सोमवार, 30 जनवरी 2012

सोनार दुर्ग को बचाने के प्रयास तेज


सोनार दुर्ग को बचाने के प्रयास तेज

3 व 4 फरवरी को देश विदेश के विशेषज्ञ जुटेंगे जैसलमेर में


जैसलमे सोनार दुर्ग के संरक्षण व उसे बचाने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों दुर्ग की पहाड़ी के डाटा की लंदन में हुई जांच में सामने आया था कि तीन स्थानों पर भूकंप फॉल्ट जोन है और एक तरफ से पहाड़ी में मूवमेंट हो रहा है। उसके बाद जयपुर में हुए मंथन में सोनार दुर्ग के लिए प्राधिकरण बनाने का भी निर्णय लिया जा चुका है।

सूत्रों के अनुसार 3 व 4 फरवरी को सोनार दुर्ग की पहाड़ी में हो रही हलचल के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक जैसलमेर में होगी। इस बैठक में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक गौतम सैन गुप्ता, वल्र्ड वॉच मोन्यूमेंट न्यूयार्क से मार्क बेबर, कनाडा से सीनियर जीयोटेकनिकल कंसलटेंट डॉ. जॉन ह्यूज, सीनियर आर्चिटेक्चर समीर, शिखा जैन, बोम्बे कोलबेटरी अर्बन डिजायन एवं कंजरवेशन के डायरेक्टर जियोटेक्निकल वक्र्स एस.सी. देशपांडे, वल्र्ड वॉच मोन्यूमेंट की भारत में प्रतिनिधि अमिता बेग, एएसआई की डायरेक्टर कंजरवेशन जाहनवी शर्मा, नेशनल कल्चर फंड की यामिनी मोबाय, आईआईटी मद्रास व आईआईटी हैदराबाद के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ आरयूएसआईडीपी के कई उच्चाधिकारी हिस्सा लेंगे।

एक फरवरी से चौथे चरण की जांच

सोनार दुर्ग की पहाड़ी में हो रही हलचल की अंतिम चौथे चरण की जांच 1 फरवरी से शुरू होगी। पहाड़ में कई स्थानों पर बोरवेल कर इनहोलेटर से प्राप्त डाटा स्टडी के लिए लंदन भिजवाए जाएंगे। किले के स्टेबलाइजेशन का कार्य देखने वाली बोम्बे कोलबेटरी अर्बन डिजायन एंड कंजरवेशन के अधिकारी बताते हैं कि 1 फरवरी से शुरू हो रहे कार्य के दौरान 7-8 स्थानों पर बोरवेल कर इनहोलेटर नामक एक आधुनिक मशीन लगाकर हलचल की रीडिंग ली जाएगी।






बेशर्म शिक्षक, सेक्स के लिए कर डाली थी पत्नी की अदला-बदली

भावनगर। शहर में लगभग एक हफ्ते पहले हुई एक शिक्षक के कत्ल की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस ने हत्या में शामिल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी दी है। आरोपियों के अनुसार उन्होंने शिक्षक की हत्या इसलिए की, क्योंकि वह शारीरिक संबंध के लिए आरोपी और अपनी पत्नी के आदान-प्रदान करने की जिद कर रहा था। 
आरोपी द्वारा पुलिस को बताए अनुसार, सुभाष नगर में रहने वाले भद्रेशभाई खोडाभाई मकवाणा की पत्नी पर मृतक पिनाकिनभाई बुरी नजर रखता था। पिनाकिन पेशे से एक निजी स्कूल का शिक्षक था। जबकि आरोपी भद्रेशभाई प्लंबर का काम करता है। दोनों के बीच पिछले काफी समय से दोस्ती थी। इसके अलावा शिक्षक पिनाकिन अक्सर भद्रेश की आर्थिक मदद भी किया करता था।


भद्रेश के अनुसार पिनाकिन रंगीन मिजाज का व्यक्ति था। कुछ दिन पहले ही पिनाकिन ने भद्रेश से मांग की थी कि वे दोनों सेक्स के लिए अपनी-अपनी पत्नियों का आदान-प्रदान कर लेते हैं। इसी बात को लेकर पिनाकिन कई दिनों से भद्रेश के पीछे पड़ा हुआ था, जिससे तंग आकर भद्रेश ने उसकी हत्या का षड़यंत्र रचा।

योजना के तहत लगभग 8 दिन पहले भद्रेश ने फोन कर पिनाकिनभाई को अपने एक नए मकान में यह कहकर बुलाया कि वह अपनी पत्नी को लेकर यहां आ गया है। जबकि पिनाकिन की हत्या के लिए भद्रेश ने राजेश उर्फ राजू जयंतीभाई नामक एक दोस्त को यहां पर बुला लिया था। जब पिनाकिन यहां पहुंचा तो दोनों ने जहरीला इंजेक्शन लगाकर उसे बेहोश कर दिया। बेहोशी की हालत में पिनाकिनभाई की गला दबाकर हत्या कर दी और नगA कर शव मंे आग लगा दी।

पुलिस ने मृतक की पहचान चेन, अंगूठी व अन्य कुछ वस्तुओं द्वारा की थी। मामले की जांच कर रही पुलिस आखिरकार आरोपियों तक पहुंच गई और घटना का पर्दाफाश हुआ।


भंवरी का अपहरण होते अपनी आंखों से देखा था अमरचंद ने!

जोधपुर. अमरचंद ने सोहनलाल से 10 लाख रु. में अपनी पत्नी भंवरी के अपहरण का सौदा किया था, मगर उसे 1 लाख रुपए ही मिले। बताया जाता है कि बाकी पैसा पहुंचाने का जिम्मा पुखराज का था।

 

डील के मुताबिक अपहरण के दिन जब सोहनलाल व शहाबुद्दीन भंवरी को लेकर सोजतीगेट बस स्टैंड पर चाय-नाश्ता कर रहे थे तब पुखराज भी एक व्यक्ति के साथ दूसरी बोलेरो में दूर बैठा था। संभवत: वह दूसरा व्यक्ति अमरचंद था, जिसने अपनी आंखों से भंवरी के अपहरण होते हुए देखा था।


अमरचंद को असल में कितना पैसा दिया गया, यह छानबीन रविवार को जेल में की गई। सीबीआई ने जेल में पुखराज- व दिनेश को सोहनलाल तथा अमरचंद से रू-ब-रू करवाकर करीब दो घंटे तक पूछताछ की।






सोहनलाल व अमरचंद से हुई पूछताछ में यह बात तो सामने आ गई कि अमरचंद भी इस साजिश का हिस्सा था। अमरचंद अपहरण के लिए तो राजी था, मगर हाथापाई में भंवरी की मौत हो गई, यह उसे नहीं बताया गया।




सौदे की असल रकम की जानकारी को लेकर तीनों से अलग--अलग बातें सामने आई है। इस काम में पुखराज का साथ उसके चचेरे भाई दिनेश ने दिया था इसलिए सीबीआई ने दिनेश के पिता बाबूलाल को भी लगातार दूसरे दिन सर्किट हाउस बुला कर पूरे दिन पूछताछ की।

लड़की भगाई तो बेटी-भतीजी सौंपने की मिली सजा



हैदराबाद. पाकिस्‍तान के हैदराबाद में एक शख्‍स को सजा के तौर पर उसकी बेटी और भतीजी को बतौर हर्जाना सौंपने का हुक्‍म सुनाया गया है। यह फैसला जिरगा की ओर से सुनाया गया है। अली हुसैन रिंड तीन महीने पहले शबाना के साथ भाग गए थे। वे शादी करके गांव लौटे तो गांव वालों ने उन्‍हें अपनाने से इनकार कर दिया। इसके बाद रिंड समुदाय की ओर से अकबर अली रिंड की अगुआई में जिरगा की बैठक हुई।शनिवार को हुई इस बैठक में तय हुआ कि अली को बतौर हर्जाना अपनी बेटी और भतीजी को शबाना के परिवार वालों को सौंप देना चाहिए। साथ ही उस पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जिरगा के फैसले के बाद 17 साल की फेहमिदा और 12 साल की जरीना को शबाना के भाई के हवाले कर दिया गया। हालांकि पुलिस ऐसी घटना से इनकार कर रही है। उसका यह भी कहना है कि फेहमिदा और जरीना नाबालिग नहीं हैं। एसएसपी मुहम्‍मद अली बलूच का दावा है कि उन्‍होंने लड़कियों के जन्‍मदिन के बारे में ठोस तहकीकात की है।

पपीते के असरदार नुस्खे : ये मोटापा और स्किन प्रॉब्लम्स के लिए है रामबाण

पपीता को पेट के लिए वरदान माना गया है। कहते हैं पेट के रोगों को दूर करने के लिए पपीते का सेवन करना लाभकारी होता है। पपीते के सेवन से पाचनतंत्र ठीक होता है। पपीते का रस अरूचि, अनिद्रा (नींद का न आना), सिर दर्द, कब्ज व आंवदस्त आदि रोगों को ठीक करता है। पपीते का रस सेवन करने से खट्टी डकारें बंद हो जाती है। पपीता पेट रोग, हृदय रोग, आंतों की कमजोरी आदि को दूर करता है। पके या कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर खाना पेट के लिए लाभकारी होता है।
 

पपीते के पत्तों के उपयोग से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है और हृदय की धड़कन नियमित होती है। पपीता में विटामिन ए, बी, डी, प्रोटिन, कैल्सियम, लौह तत्व आदि सभी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।पपीता वीर्य को बढ़ाता है, पागलपन को दूर करता है एवं वात दोषों को नष्ट करता है। इसके सेवन से जख्म भरता है और दस्त व पेशाब की रुकावट दूर होती है। कच्चे पपीते का दूध त्वचा रोग के लिए बहुत लाभ करता है। पका पपीता पाचन शक्ति को बढ़ाता है, भूख को बढ़ाता, पेशाब अधिक लाता है, मूत्राशय के रोगों को नष्ट करता है, पथरी को लगाता है और मोटापे को दूर करता है। पपीता कफ के साथ आने वाले खून को रोकता है एवं खूनी बवासीर को ठीक करता है।



इसमें पेप्सिन नामक तत्व पाया जाता हैं। जो भोजन को पचाने में मदद करता है। पपीता का सेवन रोज करने से पाचन शक्ति में वृद्धि होती है। चूंकि सारे रोगों का कारण पेट के सही ना होने के कारण होता है इसलिए पपीते का सेवन रोज करना चाहिए। पपीता खाने से वजन कम हो जाता है। पपीते का प्रयोग लोग फेस पैक में करते हैं। पपीता त्वचा को ठंडक पहुंचाता है। पपीते के कारण आंखो के नीचे के काले घेरे दूर होते हैं।कच्चे पपीते के गूदे को शहद में मिलाकर चेहरे पर लगाने से कील-मुंहांसो का अंत होता है।



कच्चे पपीते की सब्जी खाने से याददाश्त बढ़ती है। जबकि पपीते का जूस पीने से मनुष्य में यौन शक्ति की वृद्धि हो जाती है। पपीता ऐसा फल है जो ना तो काफी महंगा होता है और ना ही मुश्किल से मिलता है इसलिए पपीते का सेवन हर व्यक्ति को रोज करना चाहिए। सिर्फ एक महीने नियमित रूप से आप पपीता खाइये फर्क आप खुद ही महसूस करेगें और सबसे कहेगें कि पपीता खाओ और काम पर जाओ। समय से पूर्व चेहरे पर झुर्रियां आना बुढ़ापे की निशानी है। अच्छे पके हुए पपीते के गूदे को उबटन की तरह चेहरे पर लगायें। आधा घंटा लगा रहने दें। जब वह सूख जाये तो गुनगुने पानी से चेहरा धो लें तथा मूंगफली के तेल से हल्के हाथ से चेहरे पर मालिश करें। ऐसा कम से कम एक माह तक नियमित करें। हृदय रोगियों के लिए भी पपीता काफी लाभदायक होता है।