बुधवार, 20 अप्रैल 2016

नई दिल्ली।प्रेग्नेंट वाइफ से ट्रेन में छेड़छाड़, पति ने 'प्रभु' से मांगी मदद



नई दिल्ली।प्रेग्नेंट वाइफ से ट्रेन में छेड़छाड़, पति ने 'प्रभु' से मांगी मदद
प्रेग्नेंट वाइफ से ट्रेन में छेड़छाड़, पति ने 'प्रभु' से मांगी मदद

रेल मंत्री सुरेश प्रभु एक बार मुसीबत में फंसे लोगों के लिए प्रभु की तरह सामने आए। अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस में प्रेग्नेंट महिला के साथ छेड़छाड़ और पति के साथ मारपीट के बाद 5 लड़कों को गिरफ्तार कर लिया गया। पति-पति ट्रेन में सफर कर रहे थे इस दौरान कोच में सवार कुछ लड़कों ने उनसे छेड़छाड़ की।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गया में रहने वाले पति-पत्नी मंगलवार को अजमेर से वापस लौट रहे थे। इसी दौरान ट्रेन में मौजूद लड़के महिला से छेड़खानी करने लगे। लड़के ट्रेन में कोल्ड ड्रिंक में शराब मिलाकर पी रहे थे।

पति ने इस बात की शिकायत टीटी से भी लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। परेशान होकर प्रेग्नेंट महिला के पति ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट करके मदद मांगी। प्रभु से मदद मांगने के बाद ट्रेन जैसे ही धनबाद रेलवे स्टेशन पर पहुंची। आरपीएफ ने पांचों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया।

जैसलमेर स्व. इंजि. तनेराम मेघवाल हमीरा की पंचम पुण्यतिथि पर किया रक्तदान



जैसलमेर स्व. इंजि. तनेराम मेघवाल हमीरा की पंचम पुण्यतिथि पर किया रक्तदान


जैसलमेर मेघवाल समाज नवयुवक मंडल संस्थान हमीरा के सदस्यों एवं अन्य समाजसेवियों ने स्व. इंजि. तनेराम मेघवाल की पंचम पुण्यतिथि पर स्थानीय जवाहिर चिकित्सालय में रक्तदान किया। अध्यक्ष कूम्पाराम मेघवाल हमीरा ने बताया कि नवयुवकों हरीष धनदेव, कूम्पाराम, पूनमाराम, लालूराम, छगनाराम, लक्ष्मणराम, मगाराम, आईदानराम, हजारा राम, धमेन्द्र, रमेष, जेठाराम, फब्बाराम, प्रेम, दामाराम, भूरा राम इत्यादि ने स्वेच्छा से इस पुण्य कार्य में रक्तदान कर सहयोग किया। गौरतलब हैं कि जिला प्रमुख अंजना मेघवाल के पति तनेराम मेघवाल नगर पालिका जैसलमेर में अभियन्ता के पद पर कार्यरत थे तथा अपने मधुर व मिलनसार स्वभाव के चलते बाड़मेर व जैसलमेर के स्थानीय लोगो के बीच भी काफी लोकप्रिय थे। सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के उपरान्त 20 अप्रेल 2011 को उनका देहान्त हो गया था।

मंगलवार, 19 अप्रैल 2016

डेल्टा प्रकरण की जाँच सीबीआई से कराने की सिफारिश की मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से



डेल्टा प्रकरण की जाँच सीबीआई से कराने की सिफारिश की मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से






बाड़मेर बहुचर्चित डेल्टा प्रकरण की जांच अब सीबीआई करेगी ,राज्य सरकार ने सिद्धांतः प्रकरण की जाँच सीबीआई से करने की सहमति डेल्टा के परिजनों को दे दी ,मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से आज डेल्टा के परिजन मिले और जाँच सीबीआई से कराने की मांग की




सूत्रानुसार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने केंद्र सरकार को गृह मंत्रालय के मार्फत डेल्टा प्रकरण की से कराने की हैं ,मुख्यमंत्री ने डेल्टा के परिजनों को सहमति दे दी थी ,

बाड़मेर जिला कलक्टर ने किया आंगनबाड़ी केन्द्रांे का आकस्मिक निरीक्षण,व्यवस्थाआंे मंे सुधार के निर्देश

बाड़मेर जिला कलक्टर ने किया आंगनबाड़ी केन्द्रांे का
आकस्मिक निरीक्षण,व्यवस्थाआंे मंे सुधार के निर्देश

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बाड़मेर जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने मंगलवार को विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रांे का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान कुछ स्थानांे पर कार्यकर्ताआंे के अनुपस्थित मिली। जिला कलक्टर ने संबंधित कार्यकर्ताआंे के खिलाफ कार्रवाई करने एवं उनको निर्धारित समय पर केन्द्र खोलने के निर्देशदिए है।
बाड़मेर,19 अप्रेल। जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने मंगलवार को बाड़मेर जिले मंे विभिन्न स्थानांे पर चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्रांे का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान कुछ केन्द्रांे पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनुपस्थित मिली। वहीं कई कार्यकर्ता यूनिफार्म मंे नहीं मिली। इसको गंभीरता से लेते हुए जिला कलक्टर ने समस्त आंगनबाड़ी केन्द्र प्रतिदिन निर्धारित समय प्रातः 8 से दोपहर 12 बजे तक खोलने के निर्देश दिए है। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं सहयोगिनियांे को निर्धारित यूनीफार्म मंे आने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक को पाबंद करने के निर्देश दिए गए है।
जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने मंगलवार को बंधुआ मजदूर कालोनी बाड़मेर आगोर मंे आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण किया। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनुपस्थित मिली। यहां सहायिका उपस्थित मिली। आसपास की महिलाआंे ने बताया कि आंगनबाड़़ी कार्यकर्ता अक्सर देर से आती है। इस पर इसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। इसी तरह कुड़ला आंगनबाड़ी केन्द्र पर एक भी बच्चा उपस्थित नहीं था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित थी। जबकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहयोगिनी अनुपस्थित मिली। शिवकर आंगनबाड़ी केन्द्र पर आशा सहयोगिनी अनुपस्थित मिली। केन्द्र पर आठ बच्चे उपस्थित थे, जबकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पानी लेने के लिए गई हुई थी, जो निरीक्षण के दौरान थोड़ी देर से केन्द्र पर पहुंची। गालाबेरी केन्द्र पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ,सहयोगिनी एवं सहायिका उपस्थित मिली। यहां पर प्री स्कूल गतिविधियां संचालित होती पाई गई। खेल एवं कविता के माध्यम से बच्चांे को जानकारी दी जा रही है। पंजीकृत बच्चांे की गतिविधियांे को देखने से पता चला कि यहां पर यह केन्द्र नियमित रूप से संचालित हो रहा है। इसी तरह श्रीराम डूडी की ढाणी केन्द्र पर कार्यकर्ता के साथ 12 बच्चे उपस्थित मिले। यहां पिछले दो माह से टीकाकरण के लिए एएनएम के नहीं आने की बात सामने आई। इस पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को संबंधित एएनएम को पाबंद करने के निर्देश दिए गए। रावतसर आंगनबाड़ी केन्द्र पर भी गतिविधियां संचालित होती पाई गई। यहां नामांकन के विरूद्व कम उपस्थिति पर कार्यकर्ता को बच्चांे की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। चवाणी मेघवालांे की ढाणी आंगनबाड़ी केन्द्र निर्माणाधीन भवन मंे संचालित होता पाया गया। यहां टीकाकरण के लिए रावतसर स्वास्थ्य केन्द्र पर जाने से होने वाली समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए गए। इंदिरा कालोनी आंगनबाड़ी केन्द्र पर सहायिका अनुपस्थित मिली। वहीं कार्यकर्ता की पोलियो अभियान मंे डयूटी होने के कारण उपस्थित नहीं थी। मौके पर गर्म पोषाहार तैयार था। केन्द्र पर अपूर्ण रिकार्ड को पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। आदर्श चवा आंगनबाड़ी केन्द्र पर कार्यकर्ता, सहयोगिनी एवं सहायिका यूनिफार्म मंे नहीं मिली। इस पर इनको यूनिफार्म मंे आने के लिए पाबंद किया गया। आकस्मिक निरीक्षण के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक सती चौधरी भी जिला कलक्टर के साथ रही। इसी तरह रबारियो की ढाणी आंगनबाड़ी केन्द्र पर पंजीकृत बच्चांे की अपेक्षा उपस्थिति कम होने पर इसमंे सुधार के निर्देश दिए गए। जिला कलक्टर शर्मा ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रांे का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाएगा। उन्हांेने कार्यकर्ता,सहयोगिनी एवं सहायिका को निर्धारित समय पर आंगनबाड़़ी केन्द्रांे को खोलने एवं निर्धारित यूनिफार्म मंे आने के साथ नियमित रूप से विभागीय निर्देशानुसार प्री स्कूल गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए है।

जोधपुर वकील की पत्नी से मूवी इंटरवल में छेड़छाड़, विरोध पर की धुनाई



जोधपुर वकील की पत्नी से मूवी इंटरवल में छेड़छाड़, विरोध पर की धुनाई
वकील की पत्नी से मूवी इंटरवल में छेड़छाड़, विरोध पर की धुनाई

हाईकोर्ट रोड पर शॉपिंग मॉल स्थित थिएटर में परिवार सहित मूवी देखने पहुंची महिला से इंटरवेल में चार-पांच युवकों ने न सिर्फ छेड़छाड़ की, बल्कि विरोध करने पहुंचे अधिवक्ता पति से मारपीट भी की। मामला बढ़ता देख सभी युवक अपनी दो मोटरसाइकिल छोड़ भाग निकले। उदयमंदिर थाने में मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस के अनुसार चौपासनी में हरिनगर निवासी एक अधिवक्ता रात को परिवार के साथ मूवी देखने हाईकोर्ट रोड पर मॉल स्थित थिएटर गया था, जहां इंटरवेल होने पर पत्नी कैंटीन की तरफ जाने लगी। तब रास्ते में चार-पांच युवक मौका पाकर पत्नी से छेड़छाड़ करने लगे। इस पर वह चिल्लाने लगी।

आवाज सुनकर पति भी वहां पहुंचा और छेड़छाड़ कर रहे युवकों के प्रति विरोध जताया। युवक भी आक्रोशित हो गए और पति से मारपीट करने लगे। अन्य लोगों के वहां जमा होने पर वे युवक भाग निकले। अधिवक्ता ने उदयमंदिर थाने पहुंच मामला दर्ज कराया।

वारदात के दौरान युवक अपने एक साथी को मोहम्मद आरिफ नाम से संबोधित कर रहे थे। युवकों की दो मोटरसाइकिल पार्र्किंग में ही रह गई। जिनके पंजीयन नम्बर के आधार पर जांच की जा रही है। मामले की जांच उप निरीक्षक दिनेश लखावत को सौंपी गई है।

28 साल से जैसलमेर के इस शख्स के सिर की हो रही तलाश, हाथ से उठा लेता था ऊंट!

28 साल से जैसलमेर के इस शख्स के सिर की हो रही तलाश, हाथ से उठा लेता था ऊंट!



यूं तो राजस्थान के हर इलाके और शहरों में लाखों किस्से कहानियां भरे पड़े हैं, लेकिन यहां जैसलमेर के रेगिस्तान में एक ऐसी कहानी दफन है, जिसे लोग अब भूल चले हैं। इसी खूबसूरत शहर और रेगिस्तान में मौजूद है सोनार किला, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लाखों टूरिस्ट आते हैं।
इसी सोनार किले के आस-पास के रेगिस्तान में मौजूद रेत के टीलों में एक कहानी छिपी हुई है, जिस पर वक्त की गर्त जम चुकी है और उस कहानी का राज़ आज भी एक राज़ ही बना हुआ है। इस कहानी का किरदार 60 साल का करणाराम है, जिसके इर्द-गर्द इस पूरी कहानी का ताना-बना बुना है। करणाराम के नाम दुनिया की दूसरी सबसे लंबी मूंछे रखने का गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है। वही 

 

जैसलमेर का मशहूर नड़ वादक था। करणाराम भील 80 के दशक में सोनार किले की शान हुआ करता था।

सोनार किले के पास बंज़र और रेतीली ज़मीन पर करणाराम की कब्र मौजूद है। लेकिन ये क़ब्र किसी आम कब्र की तरह नहीं है। बस कुछ पत्थरों से ढककर करणाराम को उसके बेटों ने इसी जगह दफना दिया था। हिंदू रीति-रिवाज़ के हिसाब से करणाराम का दाह संस्कार होना चाहिए था, लेकिन करणाराम के परिवार ने उसकी मौत के 28 साल गुज़रने के बाद भी आज तक उसका अंतिम संस्कार नहीं किया है। बस यही वो राज़ है जो करणाराम की पूरी कहानी को और उसकी मौत के राज़ को और भी गहरा देता है।
दरअसल करणाराम भील और सोनार किला एक दूसरे से जुड़े हैं। यही सोनार किला 28 साल पहले एक ख़ौफ़नाक, दर्दनाक और एक सनसनीखेज़ बदले का गवाह बना था। 2 अक्तूबर 1988 को करणाराम भील अपनी ऊंटगाड़ी पर पशुओं के लिए चारा लेने के लिए घर से निकला था। चारा लेने के बाद वो सोनार किले के पास से गुज़र रहा था। तभी अचानक कुछ लोगों ने उस पर हमला कर दिया। चूंकि हमला पीछे से हुआ था, इसलिए करणाराम संभल भी नहीं पाया और मौका देख कर करणाराम के दुश्मनों ने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। करणाराम के दुश्मनों ने उसकी हत्या करने के बाद जो किया वो और भी हैरान कर देने वाला है। करणाराम के क़त्ल के बाद उसके क़ातिल उसका कटा सिर अपने साथ ले गए, लेकिन उसके धड़ को उसकी ऊंटगाड़ी पर रखकर उसे घर की तरफ रवाना कर दिया।
सिर कट जाने के बाद करणाराम का बेजान जिस्म ऊंट गाड़ी पर उसके एयरफोर्स कोलोनी वाले घर तक पहुंचा। जब घर के पास ऊंटगाड़ी रुकी तो सभी हैरान रह गए। करणाराम की मौत हो चुकी थी, लिहाज़ा उसके परिवार ने उसके सिर की तलाश शुरू कर दी। जब करणामराम के परिवार ने पता करना शुरू किया तो उन्हें पता चला कि कुछ लोगों ने सोनार किले के पास करणाराम की हत्या कर दी थी। इसके बाद करणाराम के परिवार ने किले की बगल की झाड़ियों में इस उम्मीद के साथ करणाराम के सिर को तलाशना शुरू किया कि सिर मिलने के बाद वो अपने रीति-रिवाज़ों से उसका अंतिम संस्कार कर देंगे, लेकिन आज 28 साल बीतने के बाद भी करणाराम के परिवार को उसके सिर की ही तलाश है, ताकि वो करणाराम का अंतिम संस्कार कर सकें।
करणाराम के बेटे बोदूराम ने बताया कि दुनिया कहती है कि तुम्हारे पिता तो बिना सिर के ही दफन है। पुलिस से कह रहे हैं कि सिर ला दो। करणाराम के परिवार का मानना है कि करणाराम के क़ातिल उसका सिर काट कर सरहद पार ले गए थे, लेकिन 28 साल बीत जाने के बाद भी वो इस आस में करणाराम की क़ब्र के आस-पास मौजूद झाड़ियों में करणाराम के सिर की तलाश करते रहते हैं। करणाराम के एक और बेटे लखूराम ने कहा कि उनकी आत्मा भटकती है। हमें सिर ला दो, पाकिस्तान से दिलवा दो, नहीं तो आत्मा भटकती रहेगी।
सूत्रों के मुताबिक करणाराम की हत्या के बाद इंटिलेंस एजेंसिय़ों ने भी ये रिपोर्ट दी थी कि करणाराम का सिर काटने के बाद क़ातिल उसके सिर को धोरों के रास्ते पाकिस्तान ले गए थे, लेकिन एक ही रात में रेत के टीलों के एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट होने के चलते करणाराम का परिवार इस उम्मीद में धोरों के बीच खाली जगह पर सिर की खोज करता है कि हो सकता है कि क़ातिलों ने करणाराम के सिर को इन्हीं टीलों के बीच कहीं फेंक दिया हो। लेकिन करणाराम को जानने वाले लोगों का कहना है कि करणाराम जैसे ताकतवर इंसान को अकेले मारना आसान काम नहीं था। उसे साज़िश करके मारा गया था।
उसके बारे में ये कहा जाता था कि वो ऊंट को भी उठाने की ताकत रखता था। इतना ही नहीं जो शख्स अपने नड़ वादक के लिए दुनियाभर में मशहूर था, आखिर कोई क्यूं उस शख्स का क़त्ल करेगा। करणाराम पैदाइशी कलाकार नहीं था, बल्कि वो एक डकैत था। मीलों फैले रेगिस्तान में उसके नाम का खौफ था। क़ातिलों ने करणाराम का क़त्ल करने के बाद उसका सिर सिर्फ इसलिए कलम किया था कि वो उससे बदला ले सकें। करणाराम भील की छवि रेगिस्तान मे गब्बर सिंह जैसी थी। उसका चेहरा ऐसा था कि बच्चे डर जाते थे। गले में जहरीले सांप को लपेट लेता था। उस दौरान पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान औऱ अफगानिस्तान की महिलाएं बड़े शौक से नड़ वादन सुना करती थीं। डकैत करणाराम अफगानिस्तान की लाली नाम की लड़की को दिल दे बैठा। लाली को नड़ वादन सुनाने और उसे अपना बनाने के लिए के लिए वो नड़ वादक बन गया।
साल 1965 में करणाराम ने जैसलमेर और बाड़मेर के बीच एक छोटे से भू गांव में एक जमीन खरीदी, लेकिन जमीन के मालिकाना हक को लेकर करणाराम और इलियास के दरमियान विवाद शुरू हो गया। एक दिन गुस्से में करणाराम ने इलियास को उसके बेटे के सामने ही गोली मार दी, इलियास की मौत हो गई थी, लेकिन इलियास के बेटे ने करणाराम से बदला लेने की कसम खा ली। जिसके बाद करणाराम को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे उम्रक़ैद की सजा सुनाई गई थी। लोगों के मुताबिक जेल में अपनी सज़ा काटने के दौरान करणाराम ने जैसलमेर की जेल को अपने नाखूनों से फाड़ दिया था और वहां से फरार हो गया था। जेल से भागने के कुछ ही दिनों बाद करणाराम को दोबारा पकड़ लिया गया, लेकिन मूंछ और नड़वादन की कला के चलते उसे तब पैरौल मिल जाता था, जब भी किसी वीआईपी के सम्मान में लोकसंगीत का कार्यक्रम होता था। उसी दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जेल सिंह जैसलमेर आए थे।
पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जेल सिंह जब जैसलमेर आए तो करणाराम पैरोल पर बाहर था। उसे नड़वादन के लिए बुलाया गया। कहते हैं कि उसने नड़वादन से जेलसिंह को मंत्रमुग्ध कर दिया था और उसका सजा कम हो गई। पुलिस 28 साल बाद भी ये पता नहीं लगा सकी है कि करणाराम के हत्यारे पाकिस्तान में हैं या हिंदुस्तान में और उसका कटा सिर उन्होंने कहां छिपाया है। अलबत्ता 28 सालों को दौरान इतना ज़रूर हुआ कि पुलिस ने इस केस की फ़ाइल बंद कर दी। यानि करणाराम के कटे सिर का राज़ 28 साल बीत जाने के बाद आज भी एक राज़ ही बना हुआ है। करणाराम राजस्थान में कितना मशहूर है, इस बात का अंदाज़ आप इसी बात से लगा सकते हैं कि करणाराम की मौत के बाद उसकी याद में जैसलमेर में हर साल एक मूंछ प्रतियोगिता आयोजित करवाई जाती है।

बाड़मेर 19 अप्रैल शिक्षक जागृति यात्रा का बाड़मेर आगमन



बाड़मेर 19 अप्रैल शिक्षक जागृति यात्रा का बाड़मेर आगमन



राजस्थान षिक्षक संघ सियाराम द्वारा प्रदेष के षिक्षकों की समस्याएं एवं उनके समाधान हेतू सम्पूर्ण राजस्थान में 2 अप्रैल से 9 मई के मध्य से षिक्षक जागृति यात्रा चलाई जा रही है। इसी कार्यक्रम के तहत आज दिनांक 19 अप्रैल 2016 को जिलाध्यक्ष छगनसिंह लूणू ने बताया कि षिक्षकों, जनप्रतिनिधियों एवं प्रान्तीय पदाधिकारियों की उपस्थिति में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गांधी बाड़मेर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें षिक्षक षिक्षा और षिक्षार्थी के हित में मंथन किया गया तथा षिक्षा का हमारी सांस्कृतिक, सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक वातावरण पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वर्तमान सरकार षिक्षा जागृति की अनदेखी कर रही है इस पर मंथन किया गया। कार्यक्रम के जिला मंत्री मुकेष व्यास ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन एवं अध्यक्षता प्रदेष महामंत्री बृजेन्द्र शर्मा ने की। विषिष्ठ अतिथि बाड़मेर प्रधान पुष्पा चैधरी, षिक्षाविद् कमलसिंह राणीगांव, प्रदेष उपाध्यक्ष रमेष आचार्य, मानसिंह जिलाध्यक्ष जालौर थे। कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती के पुजन से किया गया। तत्पष्चात राजस्थानी संस्कृति के अनुसार स्वागत किया गया। कार्यक्रम के दौरान सुगम संस्थान की कलाकर वंदना गुप्ता ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। व्याख्याता चन्द्रवीर राव ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मेवाराम जैन ने कहा सरकार बनाने में गुरूजनों की सम्मानजनक भूमिका रहती है। षिक्षकों का वास्तव में राजनीति से कोई लेना देना नहीं होना चाहिए। समाज में षिक्षकों का स्थान सर्वोपरि है। विधायक ने कहा कि मैं षिक्षक हित के लिए हमेषा तत्पर रहूंगा।

कार्यक्रम अध्यक्ष प्रदेष महामंत्री बृजेन्द्र शर्मा ने कहा कि राजस्थान भर में 54 षिक्षक संघ है कुछ सघों को छोड़कर अधिकांष राजनेताओं की देन है । षिक्षक हित कार्य के लिए संगठन हमेषा तत्पर है और तत्पर रहेगा। षिक्षक समस्याओं पर एनपीएस, केन्द्र के समान षिक्षकों को सुविधाएं, 2012 के षिक्षकों का एरियर भुगतान आदि की मांग सहित 21 सूत्रीय मांग पत्र के साथ सरकार को मांग पत्र प्रस्तुत किया जायेगा।

विषिष्ठ अतिथि षिक्षाविद् कमलसिंह राणीगांव ने कहा कि षिक्षा हमारी आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक पहचान है वर्तमान सरकार षिक्षा जगत की अनदेखी कर रही है। सरकार द्वारा नियम विरूद्ध लागू की गई अव्यवहारिक नीतियों का संगठन विरोध करता है तथा षिक्षक षिक्षा एवं षिक्षार्थी के हित में कार्य करने की पुरजोर मांग करता है। विषिष्ठ अतिथि के रूप में प्रधान पुष्पा चैधरी ने कहा जिस सरकार ने षिक्षकों का सम्मान किया है उसी सरकार ने राज किया है। जिन्होनें षिक्षक हित में सहयोग नहीं किया तो आने वाला समय उनके लिए अनूकूल नहीं रहेगा।

जिलाध्यक्ष लूणू ने बताया कि बाड़मेर जिले के सभी ब्लाॅकों से सैकड़ों की संख्या में षिक्षकों ने षिरकत की। जिसमें बाबूराम बृजवाल, विश्राम मीणा, दामोदर आचार्य, हरीसिंह महेचा, महेन्द्र जैन, रषीद खां गौरी, अभयसिंह रेडाणा, सावंलसिंह भाटी, विषनसिंह राजपुरोहित, वनेसिंह आंटा, धाराराम, हमीराराम, विजयपालसिंह राजपुरोहित, अजय कुमार माड़ेचा, भागीरथसिंह, ओमप्रकाष लखारा, प्रषांत दवे, दिनेष कुमार, अचलसिंह दाखा, मेहरसिंह राजपुरोहित, देवेन्द्र अवस्थी, भंवरलाल चैहान, राजकमल सावंरिया, गिरधरसिंह गरल, निर्मल कुमार अवस्थी, नरेन्द्र सिंह आलोक, प्रषान्त व्यास, रायमलसिंह कोटड़ा, मगराज जांगिड़, उगमंिसह सुरा, सवाईसिंह,नाकेष व्यास,जगदीष सोनी,अम्बालाल शर्मा, महिपालसिंह चूली, मोहनसिंह सुथार, मीना मंसूरिया, मधूबाला आडा, लक्ष्मी जांगिड़, ममता डाभी, विजमा चैहान सहित सैकड़ों षिक्षक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मुकेष व्यास ने किया। कार्यक्रम संयोजक रेवन्तदान चारण ने सभी आगन्तुकों एवं समस्त षिक्षकों का आभार व्यक्त किया।

जैसलमेर इंजिनियर तनेराम मेघवाल की स्मृति मे स्वेच्छिक रक्तदान कल सुबह 9 बजे से :



जैसलमेर इंजिनियर तनेराम मेघवाल की स्मृति मे स्वेच्छिक रक्तदान कल सुबह 9 बजे से :



मेघवाल समाज नवयुवक मंडल संस्थान हमीरा के अध्यक्ष कूम्पाराम मेघवाल ने बताया कि कल 20 अप्रेल को स्व. इंजि.तनेराम मेघवाल की पंचम पुण्यतिथि का कार्यक्रम गाँव हमीरा मे रखा जायेगा । तत्पश्चात प्रात: 9 बजे स्थानीय जवाहर चिकित्सालय जैसलमेर मे संस्थान के द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर मे नवयुवक सदस्यों द्वारा रक्तदान किया जायेगा ।

बाड़मेर। महावीर जयंती पर निकली भव्य शोभायात्रा



बाड़मेर। महावीर जयंती पर निकली भव्य शोभायात्रा



छगनसिंह चौहान / बाड़मेर




बाड़मेर। भगवान महावीर की जयंती पर मंगलवार को शोभायात्रा निकाली गई। भीषण गर्मी के बावजूद जोश और भक्ति से महावीर के उद्घोष पर भक्तों की श्रद्धा झूम उठी।हर कोई भगवान महावीर को श्रद्धा से बारंबार नमन कर रहा था। सुबह से ही जैन न्याति नोहरे में महिलाओं की टोली महोत्सव में भागीदारी के लिए श्रद्धा से पहुंची। जिनशासन की जयघोष के साथ भगवान महावीर स्वामी की तस्वीर, ऊंटों एवं घोड़ों पर सवार जैन ध्वज लिए श्रावक थे।बैंड पर महावीर के भजनों का गुणगान गूंज रहा था। ढोल पार्टी के आगे युवक जोश से नृत्य करते हुए चल रहे थे।




फूलों से सजे रथ में भगवान महावीर विराजे जिन्हें हर कोई श्रद्धा से नमन कर रहा था। नासिक ढोल पार्टी, नन्हे-मुन्ने बालक-बालिकाओं के हाथों में जैन ध्वज एवं भगवान महावीर के संदेश लिखी तख्तियां थीं।भगवान महावीर के जीवन चरित्र से जुड़ी झांकियों से पूरा वातावरण भगवान महावीर के जयकारों से गूंज उठा। जुलूस में सबसे आगे जैन ध्वज लेकर चल रहे थे। भगवान महावीर के जीवन दर्शन एवं सिद्धांतों तथा जैन संस्कृति को दर्शाती झांकियां, महिला एवं युवामंडल के सदस्य, स्वर्ण मंडित रथ पर भगवान महावीर का चित्र, तथा बड़ी संख्या में भक्तगण नाचते गाते सम्मिलित हुए।शोभायात्रा का जगह-जगह पुष्पवर्षा कर व आरती उतारकर स्वागत किया गया। शोभा यात्रा के स्वागत में जगह-जगह तोरणद्वार सजाए गए।शोभायात्रा शहर के ढाणी बाजार ,लक्ष्मी बाजार ,गांधी चौक ,स्टेशन रोड ,शुभाष चौक ,कल्याणपूरा से होते हुये प्रताप जी की प्रोल से आराधन भवन पहुंची।।