शनिवार, 30 जुलाई 2011

जैसलमेर , आज की ताजा खबर.


जैसलमेर. स्वर्णनगरी में सीजन की दस्तक के साथ ही सम स्थित रिर्सोट में भी पर्यटक उमडऩे शुरू हो गए है। रिर्सोट में आने वाले सैलानी यहां के पारंपरिक नृत्यों में इस प्रकार खो जाते है ओर अपने आप को रोक नहीं पाते खुद भी नृतकों के साथ नाचने लगते है......। सम स्थित एक रिर्सोट में कालबेलिया नृतक से नृत्य की भाव भंगिमाएं सीखते विदेशी सैलानी

आचार्य लोकेश को सांप्रदायिक सद्भावना पुरस्कार


आचार्य लोकेश को सांप्रदायिक सद्भावना पुरस्कार

विज्ञान भवन में समारोह में उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की मौजूदगी में प्रशस्ति पत्र व दो लाख रुपए प्रदान किए 


बाड़मेर जिले के पचपदरा के जन्मे जाए एवं अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डॉ. लोकेश मुनि को शुक्रवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भावना पुरस्कार प्रदान किया गया। उप राष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी ने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की मौजूदगी में उन्हें वर्ष 2010 के लिए घोषित इस पुरस्कार के तहत उन्हें प्रशस्ति पत्र व दो लाख रुपए का चैक प्रदान किया।
 

इस मौके पर आचार्य लोकेश की ओर से अहिंसा, शांति एवं सद्भाव की अलख जगाने के लिए देश ही नहीं, दुनिया के कई देशों में चलाए गए कार्यक्रमों की सराहना की गई। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता का संदेश भावी पीढ़ी को दिया जाना चाहिए। भारत विविधता में एकता का संदेश पूरी दुनिया को देता रहा है। उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि आचार्य लोकेश ने कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान चलाने सहित अहिंसा का संदेश फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आचार्य लोकेश ने कहा कि यह पुरस्कार वे देश की भावी पीढ़ी को समर्पित करते हैं। इससे पहले गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने स्वागत भाषण दिया तथा गृह राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने धन्यवाद दिया। इस पुरस्कार के लिए आचार्य लोकेश का चयन उप राष्ट्रपति की अध्यक्षता वाले निर्णायक मंडल ने किया था।
 

पचास वर्षीय आचार्य लोकेश वक्ता लेखक और समाज सुधारक है। आचार्य लोकेश हिंदू मुस्लिमों के बीच सदभावना को बढ़ावा देने, 2007 में डेरा सच्चा सौदा विवाद को सुलझाने व 2008 में हिंसक हो उठे। गुर्जर आंदोलन खत्म कराने में अहम भूमिका निभा चुके हैं।
 

उन्होंने राष्ट्रीय चरित्र निर्माण, मानवीय मूल्यों के उत्थान व नैतिक मूल्यों के प्रचार प्रसार के लिए 20 हजार से अधिक किलोमीटर की पदयात्राएं की हैं। गुलजारीलाल नंदा फाउंडेशन उन्हें नैतिक सम्मान व भारत निर्माण संगठन भास्कर पुरस्कार के साथ कैलिफोर्निया की असेंबली उन्हें की टू सिटी अवार्ड से सम्मानित कर चुकी है।

जुर्म तो है लेकिन मजबूरी भी, सरकार ने नहीं दिए रोजगार के विकल्प


छह बच्चे, पति के गुर्दे खराब ऐसे में
शराब को बनाया गुजारे का सहारा
जुर्म तो है लेकिन मजबूरी भी, सरकार ने नहीं दिए रोजगार के विकल्प

बाड़मेर
पति रासिंगाराम हथकढी शराब बना कर बेचने का काम करता था, बीते आठ सालों से पति गुर्दे की बीमारी के कारण चल फिर नहीं सकता लिहाजा पति के साथ अपने छह बच्चों के गुजारे के लिए मैंने इसी धंधे को गुजारे के लिए अपना लिया। 

यह कहानी है सांसियों का तला में रहने वाली राधा देवी की, जिसे शुक्रवार दोपहर कोतवाली पुलिस ने चौहटन चौराहे के पास चालीस बोतल हथकढ़ी शराब का परिवहन करते दबोच लिया। कोतवाल मनोज शर्मा ने बताया कि राधा देवी सवेरे एक थ्री-व्हीलर में सवार होकर देशी हथकढी शराब को बेचने के लिए हरिजनों के मोहल्ले में जा रही थी। इसके पास से चालीस बोतल शराब बरामद की है। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया।
 

मैं नहीं और भी हंै
 

थाने में राधा ने बताया कि वो अकेली ऐसी महिला नहीं है जो शराब बनाने और बेचने का काम करती है। ऐसी करीब दर्जन महिलाएं है जो हर सवेरे शहर में शराब बेचने आती है।
 


निजी बैंकिंग कंपनियों की जांच के लिए चलेगा विशेष अभियान


निजी बैंकिंग कंपनियों की जांच के लिए चलेगा विशेष अभियान
सतर्कता समिति की बैठक में कलेक्टर ने दिए निर्देश
बाड़मेर
गैर सरकारी निजी बैंकिंग कंपनियों एवं क्रेडिट को- ऑपरेटिव सोसायटीज की पड़ताल के लिए विशेष जांच अभियान चलाया जाएगा। जिला स्तरीय अभाव अभियोग एवं सतर्कता समिति की शुक्रवार को आयोजित बैठक में कलेक्टर गौरव गोयल ने ये निर्देश दिए।

उन्होंने कहा जिले के बैंकिंग क्षेत्र में गैर सरकारी एवं निजी फाइनेंसर एवं क्रेडिट को- ऑपरेटिव सोसायटीज की संख्या बढ़ रही है। ये संस्थाएं लोगों को अधिक ब्याज, कम समय में जमा धन दुगुना अथवा तीन गुना जैसी लुभावनी योजनाओं के जरिए गुमराह कर रही हैं। साथ ही ऊंची ब्याज दरों पर ऋण देकर जबरन वसूली सहित गैर कानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं। पुलिस के आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ अधिकारियों का दल बना कर इनकी जांच के लिए अभियान चलाया जाए।

उन्होंने लीड बैंक अधिकारी को भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से मान्यता प्राप्त संस्थाओं की सूची मंगाने, मान्यता के नियमों आदि की विस्तृत जांच करने को कहा। साथ ही बैंकिंग एवं सोसायटी की गतिविधियों से संबंधित मामलों की जानकारी एवं शिकायत सीधी उन्हें करने को कहा। सरकारी बैंकों में ऋण प्रक्रिया पर भ्रष्टाचार की बढ़ती शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए लीड बैंक अधिकारी से कड़ी कार्रवाई करने को कहा। वाहन चोरों के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश देते हुए नाकाबंदी कर कार्रवाई की जाए।
 

उन्होंने शाम आठ बजे के बाद अवैध शराब की बिक्री की रोकथाम के लिए पुलिस एवं आबकारी विभाग को त्वरित कार्रवाई करने की हिदायत दी। बैठक में जिले के कपूरडी गांव में बोथिया जागीर में सरकारी पड़त भूमि को गलत तरमीम करवा कर ओएनजीएसएल से करीब 33 लाख रुपए का मुआवजा दिलाने के प्रकरण में भूमि अवाप्ति अधिकारी को दुबारा जांच करने के निर्देश दिए गए। बैठक में जिला प्रमुख मदन कौर, विधायक कर्नल सोना राम चौधरी, मेवाराम जैन, पदमाराम मेघवाल, नगरपालिका अध्यक्ष उषा जैन, सहित संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

आकाशीय बिजली गिरने से युवक की मौत

आकाशीय बिजली गिरने से युवक की मौत 
 
बालोतरा। आकाशीय बिजली गिरने की दो अलग-अलग घटनाओं मे एक युवक व चार बकरियों की मौत हो गई। जबकि एक रहवासीय मकान बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। गुरूवार रात बरसात के दौरान ग्राम पंचायत गोपड़ी के वेदरलाई सरहद में एक किसान भंवरसिंह (30) पुत्र राणसिंह बकरियों को झोंपे में बांध रहा था।
 

इसी दौरान गिरी आकाशीय बिजली के कारण भंवरसिंह व चार बकरियों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर पचपदरा तहसीलदार शैतानसिंह राजपुरोहित, पचपदरा थानाधिकारी उगमराज सोनी, पंचायत समिति सदस्य बाबू खां कलर, पूर्व पंचायत समिति सदस्य श्रीराम गोदारा, समाजसेवी गुमानसिंह वेदरलाई, रहीम खां रिछोली, पटवारी भीखदान चारण मौके पर पहुंचे। मृतक के शव का मौके पर ही पोस्टमार्टम करवाया गया। इसी तरह पाटोदी कस्बे में गुरूवार देर रात विद्युत सब स्टेशन के समीप रहने वाले कंपाउडर लूंबाराम के रहवासीय मकान पर आकाशीय बिजली गिर गई।
 


नेशनल हाइवे पर पिस्तौल की नोक पर लूट


 




बाड़मेर । बाड़मेर-जोधपुर सड़क मार्ग पर स्थित चारलाई गांव के निकट अज्ञात लूटेरों ने पिस्तौल की नोक पर एक कार रूकवाकर लूट की वारदात को अंजाम दिया। लूट की वारदात से गुस्साए ग्रामीणों ने नेशनल हाइवे जाम कर दिया। रात करीब नौ बजे हुई लूट की वारदात के बाद से लेकर समाचार लिखे जाने तक मार्ग जाम था। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार बाड़मेर से जोधपुर जा रही एक कार का पचपदरा से सफेद रंग की बिना नम्बर प्लेट की स्कार्पियों ने पीछा करना शुरू किया। करीब तीस किमी दूर चारलाई गांव के निकट स्कार्पियों में सवार लोगों ने ओवरटेक कर कार को रूकवा दिया। स्कार्पियों से उतर कर अज्ञात लूटेरों ने पिस्तौल की नोक पर कार में सवार लोगों को नीचे उतरने का कहा। कार में सवार लोगों से रूपए एवं सोन की चैन छीन लिए। इस दौरान कार के चालक ने हिम्मत दिखाते हुए लूटेरों का मुकाबला किया।
 

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आरोपियों ने पिस्तौल से फायर भी किया जिसकी आवाज काफी दूर तक सुनाई दी। आरोपियों से हाथापाई के दौरान पिस्तौल नीचे गिर गई तथा आरोपी स्कार्पियों में बैठकर फरार हो गए। घटना की सूचना मिलते ही चारलाई एवं निकटवर्ती सरवड़ी गांव के ग्रामीण बड़ी संख्या में सड़क पर पहुंच गए।
 


पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए एवं आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नेशनल हाइवे जाम कर दिया। जाम करते ही सड़क मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतारें लग गई। घटना की सूचना मिलने के बाद कल्याणपुर थाने से पुलिस जाब्ता पहुंचा,लेकिन समाचार लिखे जाने तक आरोपियों का कोई सुराग नहीं लग पाया। सड़क मार्ग पर जाम भी जारी था

शनि शिगनापुर मंदिर की महिमा अपरंपार

 सूर्य पुत्र शनिदेव के धाम शनि शिगनापुर मंदिर की। शनिदेव के बारे में माना जाता है कि यदि शनि महाराज प्रसन्न हों तो सब कुछ अच्छा, लेकिन यदि ये कुपित हो गए तो इनकी कोध्राग्नि से बचना बेहद मुश्किल है। इसलिए शनिदेव के भक्त अपने ईष्ट को मनाने के लिए उन्हें तेल चढ़ाते हैं।


शनि शिगनापुर मंदिर की महिमा अपरंपार है। महाराष्ट्र के नासिक शहर के पास स्थित शिगनापुर गाँव में शनिदेव का प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर में शनिदेव की अत्यंत प्राचीन पाषाण प्रतिमा है। प्रतिमा को स्वयंभू माना जाता है। वास्तव में इस प्रतिमा का कोई आकार नहीं है। मूलतः एक पाषाण को शनि रूप माना जाता है।

शनिधाम शिगनापुर गाँव की भी एक रोचक लेकिन सत्य कथा है। माना जाता है इस गाँव के राजा शनिदेव हैं, इसलिए यहाँ कभी चोरी नहीं होती। इस गाँव के लोग अपने घर में ताला नहीं लगाते हैं, लेकिन उनके घर से कभी एक कील भी चोरी नहीं होती।

यहाँ के लोगों का मानना है कि शनि की इस नगरी की रक्षा खुद शनिदेव का पाश करता है। कोई भी चोर गाँव की सीमारेखा को जीवित अवस्था में पार नहीं कर सकता। गाँव के बड़े-बुजुर्गों को जोर देने पर भी याद नहीं आता कि उनके गाँव में चोरी की कोई छोटी-सी भी घटना हुई हो।

इसके साथ ही लोगों की आस्था है कि शिगनापुर गाँव के अंदर यदि किसी व्यक्ति को जहरीला साँप काट ले तो उसे शनिदेव की प्रतिमा के पास लाना चाहिए। शनिदेव की कृपा से जहरीले से जहरीले साँप का विष भी बेअसर हो जाता है।

शनि शिगनापुर मंदिर में शनिदेव के दर्शन करने, उनकी आराधना करने के कुछ नियम हैं। चूँकि शनिदेव बाल ब्रह्मचारी हैं, इसलिए महिलाएँ दूर से ही उनके दर्शन करती हैं। वहीं पुरुष श्रद्धालु स्नान करके, गीले वस्त्रों में ही शनि भगवान के दर्शन करते हैं।

तिल का तेल चढ़ाकर पाषाण प्रतिमा की प्रदक्षिणा करते हैं। दर्शन करने के बाद श्रद्धालु यहाँ स्थित दुकानों से घोड़े की नाल और काले कपड़ों से बनी शनि भगवान की गुड़िया जरूर खरीदते हैं। लोक मान्यता है कि घोड़े की नाल घर के बाहर लगाने से बुरी नजर से बचाव होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

कैसे जाएँ-
हवाई यात्रा- यहाँ का सबसे निकटतम हवाई अड्डा पूना में है, जो यहाँ से 160 किमी दूर है।
रेल- यहाँ का निकटतम रेलवे स्टेशन श्रीरामपुर है।
रोड- नासिक से यहाँ के लिए बस, टैक्सी आदि सुविधाएँ उपलब्ध हैं। मुंबई, पूना अहमदाबाद से यहाँ सड़क मार्ग से आया जा सकता है।

शुक्रवार, 29 जुलाई 2011

लड़के की मां से लिया बदला, घसीटकर सरेराह किया निर्वस्त्र

नारनौंद. गांव लोहारी राघो में एक लड़के पर गांव की एक विवाहिता को घर से भगाकर ले जाने के आरोप में कुछ लोगों ने आरोपी लड़के की मां को गली में घसीटा और निर्वस्त्र कर दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है। गांव में गुरुवार देर शाम तक पंचायत भी हुई। कल कोई फैसला होने की उम्मीद है।

नारनौंद अस्पताल में भर्ती महिला ने बताया कि 24 जुलाई की रात करीब आठ बजे जब वह घर पर बैठी थी तो गांव के ही टिम्मी गाबा, खरायती चावला, बिल्लू पुलिसिया, बाली, बिल्लू, बेदी, सुकली, पूर्ण व पिरथी व अन्य लोग वहां आए। उन्होंने शोर मचाते हुए उनके बेटे प्रवीन उर्फ काला के बारे में पूछा। उसका फोन नंबर मांगा।

आरोप है कि बेटे के बारे में जानकारी न होने की बात कहने पर ये लोग महिला को घर से घसीटते हुए गली में ले आए और उसे निर्वस्त्र कर दिया। ऐसा देख गांव की एक महिला बाहर आई और आरोपियों को रोका। इस पर आरोपी भाग गए। महिला ने उसे कपड़े ओढ़ाए और घर पहुंचाया।

दूसरी तरफ इस मामले में आरोपी पक्ष के लोगों का कहना है कि कुछ दिन पहले धर्मपाल रोहिला का बेटा प्रवीन उर्फ काला गांव की एक विवाहिता को घर से भगा कर ले गया था। दो दिन बाद यह महिला जींद में लावारिस हालत में मिली थी। पुलिस उसे घर छोड़ कर आई थी। इसके बाद ही युवक की मां से बदला लिया गया।

इस बारे में गांव के सरपंच ओम प्रकाश ने कहा कि जिस दिन घटना हुई, वह गांव में नहीं थे। अगर गांव में ऐसा हुआ तो गलत है। थाना प्रभारी ने बताया कि मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

जयपुर ने याद किया पूर्व राज माता को

जयपुर ने याद किया पूर्व राज माता को 
 
जयपुर। पूर्व राज माता गायत्री देवी की दूसरी पुण्यतिथि पर राजधानी जयपुर में याद किया जा रहा। उनकी याद में कई स्कूलों और संगठनों की तरफ से कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। गायत्री देवी की पुण्यतिथि के अवसर पर देश भर में उनकी फोटो की प्रदर्शनी यात्रा की शुरूआत की जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक इस प्रदर्शनी में तीन साल की गायत्री देवी से लेकर उनके अंतिम समय तक की तस्वीरें शामिल की जाएंगी। इसमें उनके बचपन, जवानी, चुनाव अभियान, खेल के प्रति प्यार, विशेष्ाकर पोलो और कारों के साथ उनकी तस्वीरें शामिल की गई हैं।

महाराजा सवाई जय सिंह बेनेवोलेंट ट्रस्ट के ट्रस्टी धमेंद्र कंवर ने बताया कि प्रदर्शनी में गायत्री देवी की कुल 160 तस्वीरों को शामिल किया गया है। ये उन्हीं के द्वारा चुनी गई थीं। सबसे पहले यह प्रदर्शनी गायत्री देवी के उन शहरों में पहुंचेगी जहां उन्होंने सबसे ज्यादा समय बिताया है।
 

नहीं रहे ध्रुपद के उस्ताद फहीमुद्दीन डागर

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नई दिल्ली।। प्रख्यात ध्रुपद गायक उस्ताद रहीम फहीमुद्दीन डागर का लम्बी बीमारी के बाद बुधवार रात निधन हो गया। उनके निधन के साथ ही भारतीय शास्त्रीय संगीत की एक स्वर्णिम आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई है। उन्हें प्रख्यात मुगल संगीतकार तानसेन के गुरु का वंशज कहा जाता था। वह 84 साल के थे।

डागर का एक निजी अस्पताल में लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया। देश के सबसे प्राचीन संगीत घरानों के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है। ध्रुपद के डागर घराने ने युवाओं को भी इस गायन शैली की ओर खूब आकर्षित किया है।

डागर को 23 अप्रैल को लकवा मारने के बाद अस्पताल में दाखिल कराया गया था।

वह डागर वाणी ध्रुपद संगीत विद्यालय के वरिष्ठ गुरु थे। उन्होंने छह दशकों से भी लम्बे समय तक दुनिया भर में यादगार प्रस्तुतियां देकर ध्रुपद की ऐतिहासिक विरासत को जीवित बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। डागर के परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटी हैं।

उन्हें 2008 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था, 2010 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी रत्न पुरस्कार मिला। उनका जन्म 1927 में राजस्थान के अलवर में हुआ था।

बनारसी साड़ी में कंडोम का इस्तेमाल!

बनारसी साड़ी में कंडोम का इस्तेमाल! 
 

नई दिल्ली। क्या आपको मालूम है कि भारत ही नहीं पूरी दुनिया में मशहूर बनारसी साडियों को बनाने के लिए आम तौर पर किन चीजों की जरूरत होती है? आपमें से अधिकतर का जवाब होगा- सिल्क के धागे, जरी, बॉबिन वाला करघा और इसके साथ ही एक अनुभवी बुनकर। लेकिन यदि हम आपको ये बता दें कि इन सबके अलावा भी एक और अहम चीज है, जिसका बनारसी साड़ी बनाने में सालों से इस्तेमाल किया जाता रहा है। चौंकिएगा मत।

आप मानें या न मानें पर यह सच है कि बनारसी साड़ी बनाने में "कंडोम" की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बनारस के एक बुनकर के अनुसार खासकर हैंडलूम की बनारसी साडियों में बॉबिन को चिकना बनाने के लिए "कंडोम" का इस्तेमाल किया जाता है। मोटे तौर पर एक अनुमान के मुताबिक बनारस के उन इलाकों में जहां पर बनारसी साडियों की बुनाई का काम सबसे अधिक होता है, रोजाना लगभग छह लाख कंडोम की खपत होती है।

कैसे होता है इस्तेमाल ?
बनारसी साड़ी बनाने वाले एक कारीगर महफूज आलम के अनुसार करघे पर काम करने वाला बुनकर कंडोम को बीच से काटने के बाद इसे बॉबिन पर घिसता है। कंडोम में मौजूद लुबरिकेंट बॉबिन को चिकना बना देता है, जिससे यह धागों के बीच काफी तेज गति से चलता है और बुनाई जल्दी-जल्दी होती है। आलम ने बताया कि "बनारसी साड़ी बनाने में कंडोम का इस्तेमाल किए जाने की इस तकनीक को किसने ईजाद किया, यह कोई नहीं जानता। लेकिन बनारस में जितने भी बुनकर है, लगभग वो सभी साड़ी बुनने में कंडोम का इस्तेमाल करते हैं।" आलम के मुताबिक बनारस में तकरीबन 1.5 लाख करघे हैं, जिन पर बनारसी साड़ी बुनने का काम किया जाता है और एक करघे पर रोजाना चार कंडोम इस्तेमाल किया जाता है।

फ्री व सस्ते ब्रांड का "जुगाड़"
बनारसी साड़ी बनाने के लिए इतनी भारी मात्रा में कंडोम के बंदोबस्त की कहानी भी दिलचस्प है। आलम के अनुसार परिवार नियोजन के लिए मुफ्त में बांटी जाने वाले कंडोम बनारसी साड़ी बुनने में इस्तेमाल किए जाते हैं। बनारस में ऎसे कई एनजीओ और सरकारी संस्थाएं हैं, जो फैमिली प्लानिंग के क्षेत्र में काम कर रही हैं। साड़ी बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कंडोम के लिए बुनकर आमतौर पर यहां से मिलने वाले मुफ्त कंडोम पर निर्भर करते हैं। इसके अलावा सस्ते ब्रांड के कंडोम भी बुनकरों द्वारा खरीदे जाते हैं। लेकिन बुनकर कंडोम तभी खरीदता है, जब फ्री में मिलने की गुंजाइश नहीं बची हो। बुनकरों से बनारस में संचालित हेल्थ सेंटर्स के कर्मचारियों से अच्छी मिली-भगत होती है और इस जुगाड़ की बदौलत वो काफी अधिक मात्रा में कंडोम फ्री में हासिल करने में कामयाब हो जाते हैं। 

बीवी का सिर काटा और हाथ में लेकर कमरे से बाहर आया

family.jpgमुंबई।। मुंबई के नालासोपारा इलाके में एक दिल दहला देना वाला वाकया सामने आया। गुरुवार दोपहर करीब दो बजे यहां के बिलाल पाड़ा चॉल में रहने वाला चंद्रकांत आहिरे अपने कमरे से बाहर निकला तो उसके हाथ में उसकी बीवी का कटा हुआ सिर था और उसके हाथ व कपड़े खून से सने हुए थे। उसने अपनी बीवी और डेढ़ साल की बेटी संचिता का मर्डर कर दिया था।

चंद्रकांत को देखकर चॉल के लोगों में हड़बड़ी मच गई और लोग इधर उधर भागने लगे। कई लोगों को तो अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं हुआ। किसी ने पुलिस को बुलाया। शुरुआती जांच में पता चला कि चंद्रकांत को शक था कि उसकी बीवी संचिता का किसी और से अफेयर है। इस मामले में चंद्रकांत के पड़ोसी ने भी बताया कि वह अक्सर घर में शराब पीकर आता था और मारपीट करता था।

पुलिस जब चॉल में पहुंची तो आहिरे दरवाजा नहीं खोल रहा था। जब पुलिस ने खिड़की से झांक कर अंदर देखा तो पाया कि वह दोनों लाशों के पीछे बैठा था। जब वे दरवाजा तोड़कर अंदर गए तो उसने भागने की कोशिश न करते हुए अपना जुर्म कबूल लिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

लोगों ने फिर कहा "वाह ताज"

लोगों ने फिर कहा "वाह ताज" 
 

नई दिल्ली। दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल ने कमाई के मामले में सबको पछाड़ एक बार फिर अपनी बादशाहत साबित कर दी है। सूत्रों के मुताबिक 2010-11 में सरकार को पर्यटन स्थलों से 87.03 करोड़ की कमाई हुई। इसमें 19.89 करोड़ रूपए की आय के साथ ताजमहल पर्यटकों को आकर्षित करने में सबसे आगे है।

सूत्रों ने बताया कि ताजमहल के बाद आगरा फोर्ट इस मामले में सबसे आगे है। जिसने 10.42 करोड़ रूपए की आय अर्जित की है। तीसरे नंबर के दिल्ली के कुतुब मिनार ने 10.05 करोड़ रूपए की आय की है।

इस बीच, अकेले आगरा सर्कल के आठ स्मारकों से सरकार को 37.85 करोड़ की रिकॉर्ड आय हुई है। वहीं आगरा की आय भी 2009-10 की तुलना में तीन करोड़ का इजाफा हुआ है। यहां फतेहपुर सीकरी 5.73 करोड़ रूपए की कमाई के साथ तीसरे नंबर पर आ गया है।

दिल्ली सर्कल के दस स्मारक 22.95 करोड़ की आय के साथ कमाई के मामले में दूसरे स्थान पर है। यहां हुमायु का मकबरा 6.15 करोड़ रूपए, लाल किला 5.9 करोड़ रूपए, जंतर मंतर 30.25 लाख रूपए, पुराना किला 37.63 लाख रूपए, तुगलकाबाद 2.92 लाख रूपए, फि रोज शाह कोटला से 2.91 लाख रूपए की कमाई हुई है।

इसके बाद औरंगाबाद सर्कल के छह स्मारकों अजंता, एलोरा और औरंगाबाद की गुफाओं 4.27 करोड़ रूपए की कमाई की है। वहीं चेन्नई सर्कल के भुवनेश्वर, बंगलूरू और हैदराबाद ने 2.97 करोड़ रूपए कमाए हैं। 

फांसी के खिलाफ कसाब सुप्रीम कोर्ट में

फांसी के खिलाफ कसाब सुप्रीम कोर्ट में 
 

मुंबई। 26/11 हमलों के दोषी अजमल आमिर कसाब ने फांसी की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। सूत्रों के मुताबिक कसाब ने विशेष अनुमति याचिका के तहत हाई कोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। 

सूत्रों ने बताया कि आर्थर रोड जेल प्रशासन द्वारा दायर की गई यह याचिका सुप्रीम कोर्ट महासचिव को भेजी गई है। याचिका की रजिस्ट्री के बाद कोर्ट सुनवाई की तारीख निर्घारित करेगी। गौरतलब है कि विशेष अदालत द्वारा मुंबई हमलों के मामले में विशेष अदालत ने कसाब को फांसी की सजा सुनाई थी। इस फैसले को कसाब ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रख याचिका खारिज कर दी थी। 

उल्लेखनीय है कि कसाब मुंबई हमलों का एक मात्र जीवित आरोपी है जिसमे 166 लोग मारे गए थे जबिक 238 लोग घायल हुए थे। 

दो शावकों की मौत

दो शावकों की मौत 
 

भीनमाल। राजपुरा-दांतलवास गांवों के बीच सड़क मार्ग पर बुधवार रात्रि को अज्ञात वाहन की टक्कर से जरख के दो मादा बच्चों की मौत हो गई। सूचना पर वन विभाग के कार्मिकों ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर वाहन से जसवंतपुरा स्थित वन विभाग की चौकी में लाया गया। वहां डॉक्टरों से शवों का पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार किया गया।

क्षेत्रीय वन अधिकारी अनिलकुमार गुप्ता ने बताया कि गुरूवार सुबह दो जरख के शावकों की मौत की सूचना पर वहां पहुंचकर शव को कब्जे में लिया। प्रारंभिक तौर पर मौत अज्ञात वाहन की टक्कर से होना पाया गया। दोनों मादा शावकों की आयु करीब डेढ़ साल की थी