मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012

रक्षा प्रयोगशाला, जोधपुर में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन


रक्षा प्रयोगशाला, जोधपुर में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन 

भारत सरकार, रक्षा मंत्रालय के निर्देशानुसार दिनाँक 28 फरवरी, 2012 को रक्षा प्रयोगशाला, जोधपुर में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया । मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के उपरान्त कार्यक्रम के प्रारम्भ में आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री रवीन्द्र कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक, रक्षा प्रयोगशाला, जोधपुर ने स्वागत उद्बोधन देते हुए देश की सुरक्षा के लिये विज्ञान द्वारा विकसित तकनीकियों के महत्व पर प्रकाश डाला । 

इस अवसर पर रक्षा प्रयोगशाला, जोधपुर के निदेशक डॉ. सम्पत राज वडेरा ने देश के मूर्धन्य वैज्ञानिक डॉ. सी. वी. रमन के कार्यो तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डाला । उन्होने बताया कि डॉ. रमन के द्वारा खोज किया गया रमन प्रभाव आज भी स्पेक्ट्रोस्कॉपी एवं पदार्थ विश्लेषण की एक अनुपम विधा है एवं समस्त विश्व में उपयोग की जाती है । 

इस अवसर पर डॉ. आर. विजयराघवन, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने भडिटेक्शन सिस्टम फॉर कैमोफ्लेज इवैलुएशनष (छद्मावरण मूल्यांकन हेतु प्रयुक्त संसूचन तंत्र) पर विज्ञान दिवस व्याख्यान प्रस्तुत किया । अपने व्याख्यान में उन्होनें छद्मावरण तकनीकी में प्रयुक्त विभिन्न संसूचन तंत्रों के सिद्घान्तों तथा कि्रयाविधि पर प्रकाश डाला । उन्होनें रक्षा प्रयोगशाला, जोधपुर द्वारा विकसित किये जाने वाले एक अभिनव छद्मावरण मूल्यांकन तंत्र की विस्तार से जानकारी दी । 

डाँ. विजयराघवन को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तथा रक्षा प्रयोगशाला, जोधपुर के भूतपूर्व निदेशक डॉ. नरेन्द्र कुमार ने डी. आर. डी. ओ. मुख्यालय से प्राप्त मेडल तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि ने रक्षा प्रयोगशाला, जोधपुर के वैज्ञानिकों एवं विभिन्न स्कूलों से आये छात्रों को डॉ. सी. वी. रमन के जीवन से प्रेरणा लेने एवं नित नूतन प्रौद्योगिकियों पर कार्य करने के लिये प्रोत्साहित किया । 

इस अवसर पर जोधपुर के विभिन्न विद्यालयों के छात्रों के लिए 14 फरवरी, 2012 को आयोजित की गई विज्ञान प्रश्नोत्तरी परीक्षा में विजयी छात्रों को प्रशस्ति पत्र के साथ पुरस्कृत किया गया । साथ ही रक्षा प्रयोगशाला, जोधपुर के वैज्ञानिकों को उनके द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय शोघ पत्रिकाओं में प्रकाशित उत्तम शोध पत्रों के लिये प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गये । 

कार्यक्रम के समापन पर रक्षा प्रयोगशाला, जोधपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री दिनेश कुमार त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापित किया । कार्यक्रम का संचालन श्री राकेश श्रीवास्तव ने किया

राष्ट्रिय पक्षी सहित तीतरों का शिकार शिकारी गिरफ्त में


राष्ट्रिय पक्षी सहित तीतरों का शिकार शिकारी गिरफ्त में 


बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले में मंगलवार को वन विभाग के दल ने बड़ी कार्यवाही कर राष्ट्रीय पक्षी मोर और रेड डाटा बुक में दर्ज दुर्लभ पक्षी तीतर के शिकार के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया .उप वन सरंक्षक बी आर भादू ने बताया की बाड़मेर जिले के बायतु क्षेत्र के झ्हला मालिया इलाके में बालोतरा निवासी पेमा राम पुत्र हिम्मताराम और छोटूराम पुत्र हुक्माराम जाती नट द्वारा छः राष्ट्रिय पक्षी मोरो का शिकार कर उन्हें मर गिराया वन्ही ज़िंदा तीन मोरो तथा सत्रह मृत तीतरों के शव बरामद किये .इन दोनों द्वारा क्षेत्र में लम्बे समय से पक्षियों का शिकार कर उन्हें बाज़ार में बेचा जाता था ,वन विभाग को सूचना मिलाने पर दबिस देकर उन्हें शिकार किये पक्षियों के साथ गिरफ्तार किया ,उन्होंने बताया की दोनों को कल न्यायलय में पेश किया जाएगा वन्ही मृत पक्षियों का अंतिम डाह संस्कार बुध्व्चार प्रातः आठ बजे विधिवत रूप से किया जाएगा .घायल मोरो का उपचार चिकित्सालय में कराया जा रहा हें ,राष्ट्रीय पक्षी मोरों तथा दुर्लभ पक्षी तीतरों का बड़ी मात्र में शिकार का पहला बड़ा मामला सामने आया हें 

गुजरात दंगे: रेहान फज़ल की आपबीती- पत्‍नी के क्रेडिट कार्ड से बची थी जान



दस साल पहले गोधरा में ट्रेन जलाए जाने के बाद भड़के दंगे को कवर करने गए बीबीसी संवाददाता रेहान फज़ल को किस तरह दंगाइयों की भीड़ का सामना करना पड़ा और किस तरह उन्होंने अपनी जान बचाई, पढि़ए उनके लिखे इस संस्‍मरण में।


27 फ़रवरी 2002 की अलसाई दोपहर. मेरी छुट्टी है और मैं घर पर अधलेटा एक किताब पढ़ रहा हूँ. अचानक दफ़्तर से एक फ़ोन आता है. मेरी संपादक लाइन पर हैं. 'अहमदाबाद से 150 किलोमीटर दूर गोधरा में कुछ लोगों ने एक ट्रेन जला दी है और करीब 55 लोग जल कर मर गए हैं.' मुझे निर्देश मिलता है कि मुझे तुरंत वहाँ के लिए निकलना है. मैं अपना सामान रखता हूँ और टैक्सी से हवाई अड्डे के लिए निकल पड़ता हूँ. हवाई अड्डे के पास भारी ट्रैफ़िक जाम है.अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई का काफ़िला निकल रहा है. मैं देर से हवाई अड्डे पहुँचता हूँ. जहाज़ अभी उड़ा नहीं हैं लेकिन मुझे उस पर बैठने नहीं दिया जाता. मेरे लाख कहने पर भी वह नहीं मानते. हाँ यह ज़रूर कहते हैं कि हम आपके लिए कल सुबह की फ़्लाइट बुक कर सकते हैं. अगले दिन मैं सुबह आठ बजे अहमदाबाद पहुँचता हूँ. अपना सामान होटल में रख कर मैं अपने कॉलेज के एक दोस्त से मिलने जाता हूँ जो गुजरात का एक बड़ा पुलिस अधिकारी है. वह मेरे लिए एक कार का इंतज़ाम करता है और हम गोधरा के लिए निकल पड़ते हैं. मैं देखता हूँ कि प्रमुख चौराहों पर लोग धरने पर बैठे हुए हैं. मेरा मन करता है कि मैं इनसे बात करूँ. लेकिन फिर सोचता हूँ पहले शहर से तो बाहर निकलूँ.अभी मिनट भर भी नहीं बीता है कि मुझे दूर से करीब 200 लोगों की भीड़ दिखाई देती है. उनके हाथों में जलती हुई मशालें हैं. वे नारे लगाते हुए वाहनों को रोक रहे हैं. जैसे ही हमारी कार रुकती है हमें करीब 50 लोग घेर लेते हैं. मैं उनसे कुछ कहना चाहता हूँ लेकिन मेरा ड्राइवर इशारे से मुझे चुप रहने के लिए कहता है. वह उनसे गुजराती में कहता है कि हम बीबीसी से हैं और गोधरा में हुए हमले की रिपोर्टिंग करने वहाँ जा रहे हैं. काफ़ी हील हुज्जत के बाद हमें आगे बढ़ने दिया जाता है. डकोर में भी यही हालात हैं. इस बार हमें पुलिस रोकती है. वह हमें आगे जाने की अनुमति देने से साफ़ इनकार कर देती है. मेरा ड्राइवर गाड़ी को बैक करता है और गोधरा जाने का एक दूसरा रास्ता पकड़ लेता है.छुरे से वार



जल्दी ही हम बालासिनोर पहुँच जाते है जहाँ एक और शोर मचाती भीड़ हमें रोकती है. जैसे ही हमारी कार रुकती है वे हमारी तरफ़ बढ़ते हैं. कई लोग चिल्ला कर कहते हैं,'अपना आइडेन्टिटी कार्ड दिखाओ.'
मैं अपनी आँख के कोने से देखता हूँ मेरे पीछे वाली कार से एक व्यक्ति को कार से उतार कर उस पर छुरों से लगातार वार किया जा रहा है. वह ख़ून से सना हुआ ज़मीन पर गिरा हुआ है और अपने हाथों से अपने पेट को बचाने की कोशिश कर रहा है. उत्तेजित लोग फिर चिल्लाते हैं, 'आइडेन्टिटी कार्ड कहाँ है?' मैं झिझकते हुए अपना कार्ड निकालता हूँ और लगभग उनकी आँख से चिपका देता हूँ. मैंने अगूँठे से अंग्रेज़ी में लिखा अपना मुस्लिम नाम छिपा रखा है. हमारी आँखें मिलती हैं. वह दोबारा मेरे परिचय पत्र की तरफ़ देखता है. शायद वह अंग्रेज़ी नही जानता. तभी उन लोगों के बीच बहस छिड़ जाती है. एक आदमी कार का दरवाज़ा खोल कर उसमें बैठ जाता है और मुझे आदेश देता है कि मैं उसका इंटरव्यू रिकार्ड करूँ. मैं उसके आदेश का पालन करता हूँ. वह टेप पर बाक़ायदा एक भाषण देता है कि मुसलमानों को इस दुनिया में रहने का क्यों हक नहीं है. अंतत: वह कार से उतरता है और उसके आगे जलता हुआ टायर हटाता है.





कांपते हाथ






मैं पसीने से भीगा हुआ हूँ. मेरे हाथ काँप रहे है. अब मेरे सामने बड़ी दुविधा है. क्या मैं गोधरा के लिए आगे बढ़ूँ जहाँ का माहौल इससे भी ज़्यादा ख़राब हो सकता है या फिर वापस अहमदाबाद लौट जाऊँ जहाँ कम से कम होटल में तो मैं सुरक्षित रह सकता हूँ.लेकिन मेरे अंदर का पत्रकार कहता है कि आगे बढ़ो. जो होगा देखा जाएगा. सड़कों पर बहुत कम वाहन दौड़ रहे हैं. कुछ घरों में आग लगी हुई है और वहाँ से गहरा धुआं निकल रहा है. चारों तरफ़ एक अजीब सा सन्नाटा है. मैं सीधा उस स्टेशन पर पहुँचता हूँ, जहाँ ट्रेन पर आग लगाई गई थी. पुलिस के अलावा वहाँ पर एक भी इंसान नहीं हैं. चारों तरफ़ पत्थर बिखरे पड़े हैं. एक पुलिस वाला मुझसे उस जगह को तुरंत छोड़ देने के लिए कहता है.मैं पंचमहल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजू भार्गव से मिलने उनके दफ़्तर पहुँचता हूँ. वह मुझे बताते हैं कि किस तरह 7 बजकर 43 मिनट पर जब साबरमती एक्सप्रेस चार घंटे देरी से गोधरा पहुँची, तो उसके डिब्बों में आग लगाई गई. वह यह भी कहते हैं कि हमलावरों को गिरफ़्तार कर लिया गया है और पुलिसिया ज़ुबान में स्थिति अब नियंत्रण में है. मेरा इरादा गोधरा में रात बिताने का है लेकिन मेरा ड्राइवर अड़ जाता है. उसका कहना है कि यहाँ हालात ओर बिगड़ने वाले हैं. इसलिए वापस अहमदाबाद चलिए.टायर में पंक्चर



हम अपनी वापसी यात्रा पर निकल पड़ते हैं. अभी दस किलोमीटर ही आगे बढ़े हैं कि हम देखते हैं कि एक भीड़ कुछ घरों को आग लगा रही है. मैं अपने ड्राइवर से कहता हूँ, स्पीड बढ़ाओ. तेज़.... और तेज़!
वह कोशिश भी करता है लेकिन तभी हमारी कार के पिछले पहिए में पंक्चर हो जाता है. ड्राइवर आनन फानन में टायर बदलता है और हम आगे बढ़ निकलते हैं. हम मुश्किल से दस किलोमीटर ही और आगे बढ़े होंगे कि हमारी कार फिर लहराने लगती है. इस बार आगे के पहिए में पंक्चर है. हम बीच सड़क पर खड़े हुए हैं.... बिल्कुल अकेले. हमारे पास अब कोई अतिरिक्त टायर भी नहीं है. ड्राइवर नज़दीक के एक घर का दरवाज़ा खटखटाता है. दरवाज़ा खुलने पर वह उनसे विनती करता है कि वह अपना स्कूटर कुछ देर के लिए उसे दे दें ताकि वह आगे जा कर पंक्चर टायर को बनवा सके.क्रेडिट कार्ड ने जान बचाई


जैसे ही वह स्कूटर पर टायर लेकर निकलता है, मैं देखता हूँ कि एक भीड़ हमारी कार की तरफ़ बढ़ रही है. मैं तुरंत अपना परिचय पत्र, क्रेडिट कार्ड और विज़िटिंग कार्ड कार की कार्पेट के नीचे छिपा देता हूँ. यह महज़ संयोग है कि मेरी पत्नी का क्रेडिट कार्ड मेरे बटुए में है. मैं उसे अपने हाथ में ले लेता हूँ. माथे पर पीली पट्टी बाँधे हुए एक आदमी मुझसे पूछता है क्या मैं मुसलमान हूँ. मैं न में सिर हिला देता हूँ. मेरे पूरे जिस्म से पसीना बह निकला है. दिल बुरी तरह से धड़क रहा है. वह मेरा परिचय पत्र माँगता है. मैं काँपते हाथों से अपनी पत्नी का क्रेडिट कार्ड आगे कर देता हूँ. उस पर नाम लिखा है रितु राजपूत. वह इसे रितिक पढ़ता है. अपने साथियों से चिल्ला कर कहता है, 'इसका नाम रितिक है. हिंदू है.... हिंदू है... इसे जाने दो.'! इस बीच मेरा ड्राइवर लौट आया है. वह इंजन स्टार्ट करता है और हम अहमदाबाद के लिए निकल पड़ते हैं बिना यह जाने कि वह भी सुबह से ही इस शताब्दी के संभवत: सबसे भीषण दंगों का शिकार हो चुका है.

बाड़मेर, 28 फरवरी लापरवाही पर गम्भीर परिणाम


मुख्यमंत्री आवास योजना में 
लापरवाही पर गम्भीर परिणाम 
बाड़मेर, 28 फरवरी। राज्य सरकार की फ्लैगिप योजना मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास में समयबद्ध कार्य नहीं होने तथा लापरवाही करने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी तथा जिम्मेवारी सुनिचत की जाकर दोशी को बख्सा नहीं जाएगा। जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक में उक्त आाय के निर्दो दिए। 
इस अवसर पर जिला कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना मुख्यमंत्री आोक गहलोत की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजना है जिसकी वह स्वयं अपने स्तर पर मोनिटरिंग कर रहे हैं तथा प्रतिमाह प्रगति रिपोर्ट मांग रहे है। उन्होने योजना में बाडमेर जिले से संबंेिधत कार्यो की एक डोक्यूमेन्ट्री फिल्म बनाने के भी निर्दो दिए है तथा वे बाडमेर जिले में योजना के तहत हुए कार्यो को दो भर में दिखाना चाहते है इसलिए इस योजना में निर्धारित समय के तहत आवासों का निर्माण पूर्ण करा लिया जाए तथा प्रथम कित के पचात दूसरी कित जारी कर पूर्णता प्रमाण पत्र प्रेशित किये जाए। 
उन्होने बताया कि सर्वोच्च प्राथमिकता वाली इस योजना में तनिक भी लापरवाही बर्दात नहीं होगी तथा लक्ष्य पूरे नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ जिम्मेवारी तय कर 16 सीसीए के आरोप पत्र जारी कर दो वेतन वृद्धियां तुरन्त प्रभाव से रोकी जाएगी। इसलिए विकास अधिकारी दिन रात एक कर योजना के लक्ष्य हर हाल में हासिल करें। 
इस मौके पर भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई तथा गत माह तक प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा की गई। उन्होंने योजनाओं में स्वीकृत कार्यो तथा पूर्ण कार्यो की व्यापक चर्चा की तथा बकाया सी सी व यूसी तुरन्त जारी करने के निर्देश दिए। 
जिला कलेक्टर ने जिले में चार विकास खण्डों में संचालित बीएडीपी कार्यक्रम की विस्तृत चर्चा की। उन्होंने योजना के तहत जलदाय विभाग के गत वशोर के अपूर्ण कार्यो पर नाराजगी जताते हुए बकाया कार्यो के लिए विभागीय अधिकारियों को नोटिस जारी करने की हिदायत दी। उन्होने सांसद तथा विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत स्वीकृत कार्यो की तकनीकी मंजूरी में देरी को गम्भीरता से लेते हुए निर्धारित समय पर तकनीकी स्वीकृति जारी करने के निर्दो दिए ताकि समय पर वितीय स्वीकृतियां जारी कर कार्य पूर्ण करवाए जा सकें। उन्होने तकनीकी स्वीकृतियों में देरी पर जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही के निर्दो दिए। 
बैठक में मुख्यकार्यकारी अधिकारी छगनलाल श्रीमाली, अधिशी अभियन्ता आर.सी. मीणा समेत विकास अधिकारी तथा संबंध्िोत अधिकारी उपस्थित थे। 
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सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम 
दो करोड रूपये के सडक 
निर्माण कार्यो की स्वीकृति 
बाडमेर, 28 फरवरी। सीमान्त क्षैत्र विकास कार्यक्रम अन्तर्गत अधीक्षण अभियन्ता सार्वजनिक निर्माण विभाग वृत बाडमेर से प्राप्त सक्षम तकनीकी स्वीकृति के आधार पर सडक निर्माण के कार्यो हेतु दो करोड तरेपन हजार रूपये की वितीय स्वीकृति तथा प्रथम कित की राि हस्तान्तरण की स्वीकृति प्रदान की गई है। 
जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने बताया कि सा.नि.वि. खण्ड िव के माध्यम से बीएसएफ कांफ्रेन्स हॉल मुनाबाव में आन्तरिक सम्पर्क सडक निर्माण, देताणी से झैलून डामर सडक निर्माण तथा देताणी से मौसेरी डामर सडक निर्माण के कार्य हेतु कुल एक करोड पचपन लाख रूपये तथा सा.नि.वि. खण्ड बाडमेर के माध्यम से हनुमानपुरा से देदाणियों की ाणी तक डामर सडक निर्माण के कार्य हेतु पैतालीस लाख तरेपन हजार रूपये की वितीय स्वीकृति प्रदान की गई है। 
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अर्न्तराष्ट्रीय कॉल्स का इन्द्राज करने के निर्दो 


बाड़मेर,28 फरवरी। जिले में आपराधिक एवं अवांछनीय गतिविधियों पर रोक लगाने एवं दूर संचार के माध्यम से महत्वपूर्ण गोपनीय सूचनाएं प्रेशित करने से रोकने के लिए जिले की अन्तर्राश्ट्रीय सीमा के समीप स्थित क्षेत्रों के टेलीफोन बूथों पर की जाने वाली अन्तर्राश्ट्रीय फोन कॉल्स का इन्द्राज करना आवयक होगा। इस संबंध में जिला मजिस्ट्रेट डॉ. वीणा प्रधान ने पब्लिक टेलीफोन बूथों के धारकों को आदो जारी किए है। 
जिला मजिस्ट्रेट डॉ. प्रधान ने राष्ट्रीय उच्च मार्ग संख्या 15 के पश्चिम में स्थित सभी पीसीओ एवं बाड़मेर शहर के पीसीओ के माध्यम से किए जाने वाले अन्तर्राष्ट्रीय कॉल के लिए पीसीओ के मालिकों तथा एजेन्टों को पृथक से एक रजिस्टर आवश्यक रूप से संधारित करने के आदेश जारी करते हुए हिदायत दी है कि वे अपने बूथ से किए जाने वाले प्रत्येक अन्तर्राष्ट्रीय कॉल का पूर्ण विवरण सहित इन्द्राज करेंगे। जिला मजिस्ट्रेट द्वारा उन्हें यह भी हिदायत दी है कि वे उक्त प्रकार के कॉल करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के कॉल किए जाने से पूर्व निर्धारित प्रपत्र में सूचना प्राप्त करेंगे तथा रिकार्ड संधारित करते हुए सूचना प्रति सप्ताह संबंधित थानाधिकारी को आवश्यक रूप से प्रस्तुत करेंगे तथा इसकी सूचना क्षेत्र के उपखण्ड मजिस्ट्रेट को भी देंगे। साथ ही वे किसी संदिग्ध व्यक्ति द्वारा टेलीफोन करने पर उसकी सूचना तत्काल निकट के पुलिस थाना या पुलिस अधीक्षक को देंगे। 
बूथ धारकों द्वारा संधारित उक्त रजिस्टर की समय समय पर तहसीलदार, कार्यपालक मजिस्ट्रेट, पुलिस, सीमा सुरक्षा बल एवं सुरक्षा एजेन्सियों के अधिकारियों द्वारा जांच की जाएगी। उक्त आदेशों की अवहेलना करने पर संबंधित व्यक्ति को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्ड भुगतना पड़ सकता है। यह आदेश आगामी दो माह के लिए प्रभावशील रहेगा। 
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जिला ई मित्र सोसायटी की बैठक कल 
बाडमेर, 28 फरवरी। नागरिक सेवा केन्द्र तथा जिला ई मित्र सोसायटी की मासिक बैठक जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान की अध्यक्षता में गुरूवार को प्रातः 11.30 बजे कलेक्ट्रेट कांफ्रेन्स हॉल में आयोजित की जाएगी। 
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सोमवार, 27 फ़रवरी 2012

राजस्थान में भारतीय सेना का युद्घाभ्यास ॔शूर वीर’




राजस्थान में भारतीय सेना का युद्घाभ्यास ॔शूर वीर’ 

भारतीय सेना राजस्थान में युद्घाभ्यास ॔शूर वीर’ मार्च से मई 2012 में शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है, इस युद्घाभ्यास में दक्षिणपश्चिमी कमान के अधीन सभी फॉर्मेशन व यूनिटें एक संयुक्त सेवा वातावरण में युद्ध कौशल को और अधिक सुदृ़ करेंगे। 

युद्घाभ्यास एकीकृत थियेटर बैटल संकल्पना पर आधारित होगा जिसका नेतृत्व कोर स्ट्रइक वन द्वारा किया जाएगा, इसमें चेतक कोर भी शामिल होगी। युद्घाभ्यास में भारतीय वायुसेना की सकि्रय सहभागिता से ज्वाइन्ट सर्विस सिनर्जी में ब़ोतरी की जाएगी। इस युद्घाभ्यास में 20,000 सैनिक भाग लेंगे तथा यह अब तक का सबसे बड़ा सैनिक युद्घाभ्यास होगा। युद्घाभ्यास का लक्ष्य तमाम मैकेनाइज ऑपरेशनों को आक्रामक ऑपरेशनों की ओर द्रुत गति से संचालित करना है। आसूचना, चौकसी तथा गहन सर्वेक्षण का इस्तेमाल करके मानव रहित एरियल वैकिल, रडार व सैटेलाइट का इस्तेमाल करके युद्धक्षेत्र पारदर्शिता व ऑपरेशन प्लान के आधार पर रियल टाइम सिचुवेशन अवेयरनेस में वृद्धि की जाएगी। भविष्य में होने वाले युद्धों में हवाई उपस्कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, युद्घाभ्यास में थलसेना व वायुसेना के ब़ते हुए हवाई उपस्करों को भी संयुक्त तरीके से उपयोग में लाया जाएगा। 

युद्घाभ्यास राजस्थान के मालवा क्षेत्र में स्थित यूनिट व फॉर्मेशनों के फरवरीमार्च 2012 में लामबंदी के साथ ही शुरू हो जाएगा। इसके बाद यूनिट व फॉर्मेशन स्तर पर प्रशिक्षण होगा तथा अन्त में स्ट्रइक वन के जनरल ऑफिसर कमाण्डिंग के नेतृत में बड़े स्तर पर युद्घाभ्यास किया जाएगा। युद्धभ्यास के लिए युद्धक टैंक, इन्फैन्ट्री, कम्बैट वैकिल, लम्बी मारक क्षमता की आर्टिलरी बंदूकें, वायु रक्षा उपस्कर व रडार, यू ए वी, फाइटर जेट, ट्रन्सपोर्ट एयर क्राफ्ट, आक्रमण करने वाले हेलीकॉप्टर आदि युद्घाभ्यास क्षेत्र में स्थित किए जाएंगे। 

युद्घाभ्यास में बड़ी संख्या में अतिविशिष्ट व्यक्ति जिनमें सेना प्रमुख तथा थल सेना व वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, के उपस्थित होने की संभावना है। 

इस युद्घाभ्यास में दक्षिण पश्चिम कमान को अपनी संकल्पना, संगठनात्मक ाँचे तथा नये युग की तकनीकियों के साथ सामंजस्य बिठाने में मदद मिलेगी।