बागरा । कस्बे मे सोमवार दोपहर नाडी में डूबने से चार बच्चों की मौत हो गई। ये नाडी में नहाने गए थे। ग्रामीणों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद चारों शवों को बाहर निकाला।
जानकारी के अनुसार कस्बे में उगमणावास बागरा निवासी उत्तमसिंह (15) पुत्र बलवंतसिंह राजपूत, हुकुमसिंह (10) पुत्र शैतानसिंह राजपूत, महेन्द्र (15) पुत्र रमेश भील और ईश्वरसिंह (12) पुत्र गणपतसिंह राजपूत पास ही स्थित वोकली नाडी पर पशुओं को चराने गए थे। दोपहर करीब दो बजे चारों बच्चे नाडी में नहाने के लिए उतर गए। नाडी में पानी ज्यादा गहरा होने की वजह से चारों बच्चे पानी में डूबने लगे। इसी दौरान पास ही में एक खेत से एक महिला और कुछ बच्चे गुजर रहे थे। जिन्होंने इन बालकों के डूबने की सूचना ग्रामीणों को दी।
जानकारी मिलते ही ग्रामीण और थानाधिकारी जसाराम मेघवाल तुरंत नाडी पर पहुंचे, लेकिन तब तक ये चारों डूब चुके थे। इसके बाद करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद चारों शवों को बाहर निकाला गया। चारों के शव जैसे ही इनके घरों में पहुंचे वहां कोहराम मच गया। चारों के पिता किसान हैं। मृतक हुकमसिंह का पिता शैतानसिंह दक्षिण राज्यों में नौकरी भी करता है। वह इन दिनों अपने घर आया हुआ है।
जानकारी के अनुसार कस्बे में उगमणावास बागरा निवासी उत्तमसिंह (15) पुत्र बलवंतसिंह राजपूत, हुकुमसिंह (10) पुत्र शैतानसिंह राजपूत, महेन्द्र (15) पुत्र रमेश भील और ईश्वरसिंह (12) पुत्र गणपतसिंह राजपूत पास ही स्थित वोकली नाडी पर पशुओं को चराने गए थे। दोपहर करीब दो बजे चारों बच्चे नाडी में नहाने के लिए उतर गए। नाडी में पानी ज्यादा गहरा होने की वजह से चारों बच्चे पानी में डूबने लगे। इसी दौरान पास ही में एक खेत से एक महिला और कुछ बच्चे गुजर रहे थे। जिन्होंने इन बालकों के डूबने की सूचना ग्रामीणों को दी।
जानकारी मिलते ही ग्रामीण और थानाधिकारी जसाराम मेघवाल तुरंत नाडी पर पहुंचे, लेकिन तब तक ये चारों डूब चुके थे। इसके बाद करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद चारों शवों को बाहर निकाला गया। चारों के शव जैसे ही इनके घरों में पहुंचे वहां कोहराम मच गया। चारों के पिता किसान हैं। मृतक हुकमसिंह का पिता शैतानसिंह दक्षिण राज्यों में नौकरी भी करता है। वह इन दिनों अपने घर आया हुआ है।