सोमवार, 1 अगस्त 2011

बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है.....घृष्‍णेश्‍वर महादेव का मंदिर



महाराष्ट्र में औरंगाबाद के नजदीक दौलताबाद से 11 किलोमीटर दूर घृष्‍णेश्‍वर महादेव का मंदिर स्थित 
है. यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. कुछ लोग इसे घुश्मेश्वर के नाम से भी पुकारते हैं. बौद्ध भिक्षुओं द्वारा निर्मित एलोरा की प्रसिद्ध गुफाएं इस मंदिर के समीप ही स्थित हैं. इस मंदिर का निर्माण देवी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में इसे अंतिम ज्योतिर्लिंग कहते हैं. इसे घुश्मेश्वर, घुसृणेश्वर या घृष्णेश्वर भी कहा जाता है. घुश्मेश्वर महादेव के दर्शन करने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं तथा उसी प्रकार सुख-समृद्धि होती है, जिस प्रकार शुक्ल पक्ष में चन्द्रमा की.
दक्षिण देश के देवगिरि पर्वत के निकट नामक ब्राह्मण अपनी पत्नी सुदेश के साथ रहता था. वे दोनों शिव भक्त थे किंतु सन्तान न होने से चिंतित रहते थे. सुकर्मा ने पत्नी के आग्रह पर उसकी बहन घुश्मा के साथ विवहा किया जो परम शिव भक्त थी. शिव कृपा से उसे एक पुत्र धन की प्राप्ति हुई. इससे सुदेश को ईष्या होने लगी और उसने अवसर पा कर सौत के बेटे की हत्या कर दी. लेकिन घुश्मा ने भगवान् शिव की आराधना करना नहीं छोड़ा. अगले दिन शिवजी की कृपा से ही बालक जी उठा. उसी समय भगवान् शिव प्रकट हुए और घुश्मा से वर मांगने को कहने लगे. घुश्मा ने हाथ जोड़कर भगवान् शिव से कहा- 'प्रभो! यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो मेरी उस अभागिन बहन को क्षमा कर दें. निश्चित ही उसने अत्यंत जघन्य पाप किया है किंतु आपकी दया से मुझे मेरा पुत्र वापस मिल गया. अब आप उसे क्षमा करें और प्रभो! मेरी एक प्रार्थना और है, लोक-कल्याण के लिए आप इस स्थान पर सर्वदा के लिए निवास करें. भगवान् शिव ने उसकी ये दोनों बातें स्वीकार कर लीं. ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट होकर वह वहीं निवास करने लगे. उस तालाब का नाम भी तबसे शिवालय हो गया. सती शिवभक्त घुश्मा के आराध्य होने के कारण वे यहां घुश्मेश्वर महादेव के नाम से विख्यात हुए. कहते हैं घुश्मेश्वर-ज्योतिर्लिंग का दर्शन लोक-परलोक दोनों के लिए अमोघ फलदाई है

रविवार, 31 जुलाई 2011

बेशर्मी मोर्चा: महिलाओं ने की आवाज़ बुलंद अब पूनम पांडेय करेंगी स्लट वॉक


नई दिल्ली. एक महीने की तैयारी के बाद दिल्ली के युवाओं ने जंतर मंतर से स्लट वॉक (बेशर्मी मोर्चा) निकालकर समाज को महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलने का संदेश दिया। रविवार की सुबह साढ़े दस बजे जंतर मंतर से शुरू हुआ यह मोर्चा वापस जंतर मंतर पर ही लौट आया। जंतर मंतर पर ही स्लट वॉक खत्म हो गया। यहां नुक्कड़ नाटक के जरिए महिलाओं को कपड़े पहनने और काम करने की आज़ादी की मांग की गई।

इस कार्यक्रम में शामिल महिलाओं और लड़कियों का कहना है कि जंतर मंतर से महिलाओं के हक और सम्मान के लिए आवाज बुलंद हुई है। उनके मुताबिक स्लट वॉक यानी बेशर्मी मोर्चा समाज की मानसिकता बदलने की लड़ाई की शुरूआत भर है।

दूसरी ओर, मॉडल पूनम पांडे ने ऐलान किया है कि वह भी मुंबई में स्लट वॉक करेंगी। पूनम ने दिल्ली में हुए वॉक पर टिप्पणी करते हुए सोशल माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर यह जानकारी दी है। पूनम पांडेय क्रिकेट विश्व कप के दौरान अपने उस बयान के चलते मशहूर हुई थीं, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर भारत विश्व कप जीतेगा तो वह टीम इंडिया के सामने अपने सारे कपड़े उतार देंगी।