रविवार, 27 फ़रवरी 2011

बिना पुलिस सत्यापन के हथियार लाइसेंस जारी]o

 बाडमेर सीमावर्ती बाडमेर जिले में वर्ष 2002 और 2003 में जिला प्रशासन द्धारा हथियार अनुज्ञा पत्र जारी करने में ना केवल सारी अनियमितताऐं बरती बल्कि पूलिस विभाग द्धारा सत्यापन तक नहीं कराया गया।संवाददाता द्धारा की गई पडताल में सामने आया कि साल 2002 और 2003 में जिला प्रशासन द्धारा छ व्यक्तियों को पुलिस सत्यापन कराऐं बिना मनमर्जी से अनुज्ञा पत्र जारी कर दिए | गोरतलब बात हैं की इस सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय पाकिस्तान के आई एस आई दलालों को तों लाइसेंस जारी नहीं किए ।


अति जिला कलेक्टर द्धारा उपलब्ध कराई गई सुचना के अनुसार जिला प्रशासन द्धारा राजेन्द्रसिंह पुत्र प्रतापसिंह,चम्पालाल पुत्र करनाराम,गंगाराम पुत्र द्रोराराम प्रजापत,सुजानसिंह पुत्र प्रतापसिंह,विनोद कुमार पुत्र गागनदास निवासी जोधपुरएतथा अलीप कुमार पुत्र परमानन्द निवासी बाडमेर को पुलिस सत्यापन के बिना हथ्यिार अनुज्ञा पत्र जारी किऐं गऐ।इनमें से विनोद कुमार तथा दिलीप कुमार सस्त्र विक्रेता हैं। श्री गंगानगर में हथियार अनुज्ञा पत्र प्रकरण की र्तज पर ही बाडमेर के जिला प्रशासन द्धारा संदिग्ध लोगों को पूलिस सत्यापन कराऐं बिना अनुज्ञा पत्र जारी करना पूरे मामलें को संदेह के घेरे में लाती हैं।जिला पुलिस अधीक्षक संतोद्गा चालके ने बताया कि सस्त्र अनुज्ञा पत्र में आवेदन कर्ता का पुलिस सत्यापन कराया जाने का प्रावधान हे।

इसके बावजूद जिला कलेक्टर के विवके पर निर्भर हैं कि बिना पुलिस सत्यापन के अनुज्ञा पत्र जारी कर सकतें हैं। 6 मामलों में पूलिस सत्यापन ना कराना संदंह कें घेरे में पूरी प्रक्रिया आती हैं।श्री गंगानगर में हथियार अनुज्ञा पत्र जारी करने को लेकर मचे बवाल के बावजूद जिला प्रशासन द्धारा बिना पुलिस सत्यापन के अनुज्ञा पत्र जारी करने की उच्च स्तरीय जॉच होनी चाहिये ताकि पूरा प्रकरण की सच्चाई सामने आ सके। जिला कलेक्टर गोरव गोयल ने बताया कि मामले की जॉच अतिरिक्त जिला कलेक्अर को सौंप दी हैं

थार एक्सप्रेस में एक यात्री की मौत


बाड़मेर। भारत पाक के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस में शुक्रवार देर रात गुजरात निवासी एक यात्री की मौत हो गई। थार एक्सप्रेस से पाकिस्तान जाने के लिए 245 यात्री जोधपुर के उपनगरीय स्टेशन भगत की कोठी से शुक्रवार देर रात रवाना हुए थे।
थार एक्सप्रेस के इस फेरे में गुजरात के क'छ क्षेत्र के सिद्धिक इसाम ओडेचा (65) पुत्र हिसाक ओडेचा पाक के हैदराबाद जाने के लिए अपनी पत्नी के साथ सफर कर रहा थे। ट्रेन के बाड़मेर से आगे रामसर स्टेशन पहुंचने पर उसकी तबीयत ज्यादा ही खराब हो गई और मुनाबाव पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। मुनाबाव में थार के यात्रियों के लिए नियुक्त चिकित्सकों ने उसे तत्काल ए?बुलेंस से बाड़मेर के लिए रवाना किया। बाड़मेर में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
चिकित्सा सुविधा का अभाव
जोधपुर से मुनाबाव और मुनाबाव से जोधपुर के लिए 7-8 घंटों के सफर में थार के अन्दर मोबाइल चिकित्सा सुविधा नहीं है। पूर्व में भी थार एक्सप्रेस में सफर के दौरान तबीयत बिगड़ने से 4-5 यात्रियों की मौत हो चुकी है। मुनाबाव स्टेशन पर भी चिकित्सा के माकूल प्रबंध नहीं है।
243 यात्री गए
सिद्धिक की मौत होने और उसकी पत्नी के रूकने की वजह से 245 यात्री की जगह 243 थार यात्री पाक गए। पाक से भारत में 301 यात्री मुनाबाव पहुंचे। अगले फेरे से आगामी छह माह के लिए भारतीय थार पाक में जीरो लाइन स्थित रेलवे स्टेशन तक जाएगी।

राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए किए हस्ताक्षर


राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए किए हस्ताक्षर
जैसलमेर। राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर चल रहे अभियान के तहत शुक्रवार को हनुमान चौराहे पर मरूधर शिक्षण संस्थान की ओर से हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया। गौरतलब है कि प्रदेशभर में शुक्रवार को राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए यह अभियान शुरू किया गया था। इसी कड़ी में जैसलमेर के हनुमान चौराहे पर इसका आगाज हुआ। इस दौरान शहर के निवासियों ने राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने व मान्यता दिलाने के लिए अपने हस्ताक्षर कर समर्थन दिया।
हस्ताक्षर अभियान का श्रीगणेश पूर्व सांसद मानवेन्द्रसिंह व विधायक छोटूसिंह भाटी ने किया। अभियान में जैसलमेर सहित बाड़मेर व अन्य स्थानों से भी लोग शामिल हुए। इससे पूर्व हनुमान चौराहे पर राजस्थानी भाषा मान्यता मंच के सदस्य व सहयोगी संगठनों के सदस्यों ने भी अपने हस्ताक्षर किए और चौराहे से आवाजाही कर रहे लोगों को राज्य भाषा को मान्यता दिलाने के लिए हस्ताक्षर करने की अपील की। अभियान के दौरान स्थानीय बाशिंदों में काफी उत्साह देखने को मिला। 

शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाई,वसुन्धरा फिर बनी नेता प्रतिपक्ष









शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाई,वसुन्धरा फिर बनी नेता प्रतिपक्ष
करीब एक वर्ष के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे फिर से राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में नजर आएंगी। आखिरकार भाजपा विधायक दल ने वसुंधरा राजे को शनिवार को अपना नेता चुन लिया। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने इसकी घोषणा की।

सूत्रों के मुताबिक नंदलाल मीणा ने वसुंधरा राजे के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे भाजपा विधायक दल ने बहुमत से पारित कर दिया। वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू और थावरचंद गहलोत आज सुबह ही जयपुर पहुंचे थे।

वसुंधरा राजे, अरूण चतुर्वेदी समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने राज्य में पार्टी पर्यवेक्षक वेंकैया नायडू से चर्चा की। इस संबंध में प्रदेश के अन्य प्रमुख नेताओं के साथ ही पार्टी के विधायकों को भी प्रदेश मुख्यालय बुलाया गया था। जहां दोपहर बाद हुई भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद वसुन्धरा राजे को विधायक दल के नेता के रूप में चुने जाने की घोषणा कर दी गई।

गौरतलब है कि प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव की हार के बाद भाजपा ने प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे को केंद्र में महासचिव का पद सौंपा था और प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर को हटाकर अरूण चतुर्वेदी को प्रदेशाध्यक्ष बनाया था। इसके बाद विधायक दल के नेता के लिए केंद्र व प्रदेश में लगातार अन्य नेता के नाम पर जद्दोजहद जारी रही, लेकिन एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई। इस दौरान पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी को सदन में उपनेता के रूप में पार्टी की कमान सौंपी गई और प्रतिपक्ष के नेता का मामला तय नहीं हो पाया