उसने पुलिस को बताया कि वह पिछले तीन वर्षो से दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में देह व्यापार का धंधा चला रही है।

उसने यह भी खुलासा किया कि उसने छतरपुर एक्सटेंशन में 14 हजार रुपए प्रति माह पर एक मकान किराए पर ले रखा है। वहां वह अपने साथ कुछ लड़कियों को रखती है तथा कुछ को वसंत विहार में किराए का फ्लैट दिलाया हुआ है।


वह अपने गिरोह की लड़कियों को क्लाइंट से मिलाने से लेकर उसके पास ले जाने-लाने का पूरा इंतजाम करती थी। गिरोह अपने उसूल के हिसाब से अपने पुराने क्लाइंट के रेफरेंस पर ही नए क्लाइंट को सेवा मुहैया कराता था।

एक रात के लिए एक लड़की की एवज में 20 से 25 हजार रुपए तक चार्ज किए जाते थे, इसके अलावा यदि बात बेली डांस या फिर वीकेंड पार्टी की होती तो उसके लिए एक रात के लिए एक लाख रुपए तक वसूला जाता था।

इस गिरोह से जुड़ी उज्बेकिस्तानी महिलाएं/युवतियां तीन से छह महीने के वीजा पर भारत आती थीं। इन लड़कियों को एक मुश्त रकम अदा की जाती थी, जो लाखों में होती थी। इनमें से एक महिला ऐसी है, जो यहां काफी जानी जाती है।

इस महिला की शादी एक भारतीय युवक से करा दी गई थी, जिससे उसे वीजा मिलने में आसानी रहे। दिल्ली पुलिस ने इस गिरोह से जुड़े एक भारतीय दलाल की भी पहचान कर ली है, जिसकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने इन महिलाओं से जुड़ी जानकारी उज्बेकिस्तान के दूतावास को दे दी है।

सीकर व चुरु के युवकों ने लूटा था शराब का ठेका


सीकर व चुरु के युवकों ने लूटा था शराब का ठेका

पाली  रास गांव में बीते दिनों शराब के ठेके में लूट की वारदात सीकर व चुरु के युवकों ने की थी। आरोपियों ने गत 25 मई को तड़के 3 बजे शराब के ठेके के सेल्समैन को बंधक बनाकर जंगल में छोड़ दिया और बाद में करीब चार लाख की शराब व नकदी लेकर फरार हो गए थे। सीकर पुलिस की मदद से पाली से गई टीम ने बुधवार को इस मामले में सीकर में पांच युवकों को पकड़ा है, जिन्हें लेकर संभवत: देर रात तक दल लौट आएगा। पकड़े गए आरोपियों में से एक पुलिसकर्मी का पुत्र भी शामिल है, जिसका पूरा ब्योरा दल के लौटने के बाद ही मिलेगा।

सीकर के पुलिस सूत्रों ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में दो नेछवा तथा एक सालासर इलाके का रहने वाला है तथा एक आरोपी फिलहाल सीकर में जयपुर रोड पर रह रहा है, जिसे भी पुलिस ने पकड़ लिया है। वारदात में आधा दर्जन से अधिक आरोपियों की भूमिका सामने आई है। पाली एसपी केबी वंदना के निर्देश पर रास थाने से गई टीम ने बुधवार को सीकर पुलिस की मदद से नेछवा हाल जयपुर रोड सीकर निवासी गौरीशंकर पुत्र रघुनाथसिंह, चहरिया (सालासर) निवासी भवानीसिंह को पकड़ लिया है, वहीं मेड़तिया की ढाणी निवासी बच्चिया उर्फ रामकुमार मौके से फरार हो गया। वारदात में इस्तेमाल वाहन भी आरोपी गौरीशंकर के पास होने की बात सामने आई, लेकिन पुलिस को वाहन नहीं मिला है। सीकर में दबिश के दौरान सदर थाना पुलिस भी साथ रही।

यह है पूरा मामला

जिले के रास गांव के निकट बाबरा-ब्यावर मार्ग पर देसी-अंग्रेजी शराब के ठेके पर रोहिसा (जोधपुर) गांव का भंवरसिंह राजपूत बतौर सेल्समैन काम करता है। 25 मई को तड़के 3 बजे जीप में आधा दर्जन से अधिक युवक पहुंचे और मारपीट कर उसे बंधक बना दिया। सेल्समैन को जीप में डालकर आरोपी दो-ढाई किलोमीटर दूर धुलेट गांव के जंगल में ले गए। वहां भी आरोपियों ने उससे मारपीट की व उसका मोबाइल व पर्स छिन लिया, जबकि उसकी जेब से शराब के ठेके की चाबियां निकाल लीं। बाद में आरोपियों ने दुकान से देसी मदिरा के 250 तथा अंग्रेजी शराब के 100 कार्टन निकाल कर ले गए। आरोपी दुकान के गले में रखे करीब 13 हजार रुपए भी ले गए थे।

बाहरी अभ्यर्थियों के साथ मारपीट में कई घायल

बाहरी अभ्यर्थियों के साथ मारपीट में कई घायल

बाड़मेर  तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में बाड़मेर जिले में ज्यादा पद होने से कई जिलों के अभ्यर्थियों ने बाड़मेर को परीक्षा के लिए चयन किया है। दो जून को होने वाली परीक्षा को लेकर बुधवार से ही अन्य जिलों के अभ्यर्थियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। बुधवार को शहर में कुछ धर्मशालाओं व सार्वजनिक स्थानों पर बाहरी जिलों के अभ्यर्थियों के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की। जिससे इन अभ्यर्थियों में भय का माहौल व्याप्त हो गया और वापस अपने जिलों की ओर जाने का निर्णय ले रहे हैं।

अज्ञात युवकों ने की मारपीट: प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्थानीय सेवा सदन धर्मशाला के आगे मोटरसाइकिलों पर सवार होकर आए करीब एक दर्जन युवकों ने बाहर से आए परीक्षार्थियों पर लाठियों व सरियों से हमला बोल दिया। हड़बड़ाहट में कुछ रेलवे की ओर भागे तो कुछ कहीं ओर, इन सबको दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। वहीं कुछ अन्य स्थानों पर भी बाहरी अभ्यर्थियों के साथ मारपीट करने के मामले सामने आए हैं। घटना के बाद सभी अभ्यर्थी वापिस अपने जिलों की ओर जाने लगे।

श्रीगंगानगर के थे अभ्यर्थी: शाम को कालका एक्सप्रेस से श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों के कई अभ्यर्थी बाड़मेर पहुंचे, इसके बाद इन्होंने ठहरने के लिए शहर में होटल व धर्मशालाओं की ओर रूख किया। जानकारी के मुताबिक कृष्णलाल पुत्र हनुमान विश्नोई निवासी 65 एनपी (रायसिंहनगर) व नरेश कुमार पुत्र हरिसिंह निवासी हनुमानगढ़ को ज्यादा चोटें आई है। वहीं पूरणराम पुत्र किशनलाल निवासी सूरतगढ़, रविंद्र व जितेंद्र पुत्र ओमप्रकाश निवासी रायसिंहनगर, योगराज पुत्र मदनगोपाल निवासी 10 एनपी (रायसिंहनगर) को भी चोटें आई।

वर्ष 1998 में भी हुई थी मारपीट: उल्लेखनीय है कि वर्ष 1998 में हुई जिला परिषद के माध्यम से होने वाली परीक्षा में भी बाहर से आने वाले परीक्षार्थियों के साथ मारपीट के मामले घटित हुए थे। तब बड़ी तादाद में बाहरी अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित रह गए थे। इस बार भी बड़ी संख्या में बाहरी जिलों के बेरोजगारों ने शिक्षक बनने के लिए बाड़मेर का चयन किया है। द्वितीय स्तर के लिए राज्य में सर्वाधिक 58,028 आवेदन बाड़मेर में आए, इनमें से बाड़मेर के अभ्यर्थी मात्र पांच हजार ही है।


घटना के बाद पुलिस ने की धर्मशालाओं की जांच

मारपीट की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को राजकीय अस्पताल पहुंचाया। इसके बाद शहर कोतवाल लूण सिंह भाटी ने मय पुलिस जाब्ता शहर के होटल, ढाबों व धर्मशालाओं की जांच कर किसी भी मामले की जानकारी तुरंत पुलिस को देने के निर्देश संचालकों को दिए। वहीं एहतियातन रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित सभी प्रमुख स्थानों पर पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है।

हमारे साथ गलत हुआ, हम यहां नहीं रहेंगे

'बाड़मेर अच्छा एरिया है, यह समझकर हिंदी विषय में आवेदन किया। लेकिन जब यहां आए तो हमारे साथ गलत हुआ। मुझे व मेरे भाई को दौड़ाकर पीटा।'

-रविंद्र

'ज्यादा पद होने के कारण मैंने सामाजिक ज्ञान विषय में आवेदन किया था। लेकिन यहां बाहरी अभ्यर्थियों की सुरक्षा को लेकर इंतजाम नहीं किए गए हैं।'

-योगराज

'सभी को किसी भी जिले से परीक्षा देने का अधिकार है। मैंने बाड़मेर को चुना, लेकिन रेल से उतरते ही मेरे साथ मारपीट हो गई। अब वापस जा रहे हैं।'

-पूरणराम

परीक्षार्थियों के इतना जल्दी आने का अंदेशा नहीं था परीक्षाओ के मद्देनज़र सुरक्षा व्यवस्था पूर्ण चाक चौबंद की जायेगी 
राहुल बारहट पुलिस  अधीक्षक बाड़मेर 
'सेवा सदन के पास कुछ बाहरी अभ्यर्थियों के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया था। घटना के बाद सभी होटल व ढाबा संचालकों को पाबंद कर दिया है। वहीं शरारती तत्वों को पकडऩे का प्रयास किया जा रहा है।'

-लूण सिंह भाटी, शहर कोतवाल, बाड़मेर