रविवार, 1 अप्रैल 2012

संभागीय मुख्य अभियंता का टीए घूस लेते दबोचा

संभागीय मुख्य अभियंता का टीए घूस लेते दबोचा

कोटा/जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शनिवार को विद्युत वितरण निगम के संभागीय मुख्य अभियंता फतेह सिंह मीणा के टीए [टेक्निकल असिस्टेंट] हारून को 20 हजार रूपए की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह रकम एक निलंबित हैल्पर को बहाल कर उसे इच्छुक जगह लगाने की एवज में ली गई थी।

ब्यूरो की जयपुर टीम ने फतेह सिंह के जयपुर में मानसरोवर स्थित आवास पर तलाशी ली, लेकिन खास दस्तावेज नहीं मिले। ब्यूरो की टीम देर रात मीणा को लेकर कोटा पहुंच गई। यहां उससे पूछताछ की जाएगी। ब्यूरो अधिकारियों ने उनकी गिरफ्तारी से भी इनकार नहीं किया है। फतेहसिंह को एक सांसद का दूर का रिश्तेदार बताया जा रहा है। एसीबी के उपाधीक्षक कैलाश सांदू ने बताया कि झालावाड़ जिले के झालरापाटन में पदस्थापित हैल्पर शौकत अली को 19 मार्च को मीणा ने निलंबित कर दिया था। मीणा के टीए हारून ने उसे कॉल किया और बहाली के लिए 60 हजार रूपए की मांग की। उसने 40 हजार रूपए 28 मार्च को हारून को थर्मल कॉलोनी स्थित उसके आवास पर दे दिए। बाद में शौकत ने एसीबी में शिकायत दी। सत्यापन के बाद ब्यूरो टीम ने शेष 20 हजार रूपए लेते हुए हारून को शनिवार को उसके आवास पर दबोच लिया। उसके घर से 1.03 लाख रूपए भी जब्त किए।

घूस की रकम से खरीदा मोबाइल
तीन दिन पहले घूस में लिए 40 हजार में से हारून 23 हजार रूपए का मोबाइल खरीद लाया। यह मोबाइल भी एसीबी ने जब्त किया है। इस रकम में से 16 हजार रूपए उसकी जेब में मिल गए। इसी बीच शौकत को बहाल भी कर दिया।

"हमारा राज है... तू इधर-उधर मत जा..."
ब्यूरो सूत्रों ने बताया कि 29 मार्च की शाम शिकायत मिलने के बाद 30 मार्च को सत्यापन के लिए शौकत को दोबारा थर्मल कॉलोनी में हारून के पास भेजा। हारून उसे इरेक्टर्स हॉस्टल में ठहरे हुए मुख्य अभियंता मीणा के पास भी लेकर गया। मीणा ने शौकत को कहा कि "हमारा राज है... तू इधर-उधर मत जा...।" सूत्रों ने बताया कि बतौर घूस 60 हजार रूपए पूर्व में शौकत ने झालावाड़ के ही एक अधिकारी को दिए थे। बाद में उसने यह रकम वापस ली और यही रकम यहां दी। ब्यूरो अधिकारियों का दावा है कि सत्यापन के
दौरान हुई करीब एक घंटे की रिकॉर्डिग में मीणा ने कई ऎसी बातें की हैं, जो उन्हें संदेह के घेरे में लाती हैं।

कार-टैंकर भिडंत में 5 की मौत,4 घायल

कार-टैंकर भिडंत में 5 की मौत,4 घायल

झुंझुंनू। झुंझुंनू जिले में झुंझुंनू-जयपुर रोड पर घोडीवारा बालाजी मन्दिर के पास एक कार एवं टैंकर की भिडंत में पांच लोगों की मौत हो गई तथा चार अन्य घायल हो गए। घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतक हरियाणा के रहने वाले थे। ये लोग दो कारों में सवार होकर झुंझुंनू होते हुए सालासर जा रहे थे।

बीती शाम घोडीवारा बालाजी मन्दिर से पहले इनकी कार असंतुलित होकर सामने से आ रहे दूध के टैंकर में जा घुसी। टक्कर इतनी भयंकर थी कि कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई तथा टैंकर के पिछले टायर में आग लग गई। हादसे में कार चालक कुलदीप (24)गायत्री (65),गीता (22) अमन (18) तथा अलवर निवासी गोलू ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

39 चैनलों पर 25 घंटे चलता है निर्मल बाबा का 'दरबार'

नई दिल्ली. लाखों भक्‍त होने और उनकी समस्‍याओं को चुटकियों में हल सुझाने का दावा करने वाले निर्मल बाबा को लेकर लोगों का कौतूहल लगातार बढ़ रहा है। सोशल साइट्स पर बाबा को लेकर खूब टिप्‍पणियां चल रही हैं। इनमें से कई उन पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो कई उनका वंदन भी कर रहे हैं।
 
निर्मल बाबा को लेकर लोगों का सस्‍पेंस इसलिए भी बढ़ रहा है क्‍योंकि उनके बारे में कोई भी जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं है। इंटरनेट या मीडिया में भी उनके बारे में ज्‍यादा कुछ नहीं छपा है, लेकिन उनकी चर्चा जबरदस्‍त है। गूगल पर अंग्रेजी में निर्मल बाबा टाइप करने पर आधे मिनट में करीब 29 लाख सर्च रिजल्ट्स सामने आते हैं। पर गूगल न्‍यूज में यही टाइप करने पर मात्र आठ सर्च रिजल्‍ट्स ही दिखाई देते हैं। और, इन आठ में से एक में भी निर्मल बाबा के बारे में कोई खबर नहीं होती।

निर्मल बाबा ने लोगों तक पहुंचने के लिए सोशल साइट्स का भरपूर सहारा लिया है। फेसबुक पर निर्मल बाबा के प्रशंसकों का पेज है, जिसे करीब 318100 लोग पसंद करते हैं। इस पेज पर निर्मल बाबा के टीवी कार्यक्रमों का समय और उनकी तारीफ से जुड़ी टिप्पणियां हैं। ट्विटर पर 1 अप्रैल सुबह दस बजे तक उन्हें 39244 लोग फॉलो कर रहे हैं। लेकिन इन सोशल साइट्स पर निर्मल बाबा के बारे में कोई जानकारी नहीं है। केवल व्‍यावसायिक जानकारियां ही साझा की गई हैं।

निर्मल बाबा के जीवन या उनकी पृष्ठभूमि के बारे में उनकी आधिकारिक वेबसाइट निर्मलबाबा. कॉम पर कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस वेबसाइट पर उनके कार्यक्रमों, उनके समागम में हिस्सा लेने के तरीकों के बारे में बताया गया है और उनसे जुड़ी प्रचार प्रसार की सामग्री उपलब्ध है। लेकिन एक अन्य वेबसाइट निर्मलबाबा.नेट.इन उनके बारे में कई दावे करती है। हालांकि, निर्मलबाबा.कॉम में बताया गया है कि निर्मलबाबा.नेट.इन एक फर्जी वेबसाइट है।

निर्मलबाबा.नेट.इन वेबसाइट के मुताबिक निर्मल बाबा आध्यात्मिक गुरु हैं और भारत में वे किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। इस वेबसाइट पर उन्हें दैवीय मनुष्य बताया गया है। उनकी शान में कसीदे गढ़ते हुए बताया गया है कि किसी भी इंसान का सबसे बड़ा गुण 'देना' होता है और निर्मल बाबा लंबे समय से लोगों को खुशियां दे रहे हैं। निर्मलबाबा.नेट.इन के मुताबिक निर्मल बाबा के पास छठी इंद्रिय (सिक्स्थ सेंस) है। कई लोग मानते हैं कि रहस्यमयी छठी इंद्रिय विकसित होने से मनुष्य को भविष्य में होने वाली घटना के बारे में पहले से ही पता चल जाता है। निर्मलबाबा.नेट.इन के मुताबिक निर्मल बाबा की छठी इंद्रिय विकसित है। शायद इसलिए उनके समागम का शीर्षक ही 'थर्ड आई ऑफ निर्मल बाबा' होता है।

निर्मलबाबा.नेट.इन के अनुसार, 'निर्मल बाबा नई दिल्ली में रहने वाले आध्यात्मिक गुरु हैं। वे 10 साल पहले साधारण व्यक्ति थे। लेकिन बाद में उन्होंने ईश्वर के प्रति समर्पण से अपने भीतर अद्वितीय शक्तियों का विकास किया। ध्यान के बल पर वह ट्रांस (भौतिक संसार से परे किसी और दुनिया में) में चले जाते हैं। ऐसा करने पर वह ईश्वर से मार्गदर्शन ग्रहण करते हैं, जिससे उन्हें लोगों के दुख दूर करने में मदद मिलती है। निर्मल बाबा के पास मुश्किलों का इलाज करने की शक्ति है। वे किसी भी मनुष्य के बारे में टेलीफोन पर बात करके पूरी जानकारी दे सकते हैं। यहां तक कि सिर्फ फोन पर बात करके वह किसी भी व्यक्ति की आलमारी में क्या रखा है, बता सकते हैं। उनकी रहस्मय शक्ति ने कई लोगों को कष्ट से मुक्ति दिलाई है।' जब दैनिकभास्कर.कॉम ने निर्मल बाबा के बारे में जानने के लिए उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए नंबरों पर संपर्क करने की कोशिश की तो नंबर लगातार व्यस्त रहे।

टीवी और इंटरनेट के जरिए निर्मल बाबा पूरे भारत ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों में भी रोज लोगों तक पहुंचते हैं। निर्मल बाबा के समागम का प्रसारण देश-विदेश के तकरीबन 39 टीवी चैनलों पर सुबह से लेकर शाम तक रोजाना करीब 25 घंटे का प्रसारण अलग-अलग समय पर किया जा रहा है। भारत में विभिन्न समाचार, मनोरंजन और आध्यात्मिक चैनलों के अलावा विदेशों में टीवी एशिया, एएक्सएन जैसे चैनलों पर मध्य पूर्व, यूरोप से लेकर अमेरिका तक उनके समागम का प्रसारण हो रहा है।

सोशल साइटों पर टिप्पणियों की भरमार
बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचने वाली शख्‍सीयत के बारे में सार्वजनिक तौर पर कोई जानकारी उपलब्‍ध नहीं होने से यह स्‍वाभाविक है कि लोग उनके बारे में चर्चा करें। झारखंड के एक प्रतिष्ठित अखबार के स्‍थानीय संपादक ने फेसबुक पर निर्मल बाबा की तस्वीर के साथ यह टिप्पणी की, 'ये निर्मल बाबा हैं। पहली बार टीवी पर उन्हें देखा। भक्तों की बात भी सुनी। पता चला..यह विज्ञापन है. आखिर बाबाओं को विज्ञापन देने की जरूरत क्यों पड़ती है? सुनने में आया है...ये बाबा पहले डाल्टनगंज (झारखंड) में ठेकेदारी करते थे?'

इस टिप्‍पणी पर कई लोगों की प्रतिक्रियाएं भी हैं। एक शख्स धर्मेंद्र सिंह बघेल ने फेसबुक पर टिप्पणी करते हुए निर्मल बाबा को पैसे लेने वाला बाबा बताया है। जुगनू शार्देय ने लिखा है, 'सिंपली फ्रॉड।' अनुराधा झा ने लिखा, 'बहुत चालाक आदमी है...आपको हाथ दिखाएगा तो आप पर ऊपर वाले की कृपा हो जाएगी...सिर्फ टीवी देखने से भी भला होता है।' वहीं, अरुण साठी ने लिखा, 'महाठग जो बुद्धू लोगों को चूना लगा रहा है और लोग हंस रहे है..पता नहीं लोग कब समझेंगे भगवान और आदमी का फर्क..?' केपी चौहान ने लिखा, 'निर्मल बाबा की दुकान बहुत जोर से चल रही है। जनता जिनके दरबार में जाकर सब भूल जाती है क्योंकि माया का ड्राफ्ट तो वे पहले ही ले लेते हैं।' दीपाली सांगवान ने निर्मल बाबा द्वारा समागम में लिए जाने वाले शुल्क के बारे में जानकारी दी है, 'निर्मल बाबा का प्रति व्यक्ति रजिस्ट्रेशन चार्ज 2 हजार रुपये है और 2 साल की उम्र से ज़्यादा के बच्चों को भी रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है।'



उठ रहे हैं सवाल
निर्मल बाबा के दावों पर इंडीजॉब्स. हबपेजेस.कॉम वेबसाइट पर भी सवाल उठाया गया है। हबपेजेस.कॉम पर कोई भी व्यक्ति अपनी पसंद के आर्टिकल प्रकाशित कर सकता है और क्लिक के आधार पर पैसे भी कमा सकता है। इस वेबसाइट पर प्रकाशित लेख 'इज निर्मल बाबा अ फ्रॉड' में कहा गया है कि उनके इतिहास के बारे में बेहद कम जानकारी उपलब्ध है।

इस लेख में निर्मल बाबा को सवालों के घेरे में लाते हुए कहा गया है, 'वे वर्तमान में समागम के अलावा क्या करते हैं और अपने भक्तों से मिलने वाली करोड़ों रुपये की राशि से वे क्या कर रहे हैं, इसके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। अगर प्रकृति ने उन्हें दैवीय शक्ति दी है, तो वे लोगों से पैसे लेकर क्यों उनका भला कर रहे हैं? निर्मल बाबा के समागम में जाने के लिए किसी भी शख्स को बैंक चालान कटवाना पड़ता है। इसके बाद कई प्रक्रियाओं से गुजरते हुए अंत में उसे चालान की एक प्रति अपने फोटो पहचान पत्र के साथ ले जाने पर उसे समागम में जाने के लिए प्रवेश मिलता है। सवाल उठता है कि बड़े-बड़े दावे करने वाले किसी आध्यात्मिक गुरु को अपने भक्त को पहचानने के लिए क्या किसी फोटो पहचान पत्र की जरूरत है?' लेख के मुताबिक अगर आपके पास पैसे नहीं हैं, तो निर्मल बाबा आपका चेहरा तक नहीं देखेंगे।

यह एक तथ्‍य है कि बाबा के समागम में जाने के लिए रजिस्‍ट्रेशन फीस दो हजार रुपये प्रति व्‍यक्ति है। दो साल से ज्‍यादा उम्र के बच्‍चों से भी यह फीस वसूली जाती है। टीवी पर दिखाए जाने वाले समागमों में लोगों की जो भीड़ दिखाई जाती है, उसके आधार पर मोटा आकलन लगाया जाए तो हर समागम से करीब 20-25 लाख की रकम तो रजिस्‍ट्रेशन के तौर पर ही मिल जाती होगी। निर्मल बाबा के समागमों की मांग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कि नई दिल्ली में 26 अगस्त तक समागम के लिए उनकी बुकिंग बंद है। निर्मल बाबा की आधिकारिक वेबसाइट पर यह जानकारी दी गई है। साथ में यह भी बताया गया है कि बाबा जी से निजी या फोन पर अप्वॉइंटमेंट बंद कर दिया गया है।

रक्षा मंत्री को हो सकती है जेल!

रक्षा मंत्री को हो सकती है जेल!
नई दिल्ली। टाट्रा ट्रक डील में कथित गड़बड़ी को लेकर रक्षा मंत्री एके एंटनी मुश्किल में घिरते जा रहे हैं। रक्षा मंत्री को इस मामले की जानकारी दो साल पहले ही मिल गई थी लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। कर्तव्य का पालन नहीं करने के कारण रक्षा मंत्री के खिलाफ आपराधिक मामला बन सकता है।

उनको छह माह की जेल भी हो सकती है। अगर रक्षा मंत्री को इस मामले में खुद को बचाना है तो उनको ठोस तार्किक जवाब देना होगा। टाट्रा मामले में सीबीआई की ओर से दर्ज केस से संकेत मिले हैं कि रक्षा मंत्री ने अपने वैधानिक कर्तव्य का पालन नहीं किया। जब उनको 2009 में स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने घूस के मामले की जानकारी दे दी थी। साथ ही आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने भी मौखिक रूप से जानकारी दी थी।

आज से जीना और महंगा

आज से जीना और महंगा

नई दिल्ली। नया वित्त वर्ष आम आदमी का जीना और महंगा कर देगा। रविवार से कई रोजमर्रा की जरूरी चीजें और महंगी हो जाएंगी। घर के किराना से लेकर होटल का खाना और फोन पर बातें करने से लेकर कहीं आना-जाना, सब के दाम बढ़ जाएंगे। हालांकि, तेल कंपनियों ने शनिवार को पेट्रोल के दाम बढ़ाने का फैसला फिलहाल तो टाल दिया है, लेकिन पूरी आशंका है कि इस माह इसमें वृद्धि हो जाएगी।

एसी का सफर लाएगा पसीना

रेल बजट में वातानुकूलित प्रथम और द्वितीय श्रेणी की बढ़ाई गई किराया दरें रविवार से लागू हो जाएंगी। पूर्व में आरक्षण करा चुके यात्रियों से ट्रेन में बकाया राशि वसूली जाएगी। आरक्षण चार्ट में बकाया राशि का उल्लेख किया जाएगा। रेल प्रशासन ने औचक जांच के लिए मंडल स्तर पर जांच दल गठित किए हैं। किराया एसी-1 में 30 पैसे प्रति किमी और एसी-2 में 15 पैसे प्रति किमी की दर से बढ़ाया गया है। इसके अलावा किराए में 2 प्रतिशत सेवाकर की दर भी जोड़ी जाएगी।

खाना-बतियाना महंगा, पेट्रोल पर फैसला आज

सेवा कर 2त्न बढ़ने से अधिकतर सेवाएं महंगी हो जाएंगी। होटल में खाना-ठहरना, जिम, कोचिंग, फोन बिल, इंश्योरेंस पर असर होगा। उधर, जले पर पेट्रोल के दाम रविवार को बढ़ सकते हैं। तेल कंपनियों ने शनिवार को पेट्रोल की दर में वृद्धि टाल दी। रविवार को कीमतों की समीक्षा होगी। दाम 3 से 5 रू./ली. तक बढ़ने के कयास हैं।