संभागीय मुख्य अभियंता का टीए घूस लेते दबोचा
कोटा/जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शनिवार को विद्युत वितरण निगम के संभागीय मुख्य अभियंता फतेह सिंह मीणा के टीए [टेक्निकल असिस्टेंट] हारून को 20 हजार रूपए की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह रकम एक निलंबित हैल्पर को बहाल कर उसे इच्छुक जगह लगाने की एवज में ली गई थी।
ब्यूरो की जयपुर टीम ने फतेह सिंह के जयपुर में मानसरोवर स्थित आवास पर तलाशी ली, लेकिन खास दस्तावेज नहीं मिले। ब्यूरो की टीम देर रात मीणा को लेकर कोटा पहुंच गई। यहां उससे पूछताछ की जाएगी। ब्यूरो अधिकारियों ने उनकी गिरफ्तारी से भी इनकार नहीं किया है। फतेहसिंह को एक सांसद का दूर का रिश्तेदार बताया जा रहा है। एसीबी के उपाधीक्षक कैलाश सांदू ने बताया कि झालावाड़ जिले के झालरापाटन में पदस्थापित हैल्पर शौकत अली को 19 मार्च को मीणा ने निलंबित कर दिया था। मीणा के टीए हारून ने उसे कॉल किया और बहाली के लिए 60 हजार रूपए की मांग की। उसने 40 हजार रूपए 28 मार्च को हारून को थर्मल कॉलोनी स्थित उसके आवास पर दे दिए। बाद में शौकत ने एसीबी में शिकायत दी। सत्यापन के बाद ब्यूरो टीम ने शेष 20 हजार रूपए लेते हुए हारून को शनिवार को उसके आवास पर दबोच लिया। उसके घर से 1.03 लाख रूपए भी जब्त किए।
घूस की रकम से खरीदा मोबाइल
तीन दिन पहले घूस में लिए 40 हजार में से हारून 23 हजार रूपए का मोबाइल खरीद लाया। यह मोबाइल भी एसीबी ने जब्त किया है। इस रकम में से 16 हजार रूपए उसकी जेब में मिल गए। इसी बीच शौकत को बहाल भी कर दिया।
"हमारा राज है... तू इधर-उधर मत जा..."
ब्यूरो सूत्रों ने बताया कि 29 मार्च की शाम शिकायत मिलने के बाद 30 मार्च को सत्यापन के लिए शौकत को दोबारा थर्मल कॉलोनी में हारून के पास भेजा। हारून उसे इरेक्टर्स हॉस्टल में ठहरे हुए मुख्य अभियंता मीणा के पास भी लेकर गया। मीणा ने शौकत को कहा कि "हमारा राज है... तू इधर-उधर मत जा...।" सूत्रों ने बताया कि बतौर घूस 60 हजार रूपए पूर्व में शौकत ने झालावाड़ के ही एक अधिकारी को दिए थे। बाद में उसने यह रकम वापस ली और यही रकम यहां दी। ब्यूरो अधिकारियों का दावा है कि सत्यापन के
दौरान हुई करीब एक घंटे की रिकॉर्डिग में मीणा ने कई ऎसी बातें की हैं, जो उन्हें संदेह के घेरे में लाती हैं।
कोटा/जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शनिवार को विद्युत वितरण निगम के संभागीय मुख्य अभियंता फतेह सिंह मीणा के टीए [टेक्निकल असिस्टेंट] हारून को 20 हजार रूपए की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह रकम एक निलंबित हैल्पर को बहाल कर उसे इच्छुक जगह लगाने की एवज में ली गई थी।
ब्यूरो की जयपुर टीम ने फतेह सिंह के जयपुर में मानसरोवर स्थित आवास पर तलाशी ली, लेकिन खास दस्तावेज नहीं मिले। ब्यूरो की टीम देर रात मीणा को लेकर कोटा पहुंच गई। यहां उससे पूछताछ की जाएगी। ब्यूरो अधिकारियों ने उनकी गिरफ्तारी से भी इनकार नहीं किया है। फतेहसिंह को एक सांसद का दूर का रिश्तेदार बताया जा रहा है। एसीबी के उपाधीक्षक कैलाश सांदू ने बताया कि झालावाड़ जिले के झालरापाटन में पदस्थापित हैल्पर शौकत अली को 19 मार्च को मीणा ने निलंबित कर दिया था। मीणा के टीए हारून ने उसे कॉल किया और बहाली के लिए 60 हजार रूपए की मांग की। उसने 40 हजार रूपए 28 मार्च को हारून को थर्मल कॉलोनी स्थित उसके आवास पर दे दिए। बाद में शौकत ने एसीबी में शिकायत दी। सत्यापन के बाद ब्यूरो टीम ने शेष 20 हजार रूपए लेते हुए हारून को शनिवार को उसके आवास पर दबोच लिया। उसके घर से 1.03 लाख रूपए भी जब्त किए।
घूस की रकम से खरीदा मोबाइल
तीन दिन पहले घूस में लिए 40 हजार में से हारून 23 हजार रूपए का मोबाइल खरीद लाया। यह मोबाइल भी एसीबी ने जब्त किया है। इस रकम में से 16 हजार रूपए उसकी जेब में मिल गए। इसी बीच शौकत को बहाल भी कर दिया।
"हमारा राज है... तू इधर-उधर मत जा..."
ब्यूरो सूत्रों ने बताया कि 29 मार्च की शाम शिकायत मिलने के बाद 30 मार्च को सत्यापन के लिए शौकत को दोबारा थर्मल कॉलोनी में हारून के पास भेजा। हारून उसे इरेक्टर्स हॉस्टल में ठहरे हुए मुख्य अभियंता मीणा के पास भी लेकर गया। मीणा ने शौकत को कहा कि "हमारा राज है... तू इधर-उधर मत जा...।" सूत्रों ने बताया कि बतौर घूस 60 हजार रूपए पूर्व में शौकत ने झालावाड़ के ही एक अधिकारी को दिए थे। बाद में उसने यह रकम वापस ली और यही रकम यहां दी। ब्यूरो अधिकारियों का दावा है कि सत्यापन के
दौरान हुई करीब एक घंटे की रिकॉर्डिग में मीणा ने कई ऎसी बातें की हैं, जो उन्हें संदेह के घेरे में लाती हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें