मंगलवार, 30 अगस्त 2011

बाड़मेर न्यूज़ बॉक्स .........आज की तजा खबरे 30 agust


गडरारोड का संजय छठे स्थान पर 
 

बाड़मेर। राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से घोषित आरएएस के परीक्षा परिणाम में बाड़मेर जिले के सरहदी गडरारोड कस्बे के संजय कुमार छठे स्थान पर रहे है। गडरारोड के शिक्षक जगदीश चंद्र वासु के पुत्र संजय ने इस उपलब्घि पर खुशी जाहिर करते हुएबातचीत में कहा कि यह उनका सपना था।

संजय ने बताया कि वे नेट,स्लेट और बीएड कर चुके हैं,लेकिन उनका लक्ष्य आरएएस बनना था। पहले प्रयास में सफल नहीं हुआ,लेकिन असफलता से हताश नहीं होकर फिर से मेहनत की और इस बार प्रयास रंग लाए। संजय ने कहा कि उनके माता-पिता ने पढाई के लिए पूरा सहयोग किया और हर समय प्रोत्साहित किया। संजय की प्राथमिक शिक्षा गडरारोड में और स्नातक की शिक्षा बाड़मेर में हुई।

जानलेवा हमले के पांच फरार आरोपी गिरफ्तार
बालोतरा। मेगा स्टेट हाइवे पर एक होटल मालिक पर जानलेवा हमले के आरोप में फरार चल रहे पांच नामजद आरोपियों को बालोतरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन्हें मंगलवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा। थानाधिकारी लूणसिंह भाटी के अनुसार मेगा स्टेट हाइवे पर मामूली कहासुनी के बाद एक लग्जरी कार में सवार होकर आए हथियारबंद आरोपियों ने होटल संचालक जेठाराम पुत्र खीमाराम निवासी बालोतरा पर जानलेवा हमला कर उसे गंभीर घायल कर दिया था।

इसको लेकर पीडित के भाई गोपाल ने भंवरनाथ पुत्र तेजनाथ, अमित उर्फ हनी पुत्र नंदलाल, गोपालसिंह पुत्र विरधसिंह, हर्ष पुत्र चंद्रदान, भैरूसिंह पुत्र भीखसिंह के खिलाफ जानलेवा हमले का मामला दर्ज करवाया था। वारदात के बाद से सभी नामजद आरोपी फरार चल रहे थे। इन आरोपियों के शहर में बढ़ते इन आरोपियों के आंतक पर अंकुश लगाने, इन्हें तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार कर सख्त कार्यवाही करने की मांग को लेकर माली समाज बालोतरा, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों, जन प्रतिनिधियों व विभिन्न समाज के हजारों लोगों ने उपखंड कार्यालय के आगे विरोध प्रदर्शन किया था।


मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में चेतावनी दी गई थी कि एक सप्ताह के भीतर नामजद बदमाशों को गिरफ्तार कर इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही नहीं की गई तो बालोतरा की जनता द्वारा आंदोलन किया जाएगा। बढ़ते जन आक्रोश व दबाव को देखते हुए पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के लिए पूरी ताकत झोंक दी। सोमवार को इन सभी नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

रात में आधे घंटे जमकर बारिश

बरसात के दौरान बिजली हुई गुल, सड़कों पर भी छाया अंधेरा

बाड़मेर दिन भर उमस और तेज गर्मी के बाद सोमवार को देर शाम जिलेभर में अच्छी बारिश हुई। शहर में रात सवा नौ बजे शुरू हुई मूसलाधार बारिश के बाद सड़कों पर पानी जमा हो गया। इस दौरान शहर के कई इलाकों में बिजली गुल हो गई। स्ट्रीट लाइट के भी गुल हो जाने से सड़कों पर अंधेरा छा गया। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

सोमवार रात करीब आठ बजे बूंदाबांदी का दौर शुरू हुआ। फिर रात करीब सवा नौ बजे तेज बारिश शुरू हुई। करीब आधे घंटे तक अच्छी बारिश हुई। बारिश के बाद सड़कों पर पानी जमा हो गया। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

जिलेभर में बारिश

शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी अच्छी बारिश के समाचार हैं। बायतु मुख्यालय पर रात आठ बजे बूंदाबांदी शुरू हुई, जो दस-पंद्रह मिनट चली। इसके बाद रात करीब पौने दस बजे फिर बरसात हुई। कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश से हवा में गुलाबी ठंडक घुल गई। इसके अलावा कोलू, पनावड़ा, कानोड़, चिडिय़ा, सणतरा, जाजवा, अकदड़ा, बायतु पनजी, भोपजी और चिमनजी सहित आसपास के गांवों में अच्छी बारिश हुई। वहीं सिणधरी, पांयला, सड़ा, भाटाला, गोलिया जैतमाल, नेहरों की ढाणी सहित आसपास के गांवों में सोमवार रात करीब साढ़े नौ बजे बूंदाबांदी शुरू हुई। चौहटन क्षेत्र के बिसारणिया और धनाऊ सहित आसपास के गांवों में अच्छी बारिश हुई। वहीं रात सवा दस बजे शिव, बिसूकला, धारवी, बलाई, भींयाड़, पूषड, गूंगा, राजडाल, देवका सहित आसपास के गांवों में मूसलाधार बारिश शुरू हुई। समाचार लिखे जाने तक ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश जारी थी, वहीं शहर में बूंदाबांदी का दौर चल रहा था।

बालोतरा 


; गुड़ामालानी उपखंड क्षेत्र में सोमवार दोपहर व शाम रिमझिम से मौसम खुशगवार हो गया। नेवरी में सुबह करीब एक घंटे तक झमाझम बारिश हुई।वहीं बालोतरा व थोब में बूंदाबांदी हुई। बालोतरा शहर में सोमवार शाम करीब 6 बजे बूंदाबांदी हुई। इसके बाद उमस बढ़ गई। दिन भर बादलों की आवाजाही व उमस से शहरवासियों को अच्छी बारिश की उम्मीद थी लेकिन शाम को थोड़ी देर हुई बूंदाबांदी के बाद बादल छट गए।

गुड़ामालानी. उपखंड क्षेत्र में सोमवार दोपहर व शाम को अच्छी बारिश हुई। इससे उमस व गर्मी से परेशान आमजन को राहत मिली।

थोब. नेवरी में सोमवार सुबह करीब एक घंटे तक झमाझम व थोब में हल्की बूंदाबांदी हुई। इस बार क्षेत्र में अच्छी बारिश होने से किसानों को अच्छे जमाने की आस जगी है। खेतों में इस बार बाजरा, मूंग, ज्वार आदि की फसलें अच्छी होने से किसानों के चेहरों पर खुशी नजर आ रही है।

वहीं क्षेत्र के किसान खेतों में निदान करते हुए देखे जा रहे हैं।

किसानों में खुशी

सोमवार देर शाम सहित सहित जिलेभर में हुई बारिश के बाद किसानों के चेहरे खिल उठे। वहीं सोमवार को बारिश के बाद फसलों अच्छी पैदावार की आस बंधी है।



जिनालयों में लगी कतार
बाड़मेर पर्यूषण पर्व के पांचवें दिन थार नगरी में तपस्या, तप एवं उपवास की बड़ी आराधना को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह देखा गया। सुबह से ही जिनालयों में दर्शन को लेकर भक्त कतार में खड़े अपनी बारी का इंतजार करते रहे। सुबह साढ़े पांच बजे चैत्य परिपाटी के साथ सामूहिक दर्शन के लिए हाथों में थाली लिए भक्तों को घंटों तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा।

खेतमल तातेड़ ने बताया कि पर्यूषण पर्व को लेकर गुणसागरसूरि साधना भवन में आचार्य कलाप्रभ सागर सूरीश्वर प्रवचन दे रहे हैं। इसी तरह जिन कांतिसागरसूरी आराधना भवन में साध्वी संयमनिधि पर्यूषण का महात्म्य बता रहे हैं।

तेरापंथ भवन में मंजू प्रज्ञा ने कल्प सूत्र पर प्रवचन दिया जिसे सुनने के लिए श्रावक-श्राविकाएं उमड़ पड़ीं। साध्वी ने भगवान महावीर के जन्म का प्रसंग सुनाया तो श्रावक एवं श्राविकाएं नृत्य करने लगीं। झूला झुलाने के लिए लोगों में होड़ सी लग गई। इससे पूर्व श्रद्धालुओं ने बोली बोलकर सपने उतारे। इसके बाद जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया गया। आराधना भवन में पालने की बोली का लाभ चंपालाल हीरालाल छाजेड़ परिवार ने लिया। पालणे के साथ साध्वी के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु लाभार्थी परिवार के घर जाकर नारियल की प्रभावना दी। सभी जिनालयों व दादाबाड़ी में भगवान की प्रतिमा एवं दादा गुरुदेव की प्रतिमा की आंगी रचाई गई।



Aarti Baba Ramdev ji ri

Khamma Khamma - Gopal Bajaj

जय बाबे री ....जय रुनीचा रा धनिया...खम्मा खम्मा अज़मल जी रा कंवरा ’’ आँध्यां ने आख्यां देवे म्हारा रामसापीर


जय बाबे री ....जय रुनीचा रा धनिया...खम्मा खम्मा अज़मल जी रा कंवरा
’’







मंगला आरती के साथ रामदेवरा मेला शुरू 

आँध्यां ने आख्यां देवे म्हारा रामसापीर

जैसलमेर सांप्रदायिक सदभावना के प्रतिक बाबा रामदेव का मेला शनिवार को मंगला आरती के साथ शुरू हुआ .हज़ारो श्रद्धालुओ और दर्शनार्थियों ने मेले के प्रथम दिन के सुबह दर्शन किये .बाबा तेरी जय बोलेंगे ,खम्मा खम्मा अज्मल्जी रा कंवारा ,जय रुनिचे रा धनिया के उद्घोष के साथ मेले का आगाज़ हुआ .चक चौबंद पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्थाओ के बीच लखी मेले में राजस्थान ,गुजरात और अन्य प्रान्तों से श्रद्धालु पहुंचे .

बाबा रामदेव जिसके दर पर हिन्दू-मुसलमान दोनों ही श्रद्धा और आस्था से सिर नवाते हैं ऐसे देवता कम ही होंगे। परमाणु विस्फोट के कारण देश-वि,देश में हलचल मचा देने वाला पोकरण इन दिनों ऐसी ही श्रद्धा, आस्था और विश्वास की स्वर लहरियों से गूँजता हुआ साम्प्रदायिक सद्भाव और एकता का प्रतीक बना हुआ है।
पोकरण से १३ किलोमीटर दूर रामदेवरा में हिन्दू, मुस्लिम एकता एवं पिछडे वर्ग के उत्थान के लिए पहल कर क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए प्रसिद्ध संत बाबा रामदेव की श्रद्धा में डूबे लगभग 15 लाख अनुयाई भक्ति सागर में गोते लगा रहे हैं। देश में ऐसे अनूठे मंदिर कम ही हैं जो हिन्दू मुसलमान दोनों की आस्था के केन्द्र बिन्दु हैं। बाबा रामदेव का मंदिर इस दृष्टि से भी अनुपम है कि वहां बाबा रामदेव की मूर्ति भी है और मजार भी। यह मंदिर इस नजरिये से भी सैकडों श्रद्धालुओं को आकृष्ट करता है कि बाबा के पवित्रा राम सरोवर में स्नान से अनेक चर्मरोगों से मुक्ति मिलती है। इन्हीं रामसा पीर का वर्णन लोकगीतों में ’’आँध्यां ने आख्यां देवे म्हारा रामसापीर‘‘ कह कर किया जाता है। श्रद्धालु केवल आसपास के इलाकों से ही नहीं आते वरन् गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से भी सैंकडों की संख्या में आते हैं। आधुनिक परिवहन सुविधाओं के बावजूद बीकानेर और जोधपुर जैसे इलाकों से १००-२०० किलोमीटर पैदल चल कर आने वाले भक्तजन भी आस्था की अलग ही कहानी कहते नजर आते हैं। प्रतिवर्ष भादवा शुक्ला द्वितीया से चलने वाला यह मेला भादवा शुक्ला एकादशी को सम्पन्न होता है। इस बार मेला 11 सितम्बर तक चलेगा। इन दिनों पैदल और वाहनों से सैंकडों यात्राी प्रतिदिन मेला स्थल पर पहुंच रहे हैं। बाबा रामदेव १४०९ विक्रम संवत की शुक्ल पंचमी को तोमर वंशीय अजमल जी और मैणादे के यहां जन्मे थे। किंवदन्ती है कि ये भगवान श्री कृष्ण का अवतार थे। श्रद्धालु इनके जन्म की कथा को कुछ यूँ बयान करते हैं। दिल्ली के शासक अनंगपाल के पुत्रा नहीं था। पृथ्वीराज चौहान उनकी पुत्राी का पुत्रा था। एक बार अनंगपाल तीर्थयात्राा को निकलते समय पृथ्वीराज चौहान को राजकाज सौंप गये। तीर्थयात्राा से लौटने के बाद पृथ्वीराज चौहान ने उन्हें राज्य पुनः सौंपने से इन्कार कर दिया। अनंगपाल और उनके समर्थक दुखी हो जैसलमेर की शिव तहसील में बस गये। इन्हीं अनंगपाल के वंशजों में अजमल और मेणादे थे। निसंतान अजमल दम्पत्ति श्री कृष्ण के अनन्य उपासक थे। एक बार कुछ किसान खेत में बीज बोने जा रहे थे कि उन्हें अजमल जी रास्ते में मिल गये। किसानों ने निसंतान अजमल को शकुन खराब होने की बात कह कर ताना दिया। दुखी अजमल जी ने भगवान श्री कृष्ण के दरबार में अपनी व्यथा प्रस्तुत की। भगवान श्री कृष्ण ने इस पर उन्हें आश्वस्त किया कि वे स्वयं उनके घर अवतार लेंगे। बाबा रामदेव के रूप में जन्में श्री कृष्ण पालने में खेलते अवतरित हुए और अपने चमत्कारों से लोगों की आस्था का केन्द्र बनते गये। लोक भावनाओं के अनुसार उन्होंने पीरों को उनके बर्तन मक्का मदीना से मंगवा कर चमत्कृत किया, भैरव राक्षस के आतंक से रामदेवरा के लोग को मुक्त कराया, बोयता महाजन के डूबते जहाज को बचाया। सगुना बाई के बच्चों को जीवित करना, अंधों को दृष्टि प्रदान करना और कोढयों को रोगमुक्त करना उनके अन्य चमत्कारों में से कुछ थे इसलिए आज भी लोग उनसे मनौतियाँ मांगते हैं और मनौती पूरी होने पर भेंट चढाते हैं। यहां माघ महिने में भी मेला भरता है जिसमें आस-पास के गांवों के लोग इकट्ठे होते हैं। रामदेवरा अथवा रूंणीचा धाम असल में रामदेव जी की कार्यस्थली रही है। यहीं उन्होंने रामसर तालाब खुदवाया, यहीं समाधि ली और अपने ३३ वर्ष के छोटे से जीवन में दीनदुखियों और पिछडे लोगों के कल्याण के लिए काम करके देवत्त्व प्राप्त किया। रामदेवरा किसी समय जोधपुर राज्य का गांव था जो जागीर में मंदिर को दे दिया गया था। इस गांव के ऐतिहासिक व प्रामाणिक तथ्य केवल यही तक ज्ञात हैं कि इसकी स्थापना रामदेवजी की जन्म तिथि और समाधि दिवस के मध्य काल में हुई होगी। वर्ष १९४९ से यह फलौदी तहसील का अंग बन गया और बाद में जैसलमेर जिले की पोकरण तहसील बन जाने पर उसमें शामिल कर दिया गया। रामदेव जी के विवाह की गाथा लोकगीतों में आती है पर संतान व अन्य तथ्यों की पुष्टि नहीं होती। इनका विवाह निहाल दे नामक महिला से हुआ था। डाली बाई और हरजी भाटी इनके अनन्य भक्तों में से थे। डालीबाई का मंदिर रूंणीचे में बाबा की समाधि के पास बना है। कहते हैं कि डालीबाई बाबा रामदेव को टोकरी में मिली थी। रामदेवजी के वर्तमान मंदिर का निर्माण १९३१ में बीकानेर के महाराजा श्री गंगासिंह जी ने करवाया था। इस पर उस समय ५७ हजार रुपये की लागत आई थी। भादवा शुक्ला द्वितीया से भादवा शुक्ला एकादशी तक भरने वाले इस मेले में सुदूर प्रदेशों के व्यापारी आकर हाट व दूकानें लगाते हैं। पैदल यात्रिायों के जत्थे हफ्तों पहले से बाबा की जय-जयकार करते हुए अथक परिश्रम और प्रयास से रूंणीचे पहुंचते हैं। लोकगीतों की गुंजन और भजन कीर्तनों की झनकार के साथ ऊँट लढ्ढे, बैलगाडयां और आधुनिक वाहन यात्रिायों को लाखों की संख्या में बाबा के दरबार तक पहुंचाते हैं। यहां कोई छोटा होता है न कोई बडा, सभी लोग आस्था, भक्ति और विश्वास से भरे, रामदेव जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचते हैं। यहां मंदिर में नारियल, पूजन सामग्री और प्रसाद की भेंट चढाई जाती है। मंदिर के बाहर और धर्मशालाओं में सैकडों यात्रियों के खाने-पीने का इंतजाम होता है। प्रशासन इस अवसर पर दूध व अन्य खाद्य सामग्री की व्यवस्था करता है। विभिन्न कार्यालय अपनी प्रदर्शनियां लगाते हैं। प्रचार साहित्य वितरित करते हैं और अनेक उपायों से मेलार्थियों को आकृष्ट करते हैं। मनोरंजन के अनेक साधन यहां उपलब्ध रहते हैं। श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ-साथ मेलार्थी अपना मनोरंजन भी करते हैं और आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी भी। निसंतान दम्पत्ति कामना से अनेक अनुष्ठान करते हैं तो मनौती पूरी होने वाले बच्चों का झडूला उतारते हैं और सवामणी करते हैं। रोगी रोगमुक्त होने की आशा करते हैं तो दुखी आत्माएं सुख प्राप्ति की कामना और यू एक लोक देवता में आस्था और विश्वास प्रकट करता हुआ यह मेला एकादशी को सम्पन्न हो जाता है

सोमवार, 29 अगस्त 2011

जेटर दुनिया में सबसे तेज दौड़ने वाली महिला


अमेरिका की कार्मेलिटा जेटर दुनिया में सबसे तेज दौड़ने वाली महिला बन गई हैं। जेटर ने 13वीं विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 100 मीटर रेस में पहला स्थान हासिल किया।

सोमवार को आयोजित फाइनल में जेटर ने बीते दो मौकों पर मिले कांस्य पदकों की निराशा से उबरते हुए 10.90 सेकंड में 100 मीटर दूरी नापी और एक इतिहास रच दिया। जेटर ने मौजूदा विश्व और ओलिंपिक चैम्पियन जमैका की शेली एन फ्रेजर को चौथे स्थान पर धकेल दिया।

जेटर और दूसरे स्थान पर रहीं जमैका की वेरोनिका कैम्पबेल ब्राउन (10.97 सेकेंड) के शानदार प्रदर्शन के कारण प्राइस को चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा।

प्राइस और तीसरे स्थान पर रहीं त्रिनिदाद एवं टोबैगो की कैली एन बैप्टाइज के बीच सेकंड के 200वें हिस्से का अंतर रहा। बैप्टाइज ने 10.98 सेकंड में यह रेसपूरी की जबकि प्राइस ने 10.99 सेकंड समय लिया।

उधर, बीजिंग ओलिंपिक में चैम्पियन बनकर उभरे क्यूबा के डॉयरान रोबल्स ने दिग्गजों की मौजूदगी में 110 मीटर बाधा दौड़ जीत ली। इस तरह रोबल्स मौजूदा ओलिंपिक और विश्व चैम्पियन बन गए हैं।

रोबल्स ने फाइनल में 13.14 सेकंड समय के साथ पहला स्थान हासिल किया जबकि अमेरिका के जेसन रिचर्ड्सन 13.16 सेकंड के साथ दूसरे स्थान पर रहे।

2003 यूथ चैम्पियनशिप में चैम्पियन रहे रिचर्ड्सन ने 2004 एथेंस ओलिंम्पिक चैम्पियन और 2007 के विश्व चैम्पियन चीन के जियान लियू को चौंकाकर दूसरा स्थान हासिल किया। लियू को 13.27 सेकंड के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा