मंगलवार, 23 अगस्त 2011

नाडी में डूबने से चार बच्चों की मौत


बागरा । कस्बे मे सोमवार दोपहर नाडी में डूबने से चार बच्चों की मौत हो गई। ये नाडी में नहाने गए थे। ग्रामीणों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद चारों शवों को बाहर निकाला।

जानकारी के अनुसार कस्बे में उगमणावास बागरा निवासी उत्तमसिंह (15) पुत्र बलवंतसिंह राजपूत, हुकुमसिंह (10) पुत्र शैतानसिंह राजपूत, महेन्द्र (15) पुत्र रमेश भील और ईश्वरसिंह (12) पुत्र गणपतसिंह राजपूत पास ही स्थित वोकली नाडी पर पशुओं को चराने गए थे। दोपहर करीब दो बजे चारों बच्चे नाडी में नहाने के लिए उतर गए। नाडी में पानी ज्यादा गहरा होने की वजह से चारों बच्चे पानी में डूबने लगे। इसी दौरान पास ही में एक खेत से एक महिला और कुछ बच्चे गुजर रहे थे। जिन्होंने इन बालकों के डूबने की सूचना ग्रामीणों को दी।

जानकारी मिलते ही ग्रामीण और थानाधिकारी जसाराम मेघवाल तुरंत नाडी पर पहुंचे, लेकिन तब तक ये चारों डूब चुके थे। इसके बाद करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद चारों शवों को बाहर निकाला गया। चारों के शव जैसे ही इनके घरों में पहुंचे वहां कोहराम मच गया। चारों के पिता किसान हैं। मृतक हुकमसिंह का पिता शैतानसिंह दक्षिण राज्यों में नौकरी भी करता है। वह इन दिनों अपने घर आया हुआ है

कहासुनी में भतीजे ने की चाचा की हत्या

कहासुनी में भतीजे ने की चाचा की हत्या

बाड़मेर सिवाना उपखंड क्षेत्र के कुंडल सरहद में वेरानाडी मार्ग पर मामूली कहासुनी को लेकर एक भतीज ने अपने चाचा की लाठी से पीट पीट कर हत्या कर दी। थानाधिकारी रामवीरसिंह जाखड़ के अनुसार रविवार शाम छह बजे वेरानाडी गांव की मुख्य सड़क पर किराणे की दुकान पर खड़े पन्नाराम(45) पुत्र आसूराम निवासी वेरानाडी कुंडल व बाबूराम पुत्र जोगाराम निवासी वेरानाडी कुंडल के बीच चारे की बात को लेकर मामूली कहासुनी हुई।

तैश में आए बाबूराम ने अपने चाचा पन्नाराम पर लाठी से दनादन वार कर दिए। घातक प्रहार से पन्नाराम बेसुध होकर गिर पड़ा। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने गंभीर अवस्था में उसे राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया। रेफर करने से पूर्व ही पन्नाराम ने दम तोड़ दिया। मृतक के भाई सूजाराम की रिपोर्ट पर पुलिस ने भादंसं की धारा 302 के तहत प्रकरण दर्ज कर आरोपी बाबूराम को गिरफ्तार किया। पुलिस उप अधीक्षक रामेश्वरलाल मेघवाल ने घटना स्थल पर पहुंचकर मौका मुआयना किया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद परिजनों को सुपुर्द किया। मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया।

हत्या का मामला दर्ज
मामूली कहासुनी के चलते हत्या हुई है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जांच चल रही है।
- रामेश्वरलाल मेघवाल,पुलिस उप अधीक्षक

जय जाहर वीर गोगाजी



वीर गोगाजी गुरुगोरखनाथ के परमशिस्य थे। चौहान वीर गोगाजी का जन्म विक्रम संवत 1003 में चुरू जिले के ददरेवा गाँव में हुआ था सिद्ध वीर गोगादेव के जन्मस्थान, जो राजस्थान के चुरू जिले के दत्तखेड़ा में स्थित है। जहाँ पर सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग मत्था टेकने के लिए दूर-दूर से आते हैं।कायम खानी मुस्लिम समाज उनको जाहर पीर के नाम से पुकारते हैं तथा उक्त स्थान पर मत्‍था टेकने और मन्नत माँगने आते हैं। इस तरह यह स्थान हिंदू और मुस्लिम एकता का प्रतीक है।मध्यकालीन महापुरुष गोगाजी हिंदू, मुस्लिम, सिख संप्रदायों की श्रद्घा अर्जित कर एक धर्मनिरपेक्ष लोकदेवता के नाम से पीर के रूप में प्रसिद्ध हुए। गोगाजी का जन्म राजस्थान के ददरेवा (चुरू) चौहान वंश के राजपूत शासक जैबर (जेवरसिंह) की पत्नी बाछल के गर्भ से गुरु गोरखनाथ के वरदान से भादो सुदी नवमी को हुआ था। चौहान वंश में राजा पृथ्वीराज चौहान के बाद गोगाजी वीर और ख्याति प्राप्त राजा थे। गोगाजी का राज्य सतलुज सें हांसी (हरियाणा) तक था।

लोकमान्यता व लोककथाओं के अनुसार गोगाजी को साँपों के देवता के रूप में भी पूजा जाता है। लोग उन्हें गोगाजी चौहान, गुग्गा, जाहिर वीर व जाहर पीर के नामों से पुकारते हैं। यह गुरु गोरक्षनाथ के प्रमुख शिष्यों में से एक थे। राजस्थान के छह सिद्धों में गोगाजी को समय की दृष्टि से प्रथम माना गया है। जयपुर से लगभग 250 किमी दूर स्थित सादलपुर के पास दत्तखेड़ा (ददरेवा) में गोगादेवजी का जन्म स्थान है। दत्तखेड़ा चुरू के अंतर्गत आता है। गोगादेव की जन्मभूमि पर आज भी उनके घोड़े का अस्तबल है और सैकड़ों वर्ष बीत गए, लेकिन उनके घोड़े की रकाब अभी भी वहीं पर विद्यमान है। उक्त जन्म स्थान पर गुरु गोरक्षनाथ का आश्रम भी है और वहीं है गोगादेव की घोड़े पर सवार मूर्ति। भक्तजन इस स्थान पर कीर्तन करते हुए आते हैं और जन्म स्थान पर बने मंदिर पर मत्‍था टेककर मन्नत माँगते हैं।आज भी सर्पदंश से मुक्ति के लिए गोगाजी की पूजा की जाती है. गोगाजी के प्रतीक के रूप में पत्थर या लकडी पर सर्प मूर्ती उत्कीर्ण की जाती है. लोक धारणा है कि सर्प दंश से प्रभावित व्यक्ति को यदि गोगाजी की मेडी तक लाया जाये तो वह व्यक्ति सर्प विष से मुक्त हो जाता है. भादवा माह के शुक्ल पक्ष तथा कृष्ण पक्ष की नवमियों को गोगाजी की स्मृति में मेला लगता है. उत्तर प्रदेश में इन्हें जहर पीर तथा मुसलमान इन्हें गोगा पीर कहते हैं

हनुमानगढ़ जिले के नोहर उपखंड में स्थित गोगाजी के पावन धाम गोगामेड़ी स्थित गोगाजी का समाधि स्थल जन्म स्थान से लगभग 80 किमी की दूरी पर स्थित है, जो साम्प्रदायिक सद्भाव का अनूठा प्रतीक है, जहाँ एक हिन्दू व एक मुस्लिम पुजारी खड़े रहते हैं। श्रावण शुक्ल पूर्णिमा से लेकर भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा तक गोगा मेड़ी के मेले में वीर गोगाजी की समाधि तथा गोगा पीर व जाहिर वीर के जयकारों के साथ गोगाजी तथा गुरु गोरक्षनाथ के प्रति भक्ति की अविरल धारा बहती है। भक्तजन गुरु गोरक्षनाथ के टीले पर जाकर शीश नवाते हैं, फिर गोगाजी की समाधि पर आकर ढोक देते हैं। प्रतिवर्ष लाखों लोग गोगा जी के मंदिर में मत्था टेक तथा छड़ियों की विशेष पूजा करते हैं।

प्रदेश की लोक संस्कृति में गोगाजी के प्रति अपार आदर भाव देखते हुए कहा गया है कि गाँव-गाँव में खेजड़ी, गाँव-गाँव में गोगा वीर गोगाजी का आदर्श व्यक्तित्व भक्तजनों के लिए सदैव आकर्षण का केन्द्र रहा है। गोरखटीला स्थित गुरु गोरक्षनाथ के धूने पर शीश नवाकर भक्तजन मनौतियाँ माँगते हैं।विद्वानों व इतिहासकारों ने उनके जीवन को शौर्य, धर्म, पराक्रम व उच्च जीवन आदर्शों का प्रतीक माना है।लोक देवता जाहरवीर गोगाजी की जन्मस्थली ददरेवा में भादवा मास के दौरान लगने वाले मेले के दृष्टिगत पंचमी (सोमवार) को श्रद्धालुओं की संख्या में और बढ़ोतरी हुई। मेले में राजस्थान के अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश व गुजरात सहित विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। जातरु ददरेवा आकर न केवल धोक आदि लगाते हैं बल्कि वहां अखाड़े (ग्रुप) में बैठकर गुरु गोरक्षनाथ व उनके शिष्य जाहरवीर गोगाजी की जीवनी के किस्से अपनी-अपनी भाषा में गाकर सुनाते हैं। प्रसंगानुसार जीवनी सुनाते समय वाद्ययंत्रों में डैरूं व कांसी का कचौला विशेष रूप से बजाया जाता है। इस दौरान अखाड़े के जातरुओं में से एक जातरू अपने सिर व शरीर पर पूरे जोर से लोहे की सांकले मारता है। मान्यता है कि गोगाजी की संकलाई आने पर ऐसा किया जाता है। गोरखनाथ जी से सम्बंधित एक कथा राजस्थान में बहुत प्रचलित है। राजस्थान के महापुरूष गोगाजी का जन्म गुरू गोरखनाथ के वरदान से हुआ था। गोगाजी की माँ बाछल देवी निःसंतान थी। संतान प्राप्ति के सभी यत्न करने के बाद भी संतान सुख नहीं मिला। गुरू गोरखनाथ ‘गोगामेडी’ के टीले पर तपस्या कर रहे थे। बाछल देवी उनकी शरण मे गईं तथा गुरू गोरखनाथ ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया और एक गुगल नामक फल प्रसाद के रूप में दिया। प्रसाद खाकर बाछल देवी गर्भवती हो गई और तदुपरांत गोगाजी का जन्म हुआ। गुगल फल के नाम से इनका नाम गोगाजी पड़ा|

सोमवार, 22 अगस्त 2011

Happy Janmashtami - Nand Ke Anand Bhayo ( Krishna Bhajan )

एनआरआई दुल्हन 14 लाख लेकर फरार

मंडी गोबिंदगढ़. गांव कौलगढ़ का जसविंदर सिंह एक एनआरआई लुटेरी दुल्हन का शिकार हो गया। महिला ने जसविंदर से पहले शादी रचाई और फिर 14 लाख रुपए लेकर कैनेडा भाग गई।

ढाई साल से अपनी बीवी का इंतजार कर रहा जसविंदर सिंह आखिरकार पुलिस की शरण में चला गया। जसविंद्र सिंह की शिकायत पर अमलोह पुलिस ने कैनेडा में रह रही महिला रितू शर्मा और उसके दो भाइयों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

पुलिस ने आरोपी महिला के एक

भाई राजेश कुमार निवासी जगदीशपुरा, लुधियाना को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। रितू के दूसरे भाई अशोक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है जबकि कैनेडा में होने के कारण रितू की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

एनआरआई दुल्हन..

गांव कौलगढ़ के जसविंद्र सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि नवंबर, 2008 में भारत आई रितू ने उससे रूपिंद्र कौर बनकर एग्रीमेंट किया कि शादी के बाद वह उसे कैनेडा ले जाएगी। इसके लिए उसने 14 लाख रुपए की मांग की।

13 नवंबर 2008 को धूमधाम से लुधियाना के मैरिज पैलेस में शादी की। कुछ दिन तो सबकुछ ठीक-ठाक रहा। इस दौरान रितू उससे रुपए की मांग करती रही। कुछ दिन बाद ही जसविंदर ने अपनी जमीन गिरवी रखकर 14 लाख रुपए रितू को दे दिए।

इसके तुरंत बाद रितू यह कहकर कैनेडा चली गई कि वह जल्द ही उसे भी बुला लेगी और दोनों कैनेडा में ही रहेंगे। लेकिन इस बात को ढाई साल हो गए लेकिन जसविंदर को अपनी दुल्हन का कोई पता नहीं चला। रितू ने न तो जसविंद्र को कैनेडा बुलाया और न ही कोई खोज खबर ली। जसविंद्र ने आरोप लगाया कि उसके साथ हुई जालसाजी में रितू के दो भाई राजेश और अशोक शामिल थे।

एनआरआई दुल्हन 14 लाख लेकर फरार

मंडी गोबिंदगढ़. गांव कौलगढ़ का जसविंदर सिंह एक एनआरआई लुटेरी दुल्हन का शिकार हो गया। महिला ने जसविंदर से पहले शादी रचाई और फिर 14 लाख रुपए लेकर कैनेडा भाग गई।

ढाई साल से अपनी बीवी का इंतजार कर रहा जसविंदर सिंह आखिरकार पुलिस की शरण में चला गया। जसविंद्र सिंह की शिकायत पर अमलोह पुलिस ने कैनेडा में रह रही महिला रितू शर्मा और उसके दो भाइयों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

पुलिस ने आरोपी महिला के एक

भाई राजेश कुमार निवासी जगदीशपुरा, लुधियाना को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। रितू के दूसरे भाई अशोक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है जबकि कैनेडा में होने के कारण रितू की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

एनआरआई दुल्हन..

गांव कौलगढ़ के जसविंद्र सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि नवंबर, 2008 में भारत आई रितू ने उससे रूपिंद्र कौर बनकर एग्रीमेंट किया कि शादी के बाद वह उसे कैनेडा ले जाएगी। इसके लिए उसने 14 लाख रुपए की मांग की।

13 नवंबर 2008 को धूमधाम से लुधियाना के मैरिज पैलेस में शादी की। कुछ दिन तो सबकुछ ठीक-ठाक रहा। इस दौरान रितू उससे रुपए की मांग करती रही। कुछ दिन बाद ही जसविंदर ने अपनी जमीन गिरवी रखकर 14 लाख रुपए रितू को दे दिए।

इसके तुरंत बाद रितू यह कहकर कैनेडा चली गई कि वह जल्द ही उसे भी बुला लेगी और दोनों कैनेडा में ही रहेंगे। लेकिन इस बात को ढाई साल हो गए लेकिन जसविंदर को अपनी दुल्हन का कोई पता नहीं चला। रितू ने न तो जसविंद्र को कैनेडा बुलाया और न ही कोई खोज खबर ली। जसविंद्र ने आरोप लगाया कि उसके साथ हुई जालसाजी में रितू के दो भाई राजेश और अशोक शामिल थे।

इस्लाम विरोधी है अन्ना का आंदोलनः बुखारी

दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैय्यद अहमद बुखारी ने मुसलमानों से कहा है कि वे अन्ना के आंदोलन से दूर रहें। उनका कहना है कि अन्ना का आंदोलन इस्लाम विरोधी है क्योंकि इसमें वंदे मातरम और भारत माता की जय जैसे नारे लग रहे हैं। हालांकि रविवार को देश की प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्था दारुल उलूम, देवबंद ने गांधीवादी अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दे के साथ होने का दावा किया था। दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने अन्ना के आंदोलन का समर्थन किया है।
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बुखारी ने कहा, ' इस्लाम मातृभूमि और देश की पूजा में विश्वास नहीं करता है। यह उस मां की पूजा की पूजा को भी सही नहीं ठहराता, जिसके गर्भ में बच्चे का विकास होता है। ऐसे में मुसलमान इस आंदोलन से कैसे जुड़ सकते हैं, जो इस्लाम के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। इसीलिए मैंने मुसलमानों को इस आंदोलन से दूर रहने को कहा है। 'बुखारी के इस आह्वान के बाद वंदे मातरम पर विवाद एक बार फिर उठ खड़ा हुआ है।

हालांकि इस आंदोलन से प्रशांत भूषण और शांति भूषण जैसे शख्स जुड़े हैं, जिन्होंने गुजरात दंगे के मामले पर नरेंद्र मोदी काफी विरोध किया था। फिर भी शाही इमाम इस आंदोलन के आलोचक हैं। उनका कहना है कि देश के लिए करप्शन से बड़ा मुद्दा सांप्रदायिकता है और देश को इससे ज्यादा खतरा है। उन्होंने कहा, ' अगर अन्ना इस आंदोलन में सांप्रदायिकता को भी मु्द्दा बनाते हैं, तो मैं इस बारे में आश्वस्त हो सकता हूं। ' बुखारी ने अन्ना के आंदोलन को मिल रहे फंड के बारे में सवाल उठाया और आरोप लगाया कि अन्ना आरएसएस और बीजेपी के साथ मिले हुए हैं और राजनीति कर रहे हैं।

गौरतलब है कि देश की प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्था दारुल उलूम, देवबंद ने रविवार को कहा था कि वह गांधीवादी अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दे के साथ है, लेकिन एक शिक्षण संस्थान के रूप में उनके आंदोलन का समर्थन नहीं कर सकती। दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने अन्ना का समर्थन किया है। ऑल इंडिया महिला मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की प्रमुख शाइस्ता अंबर ने भी कहा है कि उनका संगठन अन्ना के आंदोलन का समर्थन करता है।

अन्ना के समर्थन में आगे आए कांग्रेस सांसद

नई दिल्ली ।। अपने-अपने इलाके के सांसदों के घर पर प्रदर्शन करने की टीम अन्ना की अपील का असर दिखने लगा है। एक तरफ जहां सांसदों के घरों पर प्रदर्शन की खबरें आ रही हैं, वहीं अन्ना का समर्थन में सांसदों के बयान भी आने लगे हैं। कई कांग्रेस सांसदों ने भी बयान जारी कर या तो सरकार की खिंचाई की है या अन्ना का समर्थन किया है।
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महाराष्ट्र के वर्धा से कांग्रेस सांसद दत्ता मेघे अन्ना हजारे के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार और कांग्रेस को अन्ना हजारे के आंदोलन को समझने में भूल कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अन्ना के खिलाफ आरोप लगाने वाले कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी को अपने उस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।

कांग्रेस सांसद प्रिया दत्त ने भी अन्ना की मुहिम का समर्थन कर दिया है। उन्होंने लोकपाल बिल पर सरकार के रुख की परोक्ष तौर पर निंदा करते हुए कहा है कि वह सरकारी लोकपाल बिल को उपयुक्त नहीं मानतीं। प्रिया दत्त ने कहा है कि उनकी निजी राय में सरकार का लोकपाल बिल कमजोर है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि एक सांसद के रूप में लोकपाल बिल पर उनकी अपनी एक राय है और वह न तो सरकार के दबाव में आना चाहेंगी और न ही जनता के दबाव में।

लिव-इन रिलेशन में रहने वाली लड़की का शव मिला

वसंत कुंज 
लिव-इन रिलेशन में रहने वाली एक लड़की का शव साउथ दिल्ली के महिपालपुर गांव में एक कमरे से मिला है। पुलिस का कहना है कि प्राथमिक जांच में यह नहीं लग रहा है कि उसकी हत्या की गई है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए एम्स भिजवा दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही असलियत का पता लगेगा।

पुलिस ने बताया कि वसंत कुंज (नॉर्थ) पुलिस थाना इलाके में 20 साल की सोनिया अपने एक साथी राकेश के साथ करीब सात महीने से लिव-इन रिलेशन में रह रही थी। दोनों किराए पर रहते थे और एयरपोर्ट पर कार्गो सेक्टर में काम करते थे। शनिवार रात करीब 12 बजे मकान मालिक ने पुलिस को फोन करके बताया कि उनके कमरे में रहने वाली एक लड़की बेड पर अचेतावस्था में पड़ी हुई है। मौके पर पहुंची पुलिस उसे अस्पताल में ले गई जहां डॉक्टरों ने सोनिया को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि भोपाल का रहने वाला राकेश अभी पुलिस के सामने नहीं आया है। सोनिया यूपी के मुजफ्फरनगर की रहने वाली थी। उसके घर वालों को सूचना दे दी गई है।